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अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

राष्ट्र के विकास में महिलाओं की महती भूमिका, सब मिलकर करें महिला समानता का निर्माण

  • बालिका वर्ग की खो-खो प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने किया अद्भुत प्रदर्शन
  • ट्राफी देकर किया गया पुरस्कृत

अतर्रा (बाँदा)। राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बाँदा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं ने गीत, नृत्य, काव्य रचनाओं एवं नाट्य मंचन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया वहीं बालिका वर्ग की खो-खो प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने अद्भुत खेल प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया। सभी ने मिलकर महिला सशक्तीकरण एवं महिलाओं के प्रति हमेशा सम्मान का भाव रखने का संकल्प लिया। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्थान के विद्यार्थी क्रियाकलाप भवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के पूजन-अर्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में संस्थान के छात्र-छात्राओं ने मातृ शक्ति के त्याग, बलिदान और समर्पण पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये एवं महिलाओं के सम्मान पर आधारित काव्य रचनायें, गीत, नृत्य एवं नाट्य मंचन प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। 

महिला सशक्तीकरण पर आधारित डाक्यूमेंट्री का प्रसारण किया गया, जिसमें विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सफल महिलाओं के प्रेरक व्याख्यान सुनाये गये। संस्थान के खेल मैदान में स्पोर्ट्स क्लब द्वारा संस्थान में खो-खो खेल की शुरूआत की गयी। प्रथम खो-खो मैच बी.टेक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की छात्राओं के बीच खेला गया। विजेता टीम को संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस0पी0 शुक्ल ने ट्राफी देकर पुरस्कृत किया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस0पी0 शुक्ल ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्र के विकास में महिलाओं का अहम योगदान है। आज महिलायें हर क्षेत्र में आगे आकर प्रतिनिधित्व कर रही हैं। हमें चाहिये कि हम पूर्वाग्रह, रूढ़ियों और भेदभाव से मुक्त विश्व के निर्माण का संकल्प लें और लैंगिक समानता के लिये अधिक से अधिक प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि संस्थान हमेशा महिला सशक्तीकरण की दिशा में अग्रसर रहा है। संस्थान द्वारा मिशन शक्ति के अंतर्गत अनेक कार्यक्रम जैसे एनीमिया टेस्टिंग कैंप, महिला जागरूकता के तहत स्वास्थ्य एवं विधिक विषयों के प्रति जागरूकता आदि के कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किये जा रहे हैं। कार्यक्रम में संस्थान की प्रभारी सांस्कृतिक एवं लिटरेरी गतिविधियाँ डा0 अर्चना सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपनी पूर्ण क्षमता के साथ बिना किसी दबाव के समाज में आगे आकर देश के विकास में अपनी सहभागिता देना चाहिये। 

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की इस वर्ष की थीम ब्रेक द बायस पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हम सब मिलकर महिला समानता का निर्माण कर सकते हैं। पूर्वाग्रहों एवं रूढ़िवादिता के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना है एवं समानता के लिये मिलकर प्रयत्न करना है। कार्यक्रम में डा0 विभाष यादव, डा. सुरेन्द्र कुमार, डा. पुष्पेन्द्र सिंह, गुरूशरण सिंह, अक्षय कान्त, मो0 तौसीफ खान, अनिल चौधरी, मंजरी गंगवार, सोनाली पांडेय, प्रदीप वर्मा, दीपेश आदि शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधि टीम ने किया।

स्थाई कृषि विकास एवं मानव पोषण हेतु आवश्यक है जीरो बजट खेतीः डा.हलीम खान

  • एनएसएस शिविर का पांचवा दिन

अतर्रा/बांदा। अतर्रा महाविद्यालय  द्वारा संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई संख्या 01 एवं 02 के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिन के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जैविक खेती या जीरो बजट खेती संबंधित संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का संचालन करते हुए इकाई संख्या 01 के कार्यक्रम अधिकारी एवं कृषि मृदा वैज्ञानिक डा. मोहम्मद हलीम खान ने बताया कि स्थाई कृषि विकास एवं मानव पोषण के लिए जैविक विधि से खेती या जीरो बजट खेती वर्तमान समय में नितांत आवश्यक है, क्योंकि इस विधि से खेती करने पर एक तरफ जहां भूमि में जीवांश पदार्थ/ कार्बन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है तथा सभी प्राकृतिक संसाधनों जैसे - मृदा, जल, वायु, फसलें एवं वनस्पतियां, सभी जीव जंतु आदि आधुनिक खेती में अधाधुंध लगातार प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक उर्वरकों, एवं कृषि रक्षा रसायनों के विषैले  दुष्प्रभाव से बचे रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्यवर्धक एवं उत्तम गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पाद जैसे विभिन्न प्रकार के अनाज, दलहन, तिलहन, सब्जियां, बागवानी उत्पाद एवं पशु आधारित उत्पाद जैसे दूध आदि प्राप्त किए जा सकते हैं , जो एक स्वस्थ जीवन जीने एवं स्थाई मानव विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। 

कार्यक्रम की अगली कड़ी में विशिष्ट वक्ता के रूप में पधारे पूर्व एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. बी. एन. पांडे जी ने बताया कि जैविक खेती एक प्रकार से प्राकृतिक खेती का ही रूप है जिसमें उर्वरकों व अन्य कृषि उपादानों के रूप में जैविक जीवों से बने उत्पादों का प्रयोग किया जाता है जो पूर्ण रूप से इको फ्रेंडली होते हैं तथा कम से कम या जीरो लागत में भी इस प्रकार की खेती को किया जा सकता है इसीलिए इसे जीरो बजट खेती की संज्ञा भी दी जाती है। इसके पश्चात कार्यक्रम की अगली कड़ी में संगोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों के मध्य जैविक खेती से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर एक वाद-विवाद एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, छात्र-छात्राओं में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः कुलदीप रामप्रकाश एवं रोहित कुशवाहा रहे। कृषक वर्ग में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः कृषक रोहित कुमार श्याम जी एवं दिलीप कुमार रहे। कार्यक्रम में वाणिज्य विभाग के डॉ अतुल कुमार द्विवेदी जी ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई तथा आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रधान प्रतिनिधि श्री धीरज अवस्थी काफी संख्या में ग्रामीण एवं किसान भाइयों के साथ पूरे समय उपस्थित रहे ।छात्र-छात्राओं में नीलेश, संदीप, लालू प्रसाद , राजेंद्र प्रसाद,  मुकेश, रामप्रकाश, कुलदीप, रोहित कुशवाहा, सुशील यादव, निर्भय विश्वकर्मा, प्रियंका, ज्ञानू गौतम, राधा शर्मा, रेखा, प्रीति, वर्मा प्रतीक्षा आदि एक सैकड़ा छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया। भोजन अवकाश के बाद कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर मोहम्मद हलीम खान के निर्देशन में सभी छात्र छात्राओं ने ग्रामीण कृषि जागरूकता कार्यानुभव कार्यक्रम एवं स्वच्छता जागरूकता से संबंधित ग्रामीणों के मध्य एक रैली का आयोजन किया गया, तथा गांव की सड़कों गलियों में साफ सफाई का कार्य करते हुए जागरूकता उत्पन्न करने का एक सफल प्रयास किया गया।

गलती का सुधार न हुआ तो होता है पापः पं.महेन्द्र महाराज

  • श्रीमद भागवत कथा का दूसरा दिन

ओरन/बांदा। नगर के तिलहर देवी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित महेंद्र कृष्ण महाराज ने कहा मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है, ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्री कृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से वर्णन करते हुए कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं उसी के पश्चात वह सुखदेव जी के पास जाते हैं।  भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान करती है, साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।

कथा व्यास ने द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्य देव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति किया है।हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व राज्षण किया, इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए, परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। इस अवसर पर कथा श्रोता यजमान मुन्ना गुप्ता श्रीमती रमाकांती गुप्ता, साकेत बिहारी, शिवपूजन गुप्ता जगदीश गुप्ता, रामेश्वर, शिवप्रसाद मुनीमजी अन्नू गुप्ता सहित  सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष श्रोता भक्त उपस्थित रहे।

श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह की लीला देख मंत्रमुग्ध हेए भक्तगण

  • तिंदवारी में चल रहे विष्णु महापुराण में हुआ आयोजन

तिंदवारी (बांदा)। कस्बे के रामनगर में विगत वर्ष की भांति आयोजित श्री विष्णु महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के उपलक्ष्य में रात्रि में आयोजित श्री कृष्ण लीला में मंगलवार को उत्कृष्ट कलाकारों द्वारा भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी विवाह की लीला का मंचन किया गया। जहां भगवान के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान को फूल माला पहना कर उनकी आरती उतारी। मंगलवार रात्रि में आयोजित श्री कृष्ण लीला में श्री कृष्ण के पास रुक्मणी संदेश भेजती हैं। उनके घर वाले उनका विवाह कहीं और करना चाहते हैं। रुकमणी ने भगवान श्री कृष्ण से कहा कि मैं आप से ही विवाह करना चाहती हूं। क्योंकि विश्व में आप जैसा अन्य कोई पुरुष नहीं है। भगवान श्री कृष्ण के गुणों और उनकी सुंदराता पर मुग्ध होकर रुक्मणी ने मन ही मन विचार किया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति के रूप में वरण नहीं करेंगी।  

उधर श्री कृष्ण भगवान को भी इसका पता लग चुका था कि रुकमणी परम रूपवती तो है ही इसके साथ-साथ परम सुलक्षणा भी है। भीष्मक का बड़ा पुत्र रुक्मी भगवान श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था। वह अपनी बहन रुक्मणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था।जब रुक्मणी ने माता गिरजा की पूजा करते हुए उनसे प्रार्थना की, हे मां तुम सारे जगत की मां हो इसलिए मेरी भी अभिलाषा पूर्ण करो। मैं श्री कृष्ण को छोड़कर किसी अन्य पुरुष से विवाह नहीं कर सकती। रुकमणी जब मंदिर से बाहर निकली तो उन्हें एक ब्राम्हण दिखाई दिया। देखकर वह बहुत प्रसन्न हुई। उन्हें यह समझने में बिल्कुल संशय नहीं रहा कि श्री कृष्ण भगवान ने ही उनके समर्पण को स्वीकार कर लिया है और श्री कृष्ण ने विद्युत तरंग की भांति पहुंचकर उनका हाथ थाम लिया और रथ में बैठा कर द्वारका ले जाकर उनके साथ विधिवत विवाह किया। 

भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह होते ही दर्शक श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारकर उनका जय जय कार किया। उत्तर भारत के उत्कृष्ट कलाकारों द्वारा प्रस्तुत श्री कृष्ण लीला ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर शिवदत्त द्विवेदी, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी आनंद स्वरूप द्विवेदी, शिवसागर विश्वकर्मा, बबलू शुक्ला, पाटीदार, सुनील द्विवेदी, सुशील विश्वकर्मा,कृष्ण कुमार शुक्ला, रजनीश गुप्ता, सुमंत द्विवेदी, मोहनदास गिरी, इंद्रपाल गिरी, अंगद गोस्वामी, मोती लाल कुशवाहा, देवीदीन कुशवाहा, प्रमोद श्रीवास, राकेश चंद्र दुबे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

पुलिस ने फारर चल रहे अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा

चिल्ला/बांदा। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपराध तथा अपराधियों के खिलाफ चलाय जा रहे अभियान के क्रम में आज बुधवार को चिल्ला पुलिस ने फारर चल रहे एक अभियुक्त को मुखबिर से जानकारी मिलने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा।चिल्ला थाना प्रभारी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि थाना क्षेत्र के पपरेन्दा चौकी अंतर्गत अतराहट गांव भूरा पुत्र बड़े जिसके ऊपर थाना में मुकदमा अपराध नम्बर 45/09/22 धारा 452, 323, 504, 506 आईपीसी में फारर चल रहे अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

इसके अलावा चेकिंग के दौरान हिस्ट्रीशीटर राम सिंह पुत्र छत्रपाल यादव, रामसहाय पुत्र बच्चा तिवारी, छोटे सिंह पुत्र जगदेव, रामेंद्र पाल सिंह उर्फ बड़ा लाला पुत्र रामसेवक सिंह, शिवमंगल पुत्र हिरवा आरख, रामचंद्र पुत्र भूरा बाजपेई व अर्जुन पुत्र पृथ्वीपाल सिंह निवासीगण पपरेन्दा एवं सुरेंद्र सिंह पुत्र मन्ना सिंह निवासी अतराहट को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।


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