चुनाव आयोग ने मतदानकर्मियों के भत्ते में किया इजाफा तो भारतीय मतदाता महासभा ने मतदाता के लिए मांगा भत्ता

राजेश कुमार शास्त्री, ब्यूरो चीफ

नई दिल्ली। भारतीय मीडिया फाउंडेशन एवं भारतीय मतदाता महासभा के संस्थापक व अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अधिकार महामोर्चा के अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एके बिंदुसार ने कहाकि अब मतदानकर्मियों को 30 फीसदी ज्यादा भत्ता मिलेगा।  निर्वाचन आयोग ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह फैसला लिया है। इस फैसले का भारतीय मतदाता महासभा एवं भारतीय मीडिया फाउंडेशन स्वागत करता  है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मतदान कर्मियों के द्वारा ही खबर प्रकाश में आई थी पहले मतदान के दौरान ड्यूटी करने वाले पीठासीन अधिकारी का भत्ता 250 रुपए था। अब उन्हें 350 रुपए मिलेंगे। इसके अलावा मतदानकर्मियों का भत्ता 175 रुपए से बढ़ाकर 250 रुपए कर दिया गया है। वहीं, नाश्ते के लिए उन्हें 100 की बजाय अब 150 रुपए मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि जो खबर प्रकाश में आई है उसके अनुसार जो बजट है वह मतदानकर्मियों और पोलिंग बूथ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को भत्ता देने के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद ने विभिन्न जिलों को रकम आवंटित करने का काम शुरू कर दिया है। इस रकम में भत्ते के साथ ही वाहनों के संचालन (पेट्रोल /डीजल खर्च) और बसों का किराया भी शामिल है। श्री एके बिंदुसार ने कहा कि मतदान कर्मियों के लिए जो सरकार ने व्यवस्था की है वह बहुत ही सराहनीय है। 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति मतदाता है जो महंगाई की मार झेल रहा है यह किसी से छिपा नहीं है  जो संविधान के नियमानुसार देश का असली मालिक है लेकिन आज वह फटेहाल हालत में जी रहा है, भारत निर्वाचन आयोग से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि देश के मतदाता बंधुओं को भी इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मतदाता सुरक्षा भत्ता के रूप में कम से कम 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि जिस दिन भारत निर्वाचन आयोग मतदाताओं के सुरक्षा की गारंटी लेते हुए उन्हें भी भत्ता के रूप में मतदान के दिन रू 300 देना प्रारंभ कर देगी उस दिन शत-प्रतिशत मतदान भी होगा और आसानी से लोग अपना समय निकालकर मतदान में हिस्सा लेंगे उन्होंने कहा कि मतदाता आज मतदान करने से भागते हैं तो उसके पीछे भी कई कारण है। 

पहला मनपसंद उम्मीदवार ना होना अपराधी किस्म के उम्मीदवार को चुनाव लड़ने की खुली छूट के कारण वही दूसरा कारण है देश का मतदाता आर्थिक संकटों से गुजर रहा है अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए 2 जून की रोटी के कारण वह मतदान स्थल पर जाने से कतरा रहा है और वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कहीं न कहीं जाकर मजदूरी करता है दिनभर की मजदूरी से उसे जो मिलता है उससे वह अपने परिवार का भरण पोषण आसानी से कर लेता है। 

उन्होंने एक और कारण को बताते हुए कहा कि मतदाता निष्पक्ष और निडर होकर मतदान कर सकता है और कोई उम्मीदवार उसे पैसे से खरीदने की कोशिश नहीं कर सकता और मतदाता बिकेगा भी नहीं अगर भारत सरकार द्वारा यह व्यवस्था लाई जाए मतदाता सुरक्षा भत्ता दिया जाए तो देश की तकदीर और तस्वीर बदल सकती हैं। 

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट एवं भारत निर्वाचन आयोग से मांग करते हुए कहा कि इस पर विचार किया जाए निश्चित है स्वच्छ एवं स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने देश के मतदाता बंधुओं से शत प्रतिशत मतदान करने की अपील की उन्होंने कहा कि संघर्ष जारी रखें लेकिन अपने लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान अनिवार्य रूप से करें मतदान करना आपका परम कर्तव्य है आपको अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटना हैं।

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