- जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों को नहीं मिल रही स्टेशनरी
- सीएमएस बोले : पुराने सामान की होनी है नीलामी
बांदा। पांच माह पहले तबादला होने के बाद भी लिपिक ने अभी तक किसी को चार्ज नहीं दिया। इससे स्वास्थ्य कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक सप्ताह बाद जब लिपिक आते हैं तभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को जरूरी सामान दिया जाता है। सीएमएस भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। सीएमएस का कहना है कि चार्ज लेने वाला कोई नहीं है। पुराने सामानों की नीलामी होना है। जिला अस्पताल में तैनात लिपिक पंकज त्रिपाठी का करीब पांच माह पूर्व तबादला कर दिया गया है। उनके पास स्टोर का चार्ज है। बेड, कुर्सी समेत, कंटीजेंशी आदि सामान वही देखते हैं।
ट्रांसफर होने के बाद भी उन्होंने किसी को चार्ज नहीं दिया। इससे स्वास्थ्य कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि लिपिक एक सप्ताह या 10 दिन में जब वह वापस आते हैं, तभी उनको सामान उपलब्ध हो पाता है। एक-एक सप्ताह सामान के लिए इंतजार करना पड़ता है। शनिवार से नया वर्ष चालू होगा, ऐसे में सारे रजिस्टर नए बदले जाते हैं। हर काम नए सिरे से होता है। लेकिन लिपिक के न होने की वजह से रजिस्टर आदि नहीं मिल पा रहे। सीएमएस एसएन मिश्र का कहना है कि उनके पास कोई बाबू नहीं है जो चार्ज ले सके। फिर पुराने सामानों की नीलामी होना है। नीलामी होने के बाद चार्ज की व्यवस्था की जाएगी।
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