मुहम्मदाबाद गोहना में सपा के राजेन्द्र कुमार का पलड़ा दिख रहा है भारी


जयराम अनुरागी, ब्यूरो चीफ

मऊ। जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक नजर आती जा रही है, वैसे-वैसे जनपद के विभिन्न क्षेत्रों की चुनावी तस्वीर साफ होती जा रही है। वैसे तो जनपद में विधानसभा की कुल चार सीटें हैं। जनपद की एकमात्र आरक्षित सीट मुहम्मदाबाद गोहना की बात की जायें तो यहां पर भाजपा की श्रीमती पूनम सरोज, सपा- सुभासपा गठबंधन से राजेन्द्र कुमार, बहुजन समाज पार्टी से धर्म सिंह गौतम , इण्डियन नेशनल कांग्रेस से बनवारी राम और आम आदमी पार्टी से अंकित कुमार राव  प्रमुख प्रत्याशी है। लेकिन यहां पर मुख्य लड़ाई भाजपा की श्रीमती पूनम सरोज और सपा - सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी राजेन्द्र कुमार के बीच होती दिख रही है।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के श्रीराम सोनकर को 73493 मत तथा राजेन्द्र कुमार को 72955 मत मिला था । इस चुनाव में राजेन्द्र कुमार मात्र 538 मतो से चुनाव हार गये थे। ज्ञात हो कि उस समय राजेन्द्र कुमार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी थे। जबकि राजेन्द्र कुमार इस बार सपा- सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी है और इनके साथ यादव, मुस्लिम, राजभर, दलितों के अलावें भाजपा शासन से त्रस्त लगभग हर वर्ग का अपार समर्थन मिलता दिख रहा है और इनका पलड़ा बहुत ही भारी दिख रहा है।जबकि अन्य दलों में काफी आपसी मतभेद देखने को मिल रहा है।

इस बार मुहम्मदाबाद गोहना की जनता काफी सतर्क और सजग दिख रही है और किसी भी हालत में अपने मतों को खराब करना नहीं चाहती है। क्षेत्र की जनता चाहती है कि इस क्षेत्र से ऐसे प्रत्याशी को चुनाव जिताया जाये जो बनने वाली नयी सरकार का हिस्सा बने। राजनैतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि यदि सपा की सरकार बनती है तो राजेन्द्र कुमार  मंत्रिमंडल में भी शामिल हो सकते है। इस चर्चा में कितनी सच्चाई है ये तो चुनाव परिणाम आने व सरकार के गठन के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन क्षेत्र के प्रगतिशील ताकते इसी उम्मीद में राजेन्द्र कुमार के पक्ष में लामबंद होती दिख रही है । वैसे तो चुनावी समीकरण रात - दिन में भी बनते- बिगड़ते रहते है। अन्त में मुहम्मदाबाद गोहना में ऊट किस करवट बैठेगा , यह तो 10 मार्च को ही पता चल पायेगा।


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