अगर व्यभिचार बंद नही हुआ तो ऐसे गुप्त रोग पकड़ेंगे जो दवा से भी नहीं होगे ठीक और हो जाएंगे जानलेवा : बाबा उमाकान्त


  • जब कोरोना के समान व्यभिचारियों के मुंह से वायरस निकलेंगे, छूने से रोग होगा तो सोचो क्या हाल होगा
  • आज 23 जुलाई 2020 की तारीख नोट कर लो

उज्जैन (मध्य प्रदेश)। मनुष्य के गलत कर्मों से नाराज कुदरत द्वारा दी जाने वाली कठोर सजा से समय रहते ही आगाह करने वाले, उससे बचने के उपाय भी बताने वाले, इस समय के त्रिकालदर्शी सन्त पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 23 जुलाई 2020 को दिए व यूट्यूब चैनल पर जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित सन्देश सतसंग में बताया कि अब व्यभिचारिता को आजकल लोग फैशन बना दे रहे हैं लेकिन हम यह याद दिला दे रहे हैं कि इस तरह की स्थिति पिछले समय में भी आई थी। जब कुदृष्टि पड़ी, महाभारत हो गया, रावण का सर्वनाश हो गया। तो यह वो भूमि है, वो देश है। इसलिए आप सत्संगियों धर्मनिष्ठ लोग हो, आप इससे बचो और बच्चों को भी बचाओ, उन पर ध्यान दो।

23 जुलाई 2020 को उज्जैन आश्रम से मैं बोल रहा हूं नोट कर लो

महाराज जी ने देश-दुनिया के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आगे कोई ऐसी बीमारी आ गई जो व्यभिचारियों को होने लग गई तब क्या करोगे? जैसे एड्स वाले के संपर्क में आने वाले को भी हो जाता है ऐसे ही यदि रोग वाले के मुँह से जब वायरस निकलेगा, उसको छूने से ही बीमारी फैलेगी तो सोचो क्या हाल होगा। देखो आज हम बता देते हैं आपको, 23 जुलाई 2020 को, आप नोट कर लो, उज्जैन आश्रम पर मैं बता दे रहा हूं। अगर लोगों ने अपना चाल-चलन ठीक नहीं किया, व्यभिचार-व्यभिचारीपन खत्म नहीं हुआ तो ऐसे गुप्त रोग इनको पकड़ेंगे जो दवा से ठीक नहीं हो पाएंगे और वही जानलेवा हो जायेंगे। ऐसा सड़न बदन में पैदा होगा जो जानलेवा हो जाएगा। सतसंगियों और नए लोगों से हमारी प्रार्थना अपील है कि आप इससे बचो।

शराब और मांस कामवासना रूपी अग्नि को बढ़ाने में करता है घी का काम, इससे दूर हो जाओ

महाराज जी ने बताया कि अब यह चीजें क्यों बढ़ती हैं? जैसे आग तेज क्यों होती है? जब उसमें घी पड़ जाता है। वह आग को प्रज्वलित कर देता है, बढ़ा देता है। यही पशु-पक्षियों का मांस घी में पकाया जाता है, मिर्च-मसाला जो उत्तेजित करने वाली चीजें उसमें डाली जाती हैं, उसको (मांस को) गलाने के लिए जो चीजें डाली जाती हैं वह उत्तेजना पैदा करती हैं। उसकी वजह से यह कामवासना बढ रहा है।

शराबी का सारा ज्ञान खत्म हो जाता है और अपनी मां बहन बेटी की पहचान नहीं कर पाता

अगर मांसाहारी को किसी पियक्कड़ ने बता-समझा दिया कि अल्कोहल पेट में पड़ी चीजों को गला देता है और शराब पीने लग गया तब तो सारा ज्ञान खत्म हो जाता है। नशे में अपनी मां को, बेटी को, बहन को नहीं पहचान पाता है। इसलिए हमेशा इस चीज का प्रेमियों ध्यान रखो।

मांस, मछली, अंडे से बनी हुई कोई चीज पेट में न जाने पावे कि कम उम्र में शरीर छोड़ देना पड़े 

देखो प्रेमियों आपके बच्चों, परिवार के लोगों को आगाह कर दो, समझा दो, बता दो। ऐसा काम न करो कि जिससे जान ही चली जाए। कम उम्र में ही मजबूरन इस शरीर को छोड़ देना पड़े। यह शरीर भजन-इबादत के लिए उस मालिक ने दिया है, उस असली काम के लिए मन न लगे और समय निकल जाए। इसलिए बराबर समझाते रहो।

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