बाबा उमाकान्त जी ने बताया अच्छा समाज तैयार कैसे होगा?

  • रोटी, कपड़ा, परिवार के लोगों के समान मालिक को भी याद करोगे तो बच्चों में भी वोही संस्कार, आदत बनेगी
  • मूल मंत्र है कि मालिक को सुबह-शाम जरूर याद करो

कलयुग में कलयुग जाएगा सतयुग आएगा- इसकी घोषणा, प्रचार और युग परिवर्तन के समय सदैव से होते भारी जनसंहार को रोकने हेतु प्रभु के नाम जयगुरुदेव को जगाने वाले, इस सृष्टि को पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज जैसे वक़्त के समर्थ सन्त सतगुरु देने वाले परम पूज्य बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी, चरम की दिशा में अग्रसर कलयुग के प्रभाव से घर परिवार में बढ़ती अशांति, दुःख तकलीफों के मूल कारण को बता कर उसे दूर करने के सरल उपाय बता कर भौतिक और आध्यात्मिक तरक्की सुनिश्चित करने वाले, बाहर से कड़क दिखने लेकिन अंतर में मक्खन से भी नरम हृदय वाले, नामदान देने की शक्ति रखने वाले इकलौते वक़्त के महापुरुष सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के प्रति माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को मनाए जाने वाले मासिक भंडारा पर्व कार्यक्रम में 25 जुलाई 2022 सायं कालीन बेला में बावल आश्रम, रेवाड़ी (हरियाणा) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि प्रेमियों ने अभी सन्तों की बताई हुई कलयुग की सबसे सरल साधना किया।

पहले के समय में बराबर साधन भजन पूजा पाठ के लिए लोग समय निश्चित कर रखे थे। सुबह-शाम हर कोई प्रभु को याद करता था। कोई किसी भी देवी-देवता को मानता रहा हो, जिसको जिस तरह की भी जानकारी रहती रही, हर कोई कुछ न कुछ करता था। अब वह चीजें खत्म होती जा रही हैं। यही कारण है कि बच्चे-बच्चियां बिगड़ रहे हैं, परिवार के लोग बिखर रहे हैं, एक रस्म एक सूत्र में परिवार नहीं है, परिवार में प्रेम नहीं है, परेशानी आदमी के सामने आती जा रही है। गृहस्थ आश्रम में सुख की खोज तो करता है लेकिन सुख की खोज में ही दु:ख पैदा होता जा रहा है और दु:खों में भी शाखाएं निकलती चली जाती हैं। उसका कारण यही है कि-

 माली सींचे बाग को, बाग को दिया सुखाय। जो तू सीचै मूल को, फूले फले अघाय।।

मूल को लोगों ने छोड़ दिया। यह क्या है? कहते हैं यह मूल मंत्र है कि मालिक को सुबह-शाम जरूर याद करो। जैसे रोटी, कपड़ा, परिवार के लोग याद रहते है ऐसे मालिक को याद करना बहुत जरूरी है। जब याद करने लगोगे तो बच्चों के ऊपर भी संस्कार बनेगा और बच्चे भी उस चीज को अपनाएंगे और आगे चलकर के बच्चों की भी आदत बन जाएगी और उन्हीं बच्चों के जब बच्चे होंगे तो उनकी भी वही आदत बनेगी तो एक अच्छा समाज तैयार हो जाएगा।

सुमिरन ध्यान भजन में समय देना शुरू करो : देखो प्रेमियों! आप लोग जितने सुन रहे हो, समय देना शुरू करो। हमको तो यह नहीं कहना है कि कौन सुमिरन, ध्यान, भजन में समय देता है और कौन नहीं देता है। यह हमको कहने की जरूरत नहीं है। लेकिन आप लोग जो समय नहीं देते हो, आप समय देना शुरू करो। सुबह-शाम बैठने की आदत डालो। जब खुद आदत डालोगे तो बच्चे लोग भी बैठने लगेंगे। उनकी भी आदत में यह चीज आ जाएगी और फिर वातावरण धीरे-धीरे पहले जैसा हो जाएगा। पहले जैसी खुशहाली आ जाएगी, समय पर जाड़ा गर्मी बरसात होने लग जावेगी।

बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन : छोड़ो अंडा-मांस-शराब, इससे होती बुद्धि खराब। अच्छे काम में लगे रहो और लोगों को लगाते भी रहो। याद रखो! एक दिन मौत आनी ही आनी है। परमार्थ की कमाई के लिए शान्त वातावरण सहायक होता है। भाग्य पर भरोसा करो और परिश्रम करो। स्वार्थ में गुरु की सेवा किया तो कोई लाभ नहीं मिलेगा। सतगुरु चाहें तो पल में दया की वर्षा करके काम बना दें। मुर्शिद-ए-कामिल से इल्म लेकर रुहानी इबादत करो। शाकाहारी हो परिवार, आवे सद्बुद्धि सुविचार। जीव हत्या करने से खुदा, भगवान कभी खुश नहीं होते हैं। सन्त उमाकान्त जी का सतसंग प्रतिदिन प्रातः 8:40 से 9:15 तक (कुछ समय के लिए) साधना भक्ति टीवी चैनल और अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित होता है।

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