लखनऊ। हमारा देश हमेशा से मृत्युंजय राष्ट्र है और पूरा विश्व हमारा परिवार है। सभी सुखी रहें, स्वस्थ रहें और सबकी दृष्टि कल्याणकारी हो, यह सोच हमारे ऋषियों मुनियों की रही है। भारतीय संस्कृति में सही और गलत को पहचान करने की संवेदना रही है, इसलिए हम सबसे अलग राष्ट्र हैं। हमारे देश के लोग विश्व को परिवार समझकर कार्य करते हैं। हमारी युवा पीढ़ी को अपना ऐसा लक्ष्य चुनना होगा, जो राष्ट्र का लक्ष्य बन सके। उक्त उद्गार कार्यक्रम अध्यक्ष अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष हर्ष ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 17वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बी. एन. बी. एम. प्रसाद ने कहा कि आज का दिवस महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि आज के दिन ही सन् 1948 में डब्लूएचओ की स्थापना की गई थी, जिसका मूल उद्देश्य समाज को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। महामारी के समय में भी डब्लूएचओ ने जागरूक करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि हर देश का मुख्य उद्देश्य विकास ही होता है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी ने विकास के साथ-साथ पर्यावरण, प्रकृति और धरती के संरक्षण को लेकर काफी कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए। इसके साथ ही अपने मन में राष्ट्र निर्माण और प्रकृति के संरक्षण के बारे में सोचने की जरूरत है, तभी हम भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं और महामारियों से बच सकते हैं।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राएं सहित अन्य पदाधिकारीगण |
उन्होंने कहा कि प्रकृति ह्रास और वातावरण में परिवर्तन के कारण ही आज स्वस्थ संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने वायु प्रदूषण, भूमिगत जलस्तर में कमी और ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता व्यक्त करते हुए युवा पीढ़ी का ध्यान इस ओर आकर्षित किया और कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर युवा पीढ़ी अगले 25 वर्षों का लक्ष्य लेकर इस दिशा में कार्य करें तो हमारा जीवन सरल बन सकता है। मुख्य अतिथि सेना मेडल से सम्मानित मेजर देवकी नंदन भट्ट ने कहा कि आज युवा पीढ़ी के लिए शिक्षा की जितनी जरूरत है, उतना ही आवश्यक संस्कार और समाज के साथ जुड़ाव भी जरूरी है। इसके साथ ही आपको अच्छे गलत की परख के साथ-साथ स्वयं की बात दूसरों के समक्ष रखने की कला भी होनी चाहिए। जो कई बार आपके लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम आती है। सफल होने के लिए इन गुणों होना जरूरी है। उन्होंने भैया-बहनों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित भी किया।
मुख्य वक्ता पूर्व सैनिक सेवा परिषद कानपुर के संगठन मंत्री में मेजर ब्रजेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारतीय सेना अपना परचम लहरा रही है। भारतीय सेना ने देश ही नहीं, अपितु विदेशों में बढ़-चढ़ कर काम किया है। भारतीय सेना देश की बाहरी सुरक्षा के साथ देश के अंदर आने वाली विपदा में हर समय खड़ी रहती हैं। उन्होंने अपने सैन्य अनुभवों को साझा करते हुए युवा पीढ़ी को सेना में सेवा देने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम अध्यक्ष अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष ने कहा कि आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, जिससे हमारी युवा पीढ़ी जागरूक हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का लक्ष्य क्या है, इसे स्वयं युवा पीढ़ी को तय करना होगा और उसी दृष्टि से युवाओं को कार्य करना होगा, ताकि हम समृद्ध राष्ट्र बनकर उभरें।
उन्होंने कहा कि हमें अपने स्व को जगाने की आवश्यकता है, तभी हम विश्चगुरु बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने मॉडल नहीं समझेंगे, समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख मा. उमाशंकर मिश्र जी ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी। उन्होंने में आए सभी अतिथियों का परिचय भी कराया। इतिहास संकलन समिति अवध प्रांत के सदस्य डा. अनन्त प्रकाश जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा जी ने किया। इस अवसर पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार की विभागाध्यक्ष डा. रुचिता सुजॉय चौधरी, किंग जार्ज मेडिकल विवि के डॉ. लक्ष्य कुमार, इतिहास संकलन समिति अवध प्रांत के सदस्य के डा. विनीत कुमार गुप्ता, कार्यक्रम संयोजक डॉ. मुकेश वर्मा, एनएसएस के छात्र-छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.