EXCLUSIVE NEWS : प्रधान, सचिव की मनमानी ले रही गोवंशों की जान


  • मवेशियों पर भारी पड़ रही प्रधान व सचिव की अनदेखी

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

तिंदवारी/बांदा। क्षेत्र के तेरहीमाफी गांव की ग्राम पंचायत द्वारा संचालित गौशाला में मवेशी भूख से मर रहे हैं। बेलगाम अधिकारियों के कान में जूं तक नही रेंग रही है। ग्राम प्रधान और सचिव की अनदेखी गौशाला में बन्द मवेशियों पर इस कदर भारी पड़ रही है कि प्रतिदिन दो चार मवेशियों की भूख से असमय मौत हो रही है। अधिकारियों और सत्ता से मेलजोल रखने वाले गौशाला संचालक ग्राम प्रधान इस कदर बेखौफ है कि मवेशियों के शवों को बिना पोस्टमार्टम ही दफनवा देता है। इस गौशाला में बुधवार को भूख से तीन मवेशियों की फिर मौत हुई तो बेखौफ प्रधान दफनाने के लिए अगले दिन के लिए छोड़ दिया, गुरुवार को सुबह इन तीनों मवेशियों के शवों को कुत्ते गौशाला में ही नोंचना शुरू कर दिया, ग्रामीणों ने  फोन से एसडीएम व तहसीलदार को इस गौशाला की हालत के बारे में सूचना दी, मीडिया को इसकी जानकारी हुई तो वह भी कवरेज के लिए पहुँची, ग्राम प्रधान ने आनन फानन में शवों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरवा कर कहीं दूर फिकवा दिया।  

वहीं गौशाला के पास में एक मकान के पास भूसे से भरे बोरों को रखवा दिया गया है जो भी अधिकारी कभी जांच में इस गौशाला में पहुँचता है उन्हें इन भूसे से भरे बोरों को दिखा कर पर्याप्त मात्रा में भूसा होने की झूठी जानकारी भी दी जाती है। पशु चिकित्साधिकारी डा. नंदलाल कुशवाहा की परीक्षा में ड्यूटी होने के कारण पशु अस्पताल का व मृत मवेशियों के पोस्टमार्टम का चार्ज सम्हाले पशु अस्पताल के कम्पाउंडर जेपी यादव का कहना है कि उन्हें तेरही माफ़ी के गौशाला में मवेशियों के मरने की कोई सूचना नही मिली है न ही उन्होंने कोई पोस्टमार्टम किया है। तहसीलदार पुष्पक का कहना है कि जांच कर कार्यवाही की जायेगी, जरूरी हुआ तो सचिव के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। वहीं बीडीओ और एडीओ पंचायत ने भी सचिव विनोद कुमार पर कार्यवाही करने की बात कही है।


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