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अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

विश्व जल दिवस ( 22 मार्च ) पर विशेषः जल जनित रोगों में डायरिया के होते हैं सर्वाधिक मामले

  • पेयजल की गुणवत्ता जांच भी है जरूरी 

बांदा। हमारा शरीर 60 से 70 प्रतिशत जल से ही बना है। स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छ व शुद्ध जल अतिआवश्यक हैप् अशुद्ध पेयजल से शरीर में अनेक बीमारियां होती हैं। इससे जान तक जा सकती है। यह जानकारी दी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने दी। उन्होने बताया कि जल हमारे शरीर का तापमान संतुलित बनाए रखने के साथ कई उप पाचन क्रियाओं में भी सहायक होता है। हमारे रक्त भी लगभग 90 प्रतिशत पानी होता है। दूषित पेयजल से हमारे शरीर में कई जल जनित बीमारियां पैदा होती हैं। इसमें डायरिया प्रमुख हैप् आंकड़े के अनुसार उत्तर प्रदेश में सभी जल जनित बीमारियों के मुकाबले सर्वाधिक मौतें डायरिया से होती हैं।

डायरिया में निर्जलीयकरण होने से कुपोषण होने की आशंका बढ़ जाती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफ़ाइल 2018 के अनुसार भारत में सालाना लगभग 3.7 करोड़ लोग जल जनित रोगों से ग्रसित होते हैं और प्रतिवर्ष 1.5 करोड बच्चे डायरिया से अपनी जान गंवा देते हैं। इसमें सर्वाधिक मामले ग्रामीण इलाकों, मलिन बस्तियों या जुगगी झोपड़ियों के होते हैं। इसके पीछे अक्सर जागरूकता का अभाव दिखता है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरएन प्रसाद ने बताया कि जल में अनेकों प्रकार के बेकटेरिया एवं चेमिकल पाये जाते हैं। जिनमें से कुछ हमारे शरीर के लिए हानिकारक भी साबित होते हैं। इनसे कई प्रकार कि बीमारिया हमारे शरीर में जन्म लेती है। 

इसलिए पानी को स्वच्छ रखने के साथ साथ पेयजल कि जांच करना भी बहुत आवश्यक है। क्यूकी डायरिया जैसी खतरनाक जल जनित बीमारी की चपेट में छोटे बच्चे जल्दी आते है। इसलिए बच्चों से संबन्धित स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बताया कि बुंदेलखंड में पीने योग्य पानी का पीएच 7 से 8 के बीच रहता है। उन्होने बताया कि पेयजल में मुख्य रूप से निम्न रसायनिक पदार्थों कि जांच आवश्यक है। क्लोराइड, फ्लोरीदे, सल्फेट, लेड, नाइट्रेट, कोपर, आइरन, जिंक, पोटेशियम, मेग्नीशियम। इसके साथ ही जल के पीएच लेवेल कि जांच आवश्यक है।

ये होती हैं कुछ मुख्य जल जनित बीमारियाँ

मलेरिया, उल्टी-दस्त, आंत्र ज्वर, हैज़ा, जिआर्डियासिस, अमीबी पेचिश, हेपेटाइटिस ए, शिगेलोसिस

जल जनित बीमारियों से बचाव के उपाय

  • सर्वप्रथम पेयजल के श्रोत के आसपास साफ सफाई रखने का प्रयास करें।
  • सुनिश्चित करें कि पानी बिल्कुल साफ और रेत और गाद से मुक्त हो। दिखाई पड़ने वाली गंदगी को हटाने के लिए पानी को छान लें।
  • केवल साफ और सुरक्षित पानी पिएं दृ या तो पोर्टेबल पानी या पानी को शुद्ध करने वाले संयंत्र से पानी लें। नहीं तो पीने वाले पानी को उबाल कर इस्तेमाल करे।
  • पानी को शुद्ध करने वाले उपकरण जैसे फिल्टर, आरओ यूनिट आदि लें, नियमित रूप से सर्विस करें और रखरखाव करें।
  • सुनिश्चित करें कि संग्रहित पानी रोगाणु रहित हो।
  • एंटीसेप्टिक तरल जैसे डेटॉल गन्दा सा दिखने वाले स्नान के पानी में डालें।
  • हाथ की स्वच्छता दृ नियमित रूप से घर लौटने के बाद, शौचालय का उपयोग करने से पहले, खाने से पहले और खाने के बाद या कुछ भी पीने से पहले साबुन से हाथ धोएं।

प्राथमिक विद्यालय में हुआ विदाई समारोह का आयोजन

तिंदवारी/बांदा। प्राथमिक विद्यालय छापर में विदाई समारोह व पुरुस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने अनपढ़ बीबी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सड़क के नियमों आदि पर नाटक प्रस्तुत किये।  मुख्य अतिथि बीईओ किशन कुमार मिश्रा व प्रधानाध्यापिका पूजा त्रिवेदी ने पुरुस्कार सौंपे। विद्यालय के क्रिया कलापों, ब्लॉक व जिलास्तरीय रैलियों में प्रथम स्थान प्राप्त बच्चों में आदित्य, आभास, पंखुड़ी, शिवानी, युग, लक्ष्मी, माहीं, अक्षत, गणेश, रामानंद, शालिनी, धनेज, दिव्यांश, कोमल, शिवानी, सौम्या, शनि, शिवम, विवेक, अमित को पुरुस्कार दिए गए। इस दौरान ग्राम प्रधान जौहरिया, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, शिक्षक प्रदीप कुमार, स्वाती, सुनीता, दीपा बाजपेयी, कृष्ण बिहारी आदि मौजूद रहे। सभी ने कक्षा 5 वीं के बच्चों को स्कूल छोड़ने/अगली कक्षा में जाने पर विदाई व बधाई दी।

सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ अमानुष पुस्तक का विमोचन

  • बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया विमोचन
  • पूर्व शिक्षा अधिकारी ने लिखी अमानुष पुस्तक

बांदा। सोमवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रांगण में पुष्पा श्रीवास्तव पूर्व शिक्षा अधिकारी के द्वारा रचित पुस्तक अमानुष का विमोचन किया गया। विमोचन करता डाक्टर नरेंद्र प्रताप सिंह माननीय बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के कर कमलों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि लक्ष्मी नारायण आईपीएस पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक रहे। इसके अलावा रामनाथ श्रीवास्तव पूर्व अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ ने पुस्तक के विषय में बताया कि समाज में व्याप्त अन्याय और अराजकता के विरुद्ध समाज को किस प्रकार आगे आना चाहिए लक्ष्मी नारायण आईपीएस के अनुसार समाज के प्रत्येक वर्ग को कहीं न कहीं इस पीड़ा का दंश झेलता है। पुष्पा ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह पुस्तक उन सभी पीड़ितों को समर्पित करती हूं जो अन्याय की अग्नि में जलते हुए न्याय की प्रतीक्षा में अपनी जीवन यात्रा समाप्त कर इस संसार से विदा हो गए। 

उन्हें भी जो अन्याय की अग्नि में जलते हुए न्याय की प्रतीक्षा में अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक जाने को विवश हैं कार्यक्रम का संचालन देशराज सिंह ने किया कार्यक्रम में राजकुमार राज प्रयाग दत्त अवस्थी बाबूलाल गुप्त राम गोपाल गुप्ता मनोज विभाग प्रचारक सक्षम जिला प्रचारक लोकेंद्र नगर प्रचारक चंद्रिका प्रसाद दीक्षित ललित जगन्नाथ पाठक विजय कुमार ओमर संजीव मसूरिह  संतोष सिंह एडवोकेट रूद्र प्रसाद आदि ने संबोधित किया कार्यक्रम के संयोजक अतुल कुमार बाजपेई प्रधानाचार्य सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज बांदा ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया उपरोक्त जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी राजेंद्र कुमार गुप्ता एवं विष्णु दत्त द्विवेदी ने दी।

जेण्डर हिंसा को रोकने के लिए सभी को आगे आना होगाः अहसान अली

  • लैंगिक शोषण विषय पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

बदौसा(बांदा)। परिवर्तन कार्यक्रम के तहत 11 से 18 वर्ष के किशोर किशोरियों को जेण्डर आधारित भूमिका और पितृसत्ता ब्यवस्था में समझ बनाते हुए बाल लैंगिक शोषण और उत्पीड़न तथा हिंसा और उसका असर आदि मुद्दों पर कार्यशाला सम्पन्न हुई। फैसलिटेटर सन्तोष कुशवाहा नें कार्यक्रम के विधिवत आयोजन में सहयोग के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल स्कूल के प्रबंधतंत्र, शिक्षक तथा विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। मालूम हो कि परिवर्तन, ग्रीन एण्ड हैपी इंडिया ट्रस्ट बदौसा एवं सेंटर फॉर हेल्थ एण्ड शोसल जस्टिस सामाजिक संस्था के द्वारा बदौसा कस्बे में संचालित डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम मेमोरियल स्कूल बदौसा (बांदा)  उत्तर प्रदेश के कक्षा 7 से 10 वीं तक के 126 विद्यार्थीयों की (छात्र /छात्राओं) है।

जहां 5 ग्रुप बना कर उनको जेण्डर आधारित भूमिकाएं और पितृसत्ता,सामाजिक निर्माण के नजरिये से जेण्डर और पितृसत्ता, लडकियों और महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के संदर्भ में लिंग और पितृसत्ता को समझना, जेण्डर भूमिका और पितृसत्ता, सामाजिक मान्यताओं का निर्धारण व चुनौती देने में लड़कों का भूमिका, महिलाओं की संसाधनों में भागीदारी, पहुंच व निर्णय, सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देने में लड़कों व पुरुषों की भूमिका, सामाजिक नजरिया में शरीर की छवि, बाल यौन शोषण के प्रतिबंध के लिए सुरक्षा नियम हिंसा और उसका असर विषयक अलग अलग सत्रों का आयोजन करके छात्र, छात्राओं को पास्को एक्ट, बाल विवाह, घरेलू हिंसा आदि कानूनू की जानकारी दे कर जागरूक किया गया। 

स्कूल के डायरेक्टर अहशान अली ने कहा जेण्डर भेदभाव, हिंसा को रोकने व समता व समानता पर परिवर्तन व सीएचएसजे संस्था द्वारा चलायी गयी कार्यशाला से प्रशिक्षक सन्तोष कुशवाहा नें उनके बेहतर जीवन के लिए कुशल प्रशिक्षण दिया। हिंसा व बाल यौन शोषण को रोकनें में बच्चों मददगार सावित होगी।

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