DM की मुहिम रंग लाई, First Division पास हुए मतदाता

  • खबर लिखे जाने तक 60 प्रतिशत से अधिक पहुंचा मतदान का प्रतिशत
  • मतदान को लेकर युवाओं व महिलाओं में दिखा खासा उत्साह

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। बुधवार को विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में जिले के करीब डेढ़ हजार से अधिक मतदेय स्थलों पर लोगों खाकी के सख्त पहरे के बीच अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुबह 7 बजे से हुई मतदान की शुरूआत के बाद धीरे धीरे मतदान की रफ्तार बढ़ती गई और मतदान समाप्त होते होते करीब 60 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने वोट डाले। गुब्बारों और रंग बिरंगी लड़ियों से सजे धजे मतदान केंद्रों में सेल्फी प्वाइंट लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। वोट डालने के बाद महिलाओं और युवाओं ने जमकर सेल्फी ली और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया। डीएम अनुराग पटेल, एसपी अभिनंदन और चुनाव प्रेक्षकों के साथ सभी जिला स्तरीय अफसर मतदान की प्रक्रिया का जायजा लेते रहे। हालांकि इक्का दुक्का जगहों को छोड़कर पूरे जिले में शांतिपूर्ण मतदान निपट गया। कई मतदान केंद्रों में मतदाता सूची से कई लोगों के नाम गायब मिले, जिस पर थोड़ी बहुत हो हल्ला होता रहा। हालांकि सूची में नाम न होने के कारण लोगों को बिना मतदान किए ही वापस लौटना पड़ा। 

जिले की चार विधानसभा सीटों बांदा, तिंदवारी, नरैनी और बबेरू में मतदाताओं ने खूब उत्साह के साथ मतदान में हिस्सा लिया और बढ़चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान करने वालों में महिलाओं और युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ वोट डाले। हालांकि मतदान की गति सुबह 9 बजे बहुत धीमी रही, 9 बजे तक जिले में मात्र 10.39 फीसदी मतदान ही रिकार्ड किया गया। जबकि इसके बाद धीरे-धीरे मतदान ने रफ्तार पकड़ी और 11 बजे तक मतदान का आंकड़ा बढ़कर 23.85 फीसदी पहुंचा तो दोपहर एक बजे तक 37.60 फीसदी तक रिकार्ड किया गया। जबकि तीन बजे तक जिले में आधे से अधिक 50.07 मतदाताओं ने ईवीएम की बटन दबा दी थी। मतदान समाप्ति का समय नजदीक आने के साथ ही मतदाताओं ने तेजी से मतदान केंद्रों की ओर रुख किया और शाम पांच बजे तक 57.48 फीसदी लोगों ने वोट डाले। 

मतदान की समाप्ति के बाद प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले की चारों विधानसभा सीटों पर कुल  60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। जिसमें सदर विधानसभा में सर्वाधिक लोगों ने वोट डाले, जबकि विधानसभा नरैनी सबसे फिसड्डी रही। मतदान केंद्रों की सजावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रही, वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल की 75 प्लस मतदान की मुहिम का भी असर देखने को मिला। डीएम, एसपी के साथ चुनाव प्रेक्षक भी मतदान केंद्रों का जायजा लेते रहे और लोगों को शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रेरित करते रहे। मतदान केंद्रों में बने सेल्फी प्वाइंट युवाओं और महिलाओं को आकर्षित करते रहे, लोगों ने मतदान के बाद अपनी उंगली की स्याही दिखाते हुए सेल्फी खींची और सोशल मीडिया पर वायरल किया। कई मतदान केंद्रों में लोगों के नाम सूची से गायब होने पर कई बार असहज स्थित उत्पन्न हुई, लेकिन बाद में प्रशासन ने समझा बुझा कर लोगों को वापस घर भेज दिया।

वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में प्रत्येक मतदेय स्थल पर बने सेल्फी प्वाइंट आकर्षण केंद्र रहे। अपने बूथ पर मतदान करने के बाद लौटे मतदाताओं में इन सेल्फी प्वाइंट पर अपनी सेल्फी लेने और फिर उसे सोशल मीडिया में पोस्ट करने की होड़ लगी रही। सेल्फी प्वाइंट पर फोटो खींचने में सबसे ज्यादा उन मतदाताओं की रुचि देखी गई जो पहली बार मतदाता बने हैं और पहली बार अपने पसंद के प्रत्याशी को वोट किया है। उधर कुछ मतदेय स्थलों में सीआपीएफ के जवानों और पुलिस प्रशासन ने मतदाताओं को अपना मोबाइल लेकर गेट से ही प्रवेश नहीं दिया, जिसकी वजह से उनका सेल्फी लेने का सपना अधूरा रह गया। जबकि हर बार की तरह इस बार भी बहुत सारे मतदाता अपने मतदान के अधिकार से वंचित रह गये। कारण यह था कि मतदाता सूची से उनका नाम ही गायब था। 

एक दिन पहले तक बीएलओ ने जब ऐसे लोगों की पर्ची नहीं दी, तो सोचा शायद पर्ची न बन पाई हो, लेकिन आज मतदान के दिन जब वे अपने मतदेय स्थल पर मतदान को पहुंचे तो बीएलओ ने हाथ खड़े कर दिये। मतदाता सूची कई-कई बार खंगालने के बाद तमाम सारे ऐसे मतदाताओं का भी नाम नहीं मिला, जो पिछले कई कई चुनावों से लगातार मतदान करते आ रहे हैं। ऐसे में आदर्श बजरंग इंटर कॉलेज, जीआईसी, केनपथ में बने मतदान केंद्र के बाहर पर्चियां बांटने को ड्यूटी पर तैनात कुछ बीएलओ को मतदाताओं की नाराजगी का शिकार भी होना पड़ा। अंत में ऐसे मतदाताओं को मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ा। वहीं इंटरनेट युग में हो रहे विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया का प्रभाव चुनाव पर न हो ऐसा संभव नहीं है। 

सुबह 9 बजे के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थक मतदाताओं को लुभाने और भ्रमित करने के लिये तरह-तरह की पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल करते रहे। थोड़ी-थोड़ी देर में वायरल हो रही ऐसी पोस्ट में ज्यादातर लोग अपने प्रत्याशी को आगे और बाकी विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ बताते रहे। उधर मतदान केंद्रों के बाहर प्रचार पर प्रतिबंध होने के बावजूद समर्थक हाथ के इशारों से मतदाताओं को उनका चुनाव चिन्ह याद दिलाने और उनके पक्ष में मतदान करने की अपील करते रहे। मतदान दिवस पर बाजार तो खुली रहीं, लेकिन सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारी वर्ग के अधिकांश लोगों ने सुबह जल्द से जल्द मतदान के बाद समय से अपनी दुकानें खोल दीं, क्योंकि कल मंगलवार को बंदी का दिन होने के कारण मार्केट बंद थी। इसके बावजूद बाजार में ग्राहकों का भारी टोटा रहा।बाजार में सिर्फ उन्हीं लोगों के कारण चहल-पहल दिखाई दी, जिन्हें मतदान करने जाना था। 

हालांकि शाम के समय बाजार का सन्नाटा कुछ कम हुआ, जिससे  चारों विधानसभा क्षेत्रों में दर्जन भर से ज्यादा बूथों में ईवीएम खराब होने की भी शिकायत आई। कुछ जगह ईवीएम खराब होने के के कारण मतदान तकरीबन आधा घंटा देरी से आरंभ हो सका तो कुछ बूथों में मतदान के दौरान बीच में ईवीएम की खराबी की शिकायतें आईं। ऐसे में वहां ड्यूटी पर तैनात पीठासीन अधिकारियों ने तल्काल सूचना जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट को दी और दूसरी ईवीएम का प्रबंध कर मतदान आरंभ कराया गया। ईवीएम की खराबी में जो समय खराब हुआ। मतदान का उतना समय ऐसे बूथों पर अधिक दिया गया। 

पढ़ें खबर : संसार मे जितने भी जीव हैं सभी परमात्मा के बच्चे है इसलिए पशु-पक्षियों के भी जान की कीमत लगाओ : बाबा उमाकान्त

प्रत्याशियों व डीएम ने किया मतदान

  • लगते रहे हार-जीत के कयास

बांदा। जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल सहित समेत सभी प्रत्याशियों ने मतदान किया। इनसबके बीच सभी पार्टियों के प्रत्याशियों सहित दिग्गज नेताओं द्वारा अपनी-अपनी पार्टियों के जीत के प्रति आश्वास्त नजर आये। जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल ने पं.जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय में बने मतदेय स्थल पर मतदान किया। इसके बाद मीडिया में फोटो भी खिंचवाई। साथ ही कहा कि मतदान सभी का अधिकार है। सभी को अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिये। इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी बुजुर्ग मतदाताओं को मतदेय स्थल तक हाथ पकड़कर वहां तक पहुंचाते भी नजर आये। उन्होंने वहां ड्यूटी पर तैनात जवानों से कहा कि ऐसे मतदाताओं की मदद करना हम सभी का कर्तव्य है। हमें प्रत्येक स्थिति में इस बात का ध्यान रखना चाहिये।

वोट डालने के लिए लाइन में लगे हुए लोग

भारतीय जनता पार्टी सदर प्रत्याशी प्रकाश द्विवेदी ने पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता द्विवेदी ने मतदान किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के पक्ष में सुबह से ही मतदाताओं ने जमकर मतदान किया। दावा किया कि वे अच्छे मतों से विजयी होंगे और एक बार पुनरू प्रदेश में योगी सरकार बनेगी। इसी प्रकार बसपा प्रत्याशी धीरज राजपूत ने अपने मतदान स्थल पर जाकर मतदान किया। वहीं सपा प्रत्याशी मंजुला सिंह मतदान करने के बाद पत्रकारों से बताया कि उनकी जीत सुनिश्चित है। दस मार्च को प्रदेश में फिर से अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार बनेगी। 

इसी प्रकार तिंदवारी से कांग्रेस की प्रत्याशी आदिशक्ति दीक्षित ने जखनी गांव में मतदान किया। कहा कि भाजपा की करनी और कथनी में अंतर की पोल खुल चुकी है। जुमलेबाजी के विकास से जनता ऊब चुकी है। इसलिये मतदाताओं ने इस बार कांग्रेस के पक्ष में जमकर मतदान किया है। जीत सुनिश्चित है। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी सदर विधानसभा में आदर्श बजरंग इंटर कालेज के मतदेय स्थल में उन्होंने अपना वोट डाला। दावा किया कि जिले की चारों विधानसभा सीटें कांग्रेस के खाते में आएंगी। कहा कि 10 मार्च के नतीजे सभी को चौंका देंगे। 

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ, ईस्ट न्यूज 24X7

उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में जोश के साथ चुनाव लड़ा है। जनता ने वर्तमान सरकार को बदलाव की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। मतदाताओं ने ई-रिक्शा की सवारी खूब की। मतदाताओं को ढोने को लेकर आचार संहिता का उल्लंघन भी खूब होते देखा गया क्योंकि आने-जाने का भाड़ा मतदाताओं ने नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने दिया। इसके लिए बहाना यह बनाया गया कि मतदान केंद्र दूरी पर है इसलिए वृद्ध और महिलाएं वहां तक नहीं पहुंच सकते।

विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में जिले की चारों विधान सभा क्षेत्रों में बुधवार को मतदान हुआ। मतदाताओं को ढोने को लेकर एक नहीं कई ई-रिक्शा लोगों को ढो रहे थे, इन्हें रोकने और टोकने वाला कोई नहीं था। हालांकि मतदान केंद्र तक जाने के लिए वाहन पर प्रतिबंध नहीं है। लेकिन कोई प्रत्याशी या पार्टी मतदाताओं को वाहन का बंदोबस्त करके देती है तो उसे प्रलोभन की श्रेणी में माना जाएगा, लेकिन यहां दिनभर मतदाता ढोए जाते रहे और कोई भी एतराज करने वाला नहीं था क्योंकि हर पार्टी ने यह इंतजाम किया था। इसके लिए ई-रिक्शों को हायर किया गया और सुबह 7 बजे से पहले ही विभिन्न मुहल्लों में ड्यूटी लगा दी गई। 

बताया गया है कि ई-रिक्शों को दिनभर का एक हजार रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया। रिक्शों में बैठे मतदाताओं से जब पूछा गया कि सवारी किसने उपलब्ध कराई है तो उनका साफ कहना था कि अगर सवारी नहीं होती तो हम वोट डालने भी नहीं आते, क्योंकि घर में कोई वाहन नहीं है और मतदान केंद्र इस बार ज्यादा दूर कर दिया गया है। यह स्थिति एक नहीं कई मतदान केंद्रों पर दिखाई दी। शहर के विभिन्न मोहल्लों में मतदाता पूरी ताकत से ई-रिक्शा पर ढोए गए। 

विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में जिले की चारों विधान सभा क्षेत्रों के 1507 पोलिंग बूथों में मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान को लेकर शासन और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। जनपद के हरेक बूथों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो गया। बहुत धीमी गति से चले मतदान का नतीजा रहा कि कुछ बूथों पर पुलिस कर्मी आराम फरमाते दिखे। सदर विधान सभा क्षेत्र के पल्हरी गांव स्थित पोलिंग बूथ में जहां अद्धसैनिक बल सुरक्षा के प्रति सजग नजर आए वहीं इसी केंद्र पर दूसरे कमरे पर तो दोपहर में पुलिस कर्मी सो भी गए। पुलिस कर्मी अपनी जिम्मेदारी पर लापरवाह नजर आए।

पढ़ें खबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा पर जमकर किया हमला

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ