- कोई भी देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सोचे कि मांस-शराब के पैसे से हम देश की तरक्की कर लेंगे तो यह है नामुमकिन
- शराब की आमदनी से ज्यादा खर्चा पी करके जो हत्या, व्यभिचार होते हैं, जोड़ा जाए तो शराब की आमदनी घाटे में दिखेगी
देश और देशवासियों की भौतिक और आध्यात्मिक तरक्की के लिए कटिबद्ध, राह में आने वाले छुपे हुए अवरोधों और समाज में प्रचलित गलत धारणाओं को दूर कर विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाले भारत के महान समाज सुधारक, मौजूदा पूर्ण समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने तपस्वी भंडारा कार्यक्रम में देश-विदेश से आये लाखों भक्तों को 28 मई 2022 सायंकालीन बेला में उज्जैन आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रासारित संदेश में बताया कि आजकल बीमारियों के बढ़ने का क्या कारण है? मांसाहार का बढ़ना।
मांसाहार अगर रोका नहीं गया तो भविष्य में इतनी बीमारियां आएंगी कि यह सब फेल हो जाएगे। कोरोना तो कुदरत का ट्रेलर है। पिक्चर तो अभी आगे दिखाई पड़ेगी। यह व्यवस्था सब फेल हो जाएगी। जो यह सोच रहे हैं, एक्सपोर्ट कर रहे हैं, माल बाहर जा रहा है हमारा, हमको आमदनी हो रही है, यह बात आज की तारीख में समझ लो! कोई भी देश, प्रांत, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री यह सोचे कि मांस और शराब के पैसे आमदनी से हम देश की तरक्की कर लेंगे तो यह है नामुमकिन। यह संभव नहीं है। इम्पॉसिबले जिसको कहते हैं, ये वह है। इससे तरक्की नहीं हो सकती, इससे होगा विनाश।
शराब की आमदनी से ज्यादा पी करके जो मर्डर, व्यभिचार होते हैं, जोड़ा जाए तो शराब की आमदनी घाटे में दिखेगी
शराब को पी करके जो लोग मरते, खून कत्ल होता है उससे परेशानी कितनी बढ़ती है, खर्चा कितना होता है। यह सब अगर जोड़ा जाए तो शराब की आमदनी घाटे की दिखेगी। शराब कि दुकाने बंद तो नहीं करा सकते लेकिन वैचारिक क्रांति द्वारा समझा कर छुड़वा सकते हो।
जब मौका आता है चुनाव के समय में बटन दबाने का तब तो आप भाई, भतीजावाद, जातिवाद, कौमवाद में पड़ जाते हो। उस समय निर्णय नहीं ले पाते हो यह आदमी कौन है, कौन कर सकता है। अपने एक मिनट के अधिकार को पांच साल के लिए दूसरे को दे देते हो। अब आप तो कुछ नहीं कर सकते हो लेकिन यह तो कर ही सकते हो कि लोगों को समझा, बता कर के छुड़वा सकते हो, वैचारिक क्रांति के द्वारा आप उनमें परिवर्तन ला सकते हो।
बड़े-बड़े नेताओं के बच्चों को प्रेमियों ने समझा कर नशा छुड़वा दिया
सरकारें (आपका) सहयोग समझेंगी जब शराब बंद करवा दोगे। अपराध, भ्रष्टाचार, व्यभिचार जब कम हो जाएगा तो सरकार भी कहेगी यह जयगुरुदेव वाले बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। यह जो बड़े-बड़े नेता, अधिकारी हैं इनके बच्चों को सतसंगियों ने समझा करके आदत छुड़वा दिया। वह लोग भी ताज्जुब करते रहे कि नशा छुड़ाने का दवा करवाया, अस्पताल में भर्ती भी कराया तो कुछ समय के लिए छोड़ा लेकिन लौट कर के आए फिर करने लगा। लेकिन कौन सी बूटी पिला दिया जयगुरुदेव बाबा के बच्चों ने जो छोड़ दिया। वह भी खुश होंगे। प्रयास की, हिम्मत की जरूरत है।
हिम्मत ए मर्दा, मदद ए खुदा, चिड़िया ने हिम्मत किया तो समंदर को अंडा वापिस देना पड़ा
उस चिड़िया का अंडा समंदर बहा ले गया था। उसने हिम्मत किया कि हम समंदर के पानी को सुखवा देंगे, अपने अंडे को खोज लेंगे तो समंदर को अंडा वापस देना पड़ा था। यह दृष्टांत जो दिया गया है इसीलिए बताया जाता है कि हिम्मत करो तो खुदा मिल जाए आपको।
बाबा उमाकान्त जी के वचन
प्रभु, गुरु तथा मौत को हमेशा याद रखो। सच्चे गुरु के मिल जाने पर इसी मनुष्य शरीर में भगवान का दर्शन होता है; अनहद, आकाशवाणी सुनाई पड़ती है। मनुष्य शरीर गुनाह करने के लिए नहीं बल्कि भगवान के भजन के लिए मिला है। मृत्यु के बाद शरीर का मुक्ति-मोक्ष श्मशान घाट पर तो हो जाता है परंतु उपाय न करने पर जीवात्मा फंस जाती है। सन्त मानव धर्म सिखाते हैं।
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