युद्ध अगर शुरू हो गया तो अन्न, पानी, बिजली आदि की कमी और महंगाई चरम सीमा पर पहुंच जाएगी : सन्त उमाकान्त


  • विनाश का सबसे बड़ा कारण यही है, लोगों का खान-पान और चरित्र बिगड़ना क्योंकि इसी से बनती है बुद्धि
  • युद्ध कराकर, जनता की जान लेकर हिरणकश्यप, रावण, कंस न बनो

उज्जैन (मध्य प्रदेश) । सब जीवों की जान बचाने को दिन-रात अथक परिश्रम करने वाले, विश्व युद्ध का संकट टालने के लिए कई तरीकों से लोगों को, जिम्मेदारों को उपाय बताने-समझाने वाले उज्जैन के पूरे सन्त उमाकान्त जी ने उज्जैन आश्रम से 18 मार्च 2022 को प्रातः दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि अब ज्यादा वक्त नहीं है कि और बातें बताई जाएं। समय निकला जा रहा है। समय खराब आने जा रहा है। दिन-ब-दिन देश-विदेश की परिस्थितियां खराब होती जा रही हैं। व्यवस्था बहुत कुछ संभालते हुए भी सच पूछो तो बिगड़ती ही जा रही है। देवीय आपदाएं आ गई या लड़ाई-झगड़ा हो गया या युद्ध अगर शुरू हो गया तो आपके शरीर को चलाने वाली चीजें भी जल्दी नहीं मिलेंगी। अन्न, पानी, बिजली की कमी हो जाएगी, महंगाई तो चरम सीमा पर पहुंच जाएगी।

खान-पान और चरित्र से बनती है बुद्धि, इनका बिगड़ना विनाश का मुख्य कारण है

परिस्थितियां ऐसी नहीं चल रही। आदमी, देश-विदेश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति कहते है, हम विकास कर रहे हैं लेकिन विकास, विनाश का कारण बन जा रहा है। बुद्धि लोगों की सही नहीं हो पा रही है। कारण यही है कि खानपान और चरित्र लोगों का बिगड़ता चला जा रहा है और उसी हिसाब से बुद्धि बनती चली जा रही है।

तनिक देर के लिए छोटा बन जाते तो यह बमबारी न होती

80 साल से बनाया, तैयार किया, बस तनिक देर के लिए छोटा बन जाते हैं तो यह बमबारी न होती, विनाश न होता। नाम, कीर्ति, इतना सब कुछ बनाया। विश्व में बदनामी हो रही कि छोटे को सता रहे हैं, अपने आदमियों को मरवा रहे हैं। जनता खुश होती है? नहीं होती।

जनता का बेटा देश की रक्षा के लिए शहीद हो गया, उसके मां-बाप अंदर से दुआ देंगे या बद्दुआ देंगे आपको?

जनता का बेटा अपने मां-बाप की ही रक्षा के लिए नहीं, पूरे देश के लोगों की रक्षा के लिए सीमा पर गया और (आपने) लड़ाई करा दिया और लड़ाई में वो सेना का सिपाही शाहिद हो गया तो उसके मां-बाप आशीर्वाद-दुआ देंगे? उनका दिल तो अंदर-अंदर कचोटता रहेगा कि मेरा बेटा चला गया। उसे पढ़ाया-लिखाया कि कमाकर लाएगा, बुढ़ापे में दो रोटी का सहारा बनेगा, मेरी सेवा करेगा, हम बीमार पड़ेंगे तो दवा करा देगा, दो रोटी बना करके खिला देगा।

जवान लड़कियां विधवा हो जा रही हैं, सोच नहीं पा रही हैं कि दूसरी शादी करें या क्या करें

बच्चे का शादी-ब्याह किया कि इससे हम को सुख मिलेगा। युद्ध में जवान-जवान लड़कियां विधवा हो जा रही हैं, दिशा विहीन हो जा रही हैं, कहां जाए, क्या करे? शहीदों की विधवाओं सोच नहीं पा रही कि दूसरी शादी करें या जिंदगी बिताएं, क्या करें?

युद्ध कराकर, जनता की जान लेकर हिरणकश्यप, रावण, कंस न बनो

मैंने कल भी कहा था लड़ाई कोई अच्छी चीज नहीं। आज भी मेरी विश्व के नेताओं से, जिनके पास पावर है, जो कर सकते हैं, उनसे त्यौहार के दिन मेरी प्रार्थना है कि आप कारण न बनो। आप अपना नाम (के लिए) लड़ाई करा करके या लड़ करके, जनता या फौज के सिपाहियों को मरवा करके, कटू शब्द बोलूंगा तो आपको खराब लगेगा लेकिन कहना तो पड़ेगा ही कि कंस, हिरणकश्यप, रावण न बनो। उस श्रेणी में मत जाओ। इन लोगों ने भी तो युद्ध करा करके बहुत लोगों को मरवाया था। कंस, रावण, कौरवों की कहीं पूजा होती है या श्रद्धा से कहीं देखे जाते हैं? नहीं होती।

कुछ बचाव वाले तैयार हो जाओ, ऐसा नहीं कि दस आदमी कहे और एक आदमी न माने

जिन्होंने बचाव किया आज भी उनके नाम की कीर्ति है। कुछ बचाव वाले भी तैयार हो जाओ। देखो कोई चीज ऐसी नहीं है कि दस आदमी कहे और एक आदमी न माने। एक बार प्रयास करो नहीं तो - 

होनी तो होकर रहे, मेट सकै न कोय। बुद्धि खराब हो गई तो विश्व युद्ध हो ही जाएगा। इसलिए इससे बचो।

सन्त उमाकान्त जी के वचन

स्वार्थ में गुरु की सेवा किया तो कोई लाभ नहीं मिलेगा। सतगुरु चाहें तो पल में दया की वर्षा करके काम बना दें। मुर्शिद-ए-कामिल से इल्म लेकर रुहानी इबादत करो। शाकाहारी हो परिवार, आवे सद्बुद्धि सुविचार। जीव हत्या करने से खुदा, भगवान कभी खुश नहीं होते हैं।

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