सशक्त राष्ट्र के लिए सक्षम मातृत्व जरूरी

  • विश्व मांगल्य सभा की द्वि-दिवसीय मातृचिन्तन कार्यशाला में उभर कर आये सकारात्मक विचार
  • लोकप्रतिनिधि परिवार की ओर से संसद सदस्यों की पत्नियो ने रखे अपने विचार
  • राष्ट्रभक्त नागरिको के निर्माण में मां की भूमिका पर 8 सत्रों में चिंतन

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। सशक्त राष्ट्र के लिए सक्षम मातृत्व का होना बहुत आवश्यक है। जब माता सक्षम और संस्कारवान होगी तो उससे उत्पन्न संतान निश्चित रूप से सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सहभागी बनेगी। यही सार उभर कर आया दो दिनों की राष्ट्रीय कार्यशाला में  । विश्व मांगल्य परिवार की इस कार्यशाला की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख श्रीमती कंचन राय जी ने बताया कि यह कार्यशाला जिन उद्देश्यों को लेकर आयोजित की गई, वह काफी सफल रही। 

उन्होंने जानकारी दी कि एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में विश्वमांगल्य सभा की लोक प्रतिनिधि परिवार संपर्क विभाग द्वारा इस  मातृ चिंतन कार्यशाला का आयोजन किया गया था । द्वि-दिवसीय कार्यशाला में  कुल 8 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न विषयों पर चिंतन किया गया। वक्ताओं ने संगठन के उद्देश्य व कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में माता की भूमिका इस विषय पर संगठन की कार्यशाला को आयोजित किया। कार्यशाला में संगठन के संस्थापक परम पूजनीय जितेंद्र नाथ महाराज, प्रशांत हरतालकर, रेखा देवी खंडेलवाल, वृषाली जोशी, कांचन नितिन गडकरी, मृदुला धर्मेंद्र प्रधान,सीधी सांसद रीति पाठक सहित अनेक संसद सदस्यों व केंद्रीय मंत्रियों की धर्मपत्नीयां कार्यशाला में सम्मिलित हुईं।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जितेंद्र नाथ महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मां का बड़ा महत्व है।  जितने भी वीर महापुरुषों के उदाहरण हम सबके सामने प्रस्तुत किए जाते हैं उनके मूल में एक मां की त्याग तपस्या व संस्कार सहित लालन-पालन छिपा होता है.हमारी संताने राष्ट्रवादी-राष्ट्रीय समाज के विचार वाली हों, इसके लिए एक मां का दायित्व अहम हो जाता है। विश्वमांगल्य सभा मातृ निर्माण के देव-देश कार्य में लगा हुआ है। एक संस्कारित राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत माता निश्चित ही महापुरुष की जन्म दात्री होती है। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशांत जी हरतालकर ने कहा कि भारत में राष्ट्र की मूल संस्था परिवार होती है, परिवार  माता पर निर्भर करता है अर्थात इस राष्ट्र के निर्माण या उत्थान के लिए एक मां की  भूमिका अहम होती है। कार्यशाला में दोनों दिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी की धर्मपत्नी कांचन गडकरी उपस्थित रही। कार्यशाला के द्वितीय दिवसगडकरी का विस्तृत व्याख्यान हुआ जिसमें उन्होंने अपने जीवन के निजी अनुभव सभी के साथ साझा किए और सहजता से बताया कि किस तरह राजनैतिक परिवार में रहते हुए भी वह अराजनैतिक रहकर  समाज सेवा व अपने परिवार को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करती हैं। 

कार्यशाला में गडकरी ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन भी दिया। इस अवसर पर कार्यशाला के द्वितीय दिवस मध्यप्रदेश सीधी से सांसद रीति पाठक ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए विश्वमांगल्य सभा की सराहना की व चर्चा सत्र में भाग लिया। कार्यशाला की संयोजिका डॉ अनुराधा यादव (पत्नी डॉक्टर कृष्ण पाल सिंह यादव सांसद गुना)एवं शुभांगी मेंढे (धर्मपत्नी सुनील मेंढे सांसद गोंदिया-भंडारा महाराष्ट्र) रहीं। कार्यशाला के पहले दिन कुशल संचालन अनुराधा यादव ने किया व द्वितीय दिवस के संचालन का उत्तरदायित्व शुभांगी मेंढे द्वारा निभाया गया। कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, योग, आध्यत्म आदि के संदेश का प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम में शक्तिगान का प्रस्तुतीकरण दिल्ली सांसद मनोज तिवारी की धर्मपत्नी एव कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती सुरभि तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया। लोकप्रतिनिधि  के रूप में अनेक संसद सदस्यों व केंद्रीय मंत्रियों की धर्मपत्नी उपस्थित रही।

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