वर्ल्ड एमेच्योर शोतो कान कराटे प्रतियोगिता बारासात में सम्पन्न



कोलकाता/बारासात। वर्ल्ड एमेच्योर शोतो कान कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा स्वर्गीय बिनॉय सरकार ओपन कराटे प्रतियोगिता का आयोजन कोलकाता के बारासात पश्चिम बंगाल में संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में राज्यभर के 700 कराटेकारो ने भाग लिया तथा वर्ल्ड एमेच्योर शोतो कान कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया के 52 प्रशिक्षक उपस्थित रहे व प्रतियोगिता आयोजन में सहयोग किया। इस प्रतियोगिता में मुख्य रूप से उपस्थित वर्ल्ड एमेच्योर शोतो कान कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष क्युशी सुमन रॉय (ब्लैक बेल्ट  सातवीं डिग्री यूएसए) ने संबोधित करते हुए शोतो कान कराटे पर कहा कि 20 वीं शताब्दी की शुरुआत के आसपास इस शैली के निर्माता गिचिन फनाकोशी थे।फनाकोशी ने एक बच्चे के रूप में, जल्दी ही कराटे सीखना शुरू किया, और उस समय से ही वह मार्शल आर्ट के साथ प्यार में गिर गया और हमेशा अधिक ज्ञान प्राप्त करने की मांग की। 

ज्ञान के लिए इस खोज में कई स्वामी द्वारा सिखाया जा रहा है। वह आखिर में एक मास्टर भी बन गया और अपने स्वयं के डोजो को खोला, वर्ष 1936 के आसपास। अपने गुरु के सम्मान में चेलों ने डोजो के द्वार पर “शोतो कान” नामक एक संकेत दिया जो शोतो से प्राप्त हुआ था, जिसके द्वारा वह बुलाया गया था। हालांकि फुनाकोशी ने कहा कि कराटे में केवल एक शैली थी और डोजोस के बीच केवल मतभेद थे क्योंकि उनके स्वामी ने उनकी इच्छा की पढ़ाई की थी, शोतोकान शैली का जन्म हुआ था। कई सालों के बाद और फिर इस शैली के संस्थापक की मौत के साथ शैली के भविष्य के बारे में कुछ असहमतियां थीं, और अधिक कड़ाई से प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए या नहीं। फुकनॉशी का मानना ​​था कि कराटे का इस्तेमाल प्रतियोगिताओं में नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन आत्मरक्षा में इस्तेमाल होने वाला कुछ था और इसमें मन और शरीर का संतुलन होना चाहिए और न कि सबसे अच्छा कौन था। 

आज कराटे की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है जिसे अन्तर राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटि ने मान्यता प्रदान कर रखी है वही अधिकतम विद्यालयों ने कराटे को अपने पाठ्यक्रम में सम्मलित कर रखा है। इस प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं ने काता और कुमेती का प्रदर्शन कर लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया, प्रतियोगियों में संगीता सरदार (काता सिल्वर मेडल), चंद्रिमा सरदार (काता ब्रॉन्ज व कुमेती गोल्ड मेडल), सुप्रिया मंडल (काता ब्रॉन्ज व कुमेती सिल्वर मेडल), सुन्निध्या रॉय (काता ब्रॉन्ज मेडल) संपद दास (काता ब्रॉन्ज मेडल), सोहनी दस (काता ब्रॉन्ज मेडल) अभिज्ञान मंडल (काता गोल्ड मेडल) साबुज प्रमाणिक (काता गोल्ड मेडल) तथा सुशावन सरदार (काता सिल्वर मेडल) के साथ प्रमाण पत्र पाकर सम्मानित हुए। अतः प्रशिक्षक सुकल्याण रॉय व संजीब हल्दर ने भी कराटे प्रतियोगिता के उपलक्ष में अपनी बात रखी तथा प्रतियोगिता का धन्यवाद ज्ञापन सुभाष मित्रा ने की।

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