अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। शुक्रवार को बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक वि0वि0 बाँदा के अर्न्तगत संचालित वानिकी महाविद्यालय के तत्वाधान में कुलपति सभागार कक्ष में उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर और बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक वि0वि0, बाँदा के बीच में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये है। कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह तथा उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के निदेशक डा0 जी0 आर0 राव ने समझौते पर हस्ताक्षर कर द्विपक्षीय दस्तावेज एक दूसरे को सौपें। यह समझौता बुन्देलखण्ड के जलवायु में वानिकी के महत्व को देखते हुए एक सराहनीय कदम है। कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् यह पहला समझौता किसी राष्ट्रीय संस्थान के साथ हुआ है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस समझौते के माध्यम से हम वानिकी महाविद्यालय के अर्न्तगत संचालित विभिन्न विभागों के साथ-साथ अध्ययनरत छात्रों के अध्ययन, शोध कार्य, संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रशिक्षण, साझा शोध परियोजनाएं व क्षमतावर्धन कार्यक्रम के क्षेत्र में विभिन्न अवसर प्राप्त होंगें। बुन्देलखण्ड के पर्यावरण को देखते हुए वानिकी महत्व के विभिन्न पेड़-पौधों के विकास एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान विकसित कर कृषकों एवं युवाओं को रोजगार सृजन में आसानी होगी। समझौते के अनुसार यहां के शोधार्थी छात्र शोध हेतु संस्थान में शोध कार्य कर सकते है।
उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डा0 जी0 आर0 राव ने इस समझौते को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने बताया कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनायी है, और आने वाले समय में यह दोनों संस्थानें मिलकर वानिकी के क्षेत्र में बुन्देलखण्ड में कृषकोपयोगी तकनीकियां विकसित कर कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी करने का प्रयास करेंगी। वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा0 संजीव कुमार ने इस समझौते के लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं।
डा0 संजीव कुमार ने बताया कि यह समझौता महाविद्यालय के शिक्षा, शोध, व प्रसार गतिविधियों में तेजी लाएगा। शोधार्थी छात्रों के लिये शोध के लिये नये आयाम विकसित होंगे जिसका फायदा इस क्षेत्र के कृषकों को वानिकी के क्षेत्र में नई तकनीकी के रूप में मिलेंगी। उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के परिस्थितिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 अविनाश जैन ने इस समझौतें को क्षेत्र के लिये आवश्यक और जरूरी कदम बताया। समझौता ज्ञापन के दौरान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डा0एन0 के0 बाजपेयी,अधिष्ठाता उद्यान, डा0 एस0वी द्विवेदी, अधिष्ठाता कृषि, डा0जी0एस0 पंवार, एवं वित्त नियंत्रक डा0 अजीत सिंह उपस्थिति रहे।
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