स्कूली बच्चों के जीवन के साथ निजी शिक्षण संस्थान न करे खिलवाड़ : सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी


  • विधायक ने कमिश्नर को भेजा 15 सूत्रीय मांग पत्र
  • स्कूली वाहन में प्रतिदिन जाने वाले छात्रों को सीट नंबर आवंटित हो
  • स्कूली वाहन में ओवर लोडिंग की कराई जाए नियमित चेकिंग

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने स्कूली वाहनों में नौनिहाल, मासूमों की सुरक्षा और मानकों को पूरा कराए जाने के संबंध में आयुक्त चित्रकूटधाम मंडल बांदा को 15 सूत्रीय मांग पत्र भेजते हुए कहा है कि निजी शिक्षण संस्थानों में बच्चों को आने जाने के लिए स्कूली बस, टेंपो टाटा मैजिक, आदि वाहन विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्य द्वारा लगाए गए  है। परंतु बच्चों की सुरक्षा के नाम पर लगातार अनदेखी की जा रही है।

द्विवेदी ने अपने पत्र में कहा है कि अक्सर देखने में आता है जब कोई विद्यालय का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। तब उस पर कार्यवाही करने अथवा मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करने का आश्वासन दिया जाता है। तब तक अभिभावक सब कुछ खो चुका होता है। विधायक ने कहा है कि समय रहते स्कूली वाहनों में सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम एक्ट के अंतर्गत जो सुरक्षा और मानदंड निर्धारित किए गए हैं उनको तत्काल पूर्ण किया जाए।

विधायक बांदा के द्वारा अपने पत्र में कहा है कि प्राइवेट स्कूल, निजी शिक्षण संस्थानों में नौनिहालों, मासूमों को घर से स्कूल आने जाने के लिए विद्यालयों के द्वारा जो वाहन किए जा रहे हैं। उनमें उनके जानमाल की रक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे अभिभावकों का बच्चा जब तक स्कूल से सुरक्षित वापस नहीं आ जाता तब तक उनकी दिल की धड़कन बड़ी रहती है और अभिभावक सदैव चिंतनीय रहता है।

चित्रकूट धाम मंडल बांदा के तेज तर्रार सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कमिश्नर को लिखे पत्र में मुख्य रूप से बच्चों की सुरक्षा के लिए बात कही । उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि स्कूली वाहन में स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरे लगाकर जीपीएस से जुड़े जाए ताकि वाहनों की सुरक्षा और उसकी स्थिति स्कूल प्रबंधन के पास सदैव रहे। इसके अलावा विधायक ने अपने पत्र में कहा है कि स्कूली वाहनों में बच्चों को सीट नंबर अलाट किया जाए ताकि स्कूली वाहनों में प्रतिदिन होने वाली ओवर लोडिंग निजात मिले और मासूम नौनिहाल को आने जाने में हो रही प्रतिदिन उनके माता पिता को सुविधा दे।

द्विवेदी ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि सभी स्कूली वाहन चालक निर्धारित यूनिफॉर्म में रहें और अपने नाम की पट्टिका स्वयं लगाएं। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन के लिए यह भी कहा है कि स्कूलों में प्रतिदिन जाने वाले बच्चे जिनमें बच्चियों के लिए पृथक से महिला स्टाफ की तैनाती की जाए। मासूम लड़कियों को स्कूली वाहन में महिला स्टाफ के द्वारा ही चढ़ाया और उतारा जाए।

बांदा विधायक ने अपने पत्र की एक प्रति प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को करते हुए लिखा है कि स्कूल जाने वाले नौनिहालों के संबंध में सरकार द्वारा नियत किए गए मानकों के अनुसार आवश्यक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। विधायक ने अपने पत्र में कहा है कि प्रत्येक विद्यालय में प्रयुक्त वाहन का फिटनेस ,बीमा और वाहन को चलाने के लिए प्रयुक्त वाहन चालक का चाल चरित्र और उसका लाइसेंस निर्धारित रूप से चेक किया जाए। इसके अलावा जो भी छात्राओं को चढ़ाने और उतारने के लिए महिला अटेंडेंट लगाया जाए वह भी उचित यूनिफार्म और नाम पट्टिका के साथ वाहन में उपस्थित रहे। 

स्कूली वाहनों में जो स्टाफ स्कूल प्रबंधन के द्वारा नियुक्त किया जाए उसके फोन नंबर बच्चों के अभिभावक माता-पिता को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं ताकि प्रतिदिन आने वाले वाहन यदि समय से ना आए तो वाहन के संबंध में तुरंत नियत स्टाफ से बात की जा सके। सदर विधायक बांदा ने अपने पत्र में अंतिम रूप से कहा है कि अभिभावकों के साथ और उनके बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।




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