नहीं रहे ! ईमानदारी, सादगी, न्याय व निर्भीकता के प्रतीक रामानन्द सिंह 82 मुंडेरवा


विशेष संवाददाता

करनैलगंज/गोण्डा। मुंडेरवा गांव ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में पँचायत में महारथ हासिल, सादगी, ईमानदारी व निर्भीकता के प्रतीक बाबा रामानन्द सिंह 82 वर्ष की ह्र्दयगति रुक जाने से निधन हो गया। उनके संसार छोड़ने की खबर पाते ही अंतिम दर्शन के लिये उनके आवास पर लोगों का तांता लग गया। कुर्ता, धोती व सदरी पहनकर सायकिल पर सवार होकर जब वह निकलते तो चारों तरफ बाबा जयराम,बाबा जयराम की आवाज गूँजने लगती थी। वैसे तो करनैलगंज के पूर्व विधायक ठाकुर स्व. उमेश्वर प्रताप सिंह के जमाने से वह भँभुवा कोट परिवार के बहुत करीबी माने जाते रहे लेकिन बरगदी कोट परिवार से भी उनका सदैव बेहतर तालुकात रहा और बेदाग छबि के नाते स्व.कुँवर मदन मोहन सिंह व पूर्व विधायक लल्ला भैया उनका बहुत सम्मान करते थे। सम्भ्रांतजनो में से एक रहे बाबा रामानंद सिंह पूरे क्षेत्र में वाकपुटता के लिये प्रसिद्ध रहे। 

बाबा रामानंद सिंह अपने जमाने के बेजोड़ इंसान थे,वहकटरा शहबाजपुर न्याय पँचायत से सरपंच भी रहे,क्षेत्र में पंचायतों के माध्यम से छोटे बड़े मामलों को बड़ी सरलता से निपटा देते थे। बताया जा रहा है कि अपने जीवन में उन्होंने पँचायत के द्वारा हजारों मामलों का निपटारा कर तमाम विवादों को खत्म करवाया। उनकी सादगी, ईमानदारी की वजह से किसी ने कभी भी उनके निर्णय पर उंगली नहीं उठाई। गांव व क्षेत्र के विकास के लिये वह सदैव ततपर रहे,बेबाकी से अपनी अपनी बात रखते थे तथा ऐसे मुद्दों को लेकर वह भँभुवा व बरगदी दोनों जगह बड़ी निर्भीकता से लड़ जाते थे। हमेशा फिट व फुर्त दिखने वाले बाबा रामानन्द सिंह ने शुक्रवार की भोर में अंतिम सांस लेकर दुनिया को अलविदा कह दिया। 

उनके निधन की खबर पाकर रामनेवाज सिंह,काली प्रसाद सिंह,यू पी सिंह,भगवान बक्श सिंह,शिव कुमार सिंह, अशोक सिंह, रवि प्रताप सिंह, विवेक सिंह, केडी सिंह, गणेश पाण्डेय, प्रमोद सिंह, लल्ला सिंह, हर्षित सिंह, बृजेश सिंह, भोली सिंह, सत्यम सिंह, अमरेंद सिंह सहित क्षेत्र के तमाम लोगो ने उनके आवास पहुंच कर उनका अंतिम दर्शन कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुये पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह,नेता अवधेश सिंह तथा किष्नु सिंह ने उनके निधन को समाज की क्षति बताते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।


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