- आन्तरिक साधना में पिछले सभी सन्त धरती पर मौजूद सतगुरु के स्वरूप में देते हैं दिखाई
उज्जैन (म.प्र)। अब तक जितने भी इस धरती पर सन्त आए, सबने मिलकर जितने जीवों को नाम दान नहीं दिया, उससे कई गुना ज्यादा जीवों को नाम दान देकर उनको जन्म-मरण की असहनीय पीड़ा औऱ नर्को में यमराज के दूतों की मार से छुटकारा दिलाने वाले पूरे सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के मासिक भंडारे के अवसर पर उनके जानशीन, आध्यात्मिक उत्तराधिकारी विख्यात सन्त उमाकान्त जी महाराज ने 30 जनवरी 2022 को उज्जैन आश्रम पर दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेम पर प्रसारित सन्देश में लोक और परलोक दोनों बनाने के बारे में बताया कि आप जहाँ रहते हो इसको मृत्यु लोक कहते हैं।
इसके ऊपर बहुत से लोक हैं स्वर्ग, बैकुंठ, ब्रह्म, पारब्रह्म, सूर्य, चंद्र, ब्रह्मा, विष्णु, शिव लोक और भी बहुत से लोक हैं। उनमें भी आप जाने लग जाओ इस शरीर के रहते-रहते, उसको परलोक बनाना कहते हैं। यह जो नाम बताउंगा इससे आपके दोनों काम (लोक, परलोक बनने के) बनेंगे। नाम बताउंगा। इसमें प्रभु की आवाज सुनाई पड़ेगी। उस नाम को याद करते ही, दुनिया की तरफ से ध्यान हटाते ही प्रभु के नाम रूप को याद करते हैं, उनकी आवाज सुनाई पड़ने लग जाएगी। उनका रूप दिखाई पड़ने लग जाएगा। उस प्रभु और देवी-देवताओं की पहचान हो जाएगी। उसी से आपको अपनी पहचान हो जाएगी।
वो नाम जिसकी महिमा गाई गई है, वो सन्तों के आधीन रहता है
समय-समय पर लोगों ने बहुत से नाम बताया-जगाया लेकिन वह उसी वक्त तक कामयाब रहा। दूसरे जब आये तो कहा-
नाम रहा संतन आधीना। संत बिना कोई नाम न चीन्हा।।
नाम की पहचान संत ही कराते हैं और नाम उनके अधीन हुआ करता है। जब वह चाहते हैं तो वर्णनात्मक नाम को जगा देते हैं। ध्वन्यात्मक नाम तो एक ही है। यही पांच नाम जो आज आपको सतसंग में बताउंगा, यही नाम शुरु से चलता चला आ रहा है। अब जिसको जिस नाम की जानकारी हो पाई, वहां तक वह नाम उसने बताया। यह सब एक जगह पर इकट्ठा हो गए। जितने भी सतगुरु आए, पिछले महात्मा भी, अन्दर में गुरु स्वरूप याद करने पर उसमें ( समय के सतगुरु में ) समाये हुए मिलते हैं।
बताई गयी साधना करने पर इस धरती पर आए सभी सन्तों का दर्शन कर सकते हो
महाराज जी ने कहा कि अभी आपको मैं साधना करना बताउंगा। जब आप साधना करोगे, मन को साधोगे, जीवात्मा को ऊपरी लोक में ले जाओगे और संतों को देखना चाहोगे, जिन लोगों ने नाम को जगाया, जिससे लोगों को फायदा हुआ, जिन्होंने यह ध्वन्यात्मक नाम बताया, उनको अगर आप देखना चाहोगे तो एक साथ ही कई संत दिखाई पड़ जाएंगे । यह भी पहचान आपको करना होगा कि जिन्होंने रास्ता बताया जो इस वक्त पर मौजूद हैं, वह कैसे हैं, क्या हैं ? तो सब का रूप उनमें दिखाई पड़ जाता है। जो गुरु महाराज के नाम दानी हो, गुरु महाराज की पहचान अगर आपको देखनी रहेगी तो सब जो उनसे पहले के हुए, उनमें ऐसे समाए हुए दिखाई पड़ जाएंगे।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.