उम्मीदवारों के भाग्य का फैसले का दिन आज

  • जिले के मतदाता चुनेंगे मनचाहा प्रत्याशी
  • बबेरू में 13, सदर में 9, तिंदवारी 7-नरैनी में 9 उम्मीदवार


अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों से चुनावी रण में उतरे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज ईवीएम की बटन दबाकर मतदाता करेंगे। सबसे ज्यादा प्रत्याशी बबेरू विधानसभा क्षेत्र में हैं, जबकि तिंदवारी में सबसे कम 8 उम्मीदवार हैं। नरैनी और सदर विधानसभा क्षेत्र से 9-9 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राजनैनिक दलों को मतदेय स्थल से 200 मीटर की दूरी पर बस्ता लगाने की अनुमति होगी। चारों विधानसभा क्षेत्र में मतदान चौथे चरण में 23 फरवरी को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होना है। जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि कोई भी राजनैतिक दल, अभ्यर्थी और निर्वाचन अभिकर्ता को मतदान के दिन निर्वाचन बूथ मतदेय स्थल से 200 मीटर की दूरी से अधिक दूरी पर बनाये जाने की अनुमति होगी। 

बूथ पर एक टेबिल और दो कुर्सियों के साथ छाया के लिये एक पंडाल और बैनर लगा सकेंगे, जिसमें अभ्यर्थी व पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अंकित कराया जा सकता है। बूथ पर भीड़ की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा की दृष्टि से मतदेय स्थलों में भारी पुलिस बल के साथ ही सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है।  बांदा सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रकाश द्विवेदी, सपा से मंजूलता सिंह, बसपा से धीरज राजपूत, कांग्रेस से लक्ष्मीनारायण गुप्ता समेत कुल 9 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,04,204 मतदाता हैं, जिसमें से पुरुष 1,68,065 और महिला मतदाता 1,40,182 हैं। 

वर्ष 2017 में इस सीट के लिये 59.94 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी से प्रकाश द्विवेदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के मधुसूदन कुशवाहा को 32,828 वोटों के अंतर से हराया था। इस विधानसभा में हिंदू और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है। सदर विधानसभा में यदि जनता के चुनावी मुद्दों की बात की जाये तो यहां गंदगी, पानी, सीवर जाम, जर्जर सड़कें और रोजगार के लिये बढ़ते पलायन जैसी तमाम समस्याएं आज भी उसी तरह बनी हुई हैं। 

इसी प्रकार बबेरू विधानसभा सीट से भाजपा के अजय पटेल, सपा से विशंभर यादव, बसपा से रामसेवक शुक्ला, कांग्रेस गजेंद्र पटेल समेत कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3,09,634 हैं, जिसमें पुरुष 1,85,931 और महिला मतदाता 1,50,910 मतदाता हैं। 2017 में इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 59.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के चंद्रपाल कुशवाहा ने अपने निकटतम प्रतिद्ंदी बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी किरण यादव को 22,301 वोटों के अंतर से हराया था। बबेरू विधानसभा सीट पर ब्राह्मण और ठाकुर मतदाताओं की संख्या तकरीबन 50 फीसद है, लेकिन इस सीट पर पिछड़ी और अनुसूचित जाति के मतदाता भी निर्णायक की भूमिका में हैं। 

इस सीट पर मुस्लिम मतदाता तकरीबन 25 हजार  हैं। विधानसभा क्षेत्र में पटेल मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। बबेरू विधानसभा क्षेत्र में रोजगार के लिए बढ़ता पलायन, सिंचाई और पेयजल जैसी कई समस्याएं हैं। जर्जर सड़कें और अन्ना प्रथा की समस्या भी चुनाव का मुद्दा बन सकती है। इसी तरह तिंदवारी विधानसभा सीट क्षेत्र से भाजपा के रामकेश निषाद, सपा के बृजेश प्रजापति, बसपा के जयराम सिंह, कांग्रेस की आदिशक्ति दीक्षित समेत कुल 7 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3,09,634 हैं, जिसमें से पुरुष 1,72,875 और महिला मतदाता 1,41,544 हैं। 

2017 में इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 59.59 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस सीट से भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लड़े बृजेश कुमार प्रजापति ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी जगदीश प्रसाद प्रजापति को 37,407 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। इस विधानसभा में जनता के मुद्दे अन्ना प्रथा, पानी, रोजगार और पलायन जैसी समस्याएं हैं।नरैनी (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की ओममणि, सपा की किरण यादव, बसपा के गयाचरण दिनकर, कांग्रेस की पवन देवी समेत कुल 9 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। 

इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता कुल मतदाता 3,35,788 हैं, जिसमें पुरुष 1,85,773 और महिला  मतदाता 1,55,542 हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में नरैनी में कुल 60.75 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से राज करन कबीर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भारत लाल दिवाकर को 45,007 वोटों के अंतर से हराया था। नरैनी सीट पर लंबे समय तक बसपा का कब्जा रहा है।  2012 में सपा और 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।  नरैनी की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रेल सुविधाओं से वंचित है।  नरैनी विधानसभा में लोध मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी निर्णायक भूमिका है। इस विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल के साथ ही जर्जर सड़कों की समस्या है।

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