बांदा जनपद की नौ खबरों को पढ़ें एक नजर में

 

सार्वजनिक शौचालय को हटाने के लिए सभासदों ने शुरू किया सांकेतिक धरना

  • 24 घण्टे के अंदर दीवार न हटाने पर स्वयं हटाने की दी चेतावनी

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

अतर्रा/बांदा। कस्बे के बांदा रोड बस स्टैंड पर बने सार्वजनिक पेशाब घर को रातों-रात पालिका प्रशासन द्वारा बंद किए जाने के विरोध में सभासदों ने बंद किए हुए पेशाब घर पहुंच कर सांकेतिक धरना देकर पालिका प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द से जल्द बंद हुए पेशाब घर को खोलने की मांग की साथ 24 घंटे के अंदर ना दीवाल में डाली सभासद ने स्वयं दीवार हटाने की चेतावनी दी है। कस्बे के बांदा रोड बस स्टैंड में लगभग 40 वर्षों से चल रहे सार्वजनिक पेशाब घर को पालिका प्रशासन द्वारा रातों-रात बंद किए जाने का आक्रोश अब नगर में बढ़ता ही जा रहा है जिससे अब प्रशासन व पालिका प्रशासन अपने द्वारा किए गए कार्य में ही घेरता दिख रहा है गुरुवार को लगभग एक दर्जन सभासद सभासद दल के अध्यक्ष रणवीर सिंह उर्फ लाल बाबू के साथ सभासद भानु  प्रताप सिंह सभासद अरविंद सिंह राजू सभासद संजय कुमार चौबे प्रसाद राजेंद्र कुशवाहा सभासद कल्लू यादव वह नगर केअनुराग गौतम अंकुर गुप्ता के साथ सीधा प्रशासन द्वारा बंद कराए गए पेशाब घर पहुंच कर संकेतिक धरना देते हुए पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर आक्रोश जाहिर किया सभासद दल के अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि यह निर्णय प्रशासन का जनविरोधी है।

इससे हजारों यात्रियों आम नागरिक राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है महिला पेशाब घर लिखकर दीवाल में जबकि अंदर पुरुष पेशाब के पाठ लगे हैं जाने का कोई रास्ता नहीं है और थाने के अंदर पेशाब करने की सूचना लिखी गई है यह लोगों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात है इसको हम बर्दाश्त नहीं करेंगे सभासद कल्लू यादव ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं और अगर 24 घंटे में दीवाल नहीं हटाई गई तो हम सभासद गण मजबूरी में दीवाल हटाने को मजबूर होंगे उधर अधिवक्ता सूरज बाजपेईशिक्षा संबंधी का आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी द्वारा 24 घंटे में समाधान करने का आश्वासन दिया गया था पर 48 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक पेशाब घर का रास्ता नहीं खोला गया है उल्टा उसमें महिला पेशाब घर लिखकर प्रशासन द्वारा लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है श्री बाजपेई ने कहा टीचर थाने के रास्ते में नाला खुला है पेड़ पौधे लगे हैं वहां कोई रास्ता ही नहीं है ऐसे में महिलाएं कैसे पेशाब कर दी जाएंगी और थाने के अंदर प्रार्थना पत्र देने में तो फरियादी चार बार जाने में सोचता है पेशाब करने कैसे जाएगा।

यह पालिका प्रशासन लोगों को गुमराह कर रही है अगर 24 घंटे में समाधान नहीं निकलता तो मजबूरी में धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा बताते चले कि बंद किए पेशाब घर जो रातों-रात बंद किया गया इसका लिखित में किसी के पास कोई आदेश नहीं है गुरुवार को अधिशासी अधिकारी रामसिंह भी किसी भी लिखित आदेश से इनकार करते हुए 24 घंटे के अंदर अतिक्रमण कह कर दीवार गिराने की बात कही है। उधर अधिवक्ताओं द्वारा शुरू किए गए आंदोलन में अब सभासदों के बाद नगर के लोग भी जुड़ते जा रहे हैं सोशल मीडिया में भी लोग इस आंदोलन का समर्थन भारी संख्या में कर रहे हैं।

चंद्रशेखर सिंह पटेल अध्यक्ष, आस्था सिंह महामंत्री निर्वाचित

  • पंचायत सहायक संघ का चुनाव संपन्न 

बबेरु/बाँदा। बबेरू कस्बे के एक मैरिज हाल पर बबेरू ब्लाक के पंचायत सहायक संघ का चुनाव संपन्न किया गया, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष के लिए मतदान पंचायत सहायकों के द्वारा किया गया। उसके बाद तुरंत मतगणना कराई गई, मतगणना के बाद चुनाव अधिकारी के द्वारा नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। बबेरु विकासखंड क्षेत्र के पंचायत सहायक संघ का चुनाव संपन्न कराया गया। जिसमें अध्यक्ष पद के प्रत्याशी चंद्रशेखर सिंह व जीतू यादव रहे जिनका पंचायत सहायकों के द्वारा मतदान डाले गए, मतदान के 1 घंटे के बाद मतगणना संपन्न की गई। जिसमें कुल चंद्रशेखर सिंह पटेल को 32 मत और जीतू यादव को 14 मत प्राप्त हुए जिसमें चंद्रशेखर सिंह पटेल ने अपने प्रतिद्वंदी जीतू यादव को 18 मतों से पराजित किया। 

इसी तरह उपाध्यक्ष पद पर हरिमोहन मौर्य ने सुरेंद्र यादव को 8 मतों से पराजित किया। महामंत्री पद में आस्था सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी मनीष कुमार को 9 मतों से पराजित किया। कोषाध्यक्ष पद पर शिखा देवी ने प्रभावती को 20 मतों से पराजित किया। वहीं मीडिया प्रभारी अवधेश कुमार को निर्विरोध घोषित किया गया। मतगणना के बाद विजयी प्रत्याशी अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह पटेल, उपाध्यक्ष हरिमोहन मौर्य, महामंत्री आस्था सिंह,कोषाध्यक्ष शिखा देवी, मीडिया प्रभारी अवधेश कुमार को चुनाव अधिकारी व कार्यवाहक एडीओ पंचायत राकेश कुमार सिंह के द्वारा नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया हैं।

लीपनकला विषय पर महिलाओ का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

बांदा। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में माननीय कुलपति महोदय डा0 नरेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन में संचालित महिला अध्ययन केन्द्र के अन्तर्गत दिनांक 13 जुलाई, 2020 को ‘‘ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार हेतु लिपनकला‘‘ विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 65ग्रामीणमहिलाओं ने प्रतिभाग किया। जिसका मुख्य उद्देश्य लिपनकला के प्रयोग से हस्तशिल्प निर्माण कर महिलाओं की आमदनी बढ़ाना है। कार्यक्रम में महिलाओं को प्रशिक्षण के दौरान डा0 सौरभ, सहायक प्राध्यापक, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय ने बताया कि शूक्ष्म व्यवसाय महिलाओं हेतु किस तरह से कम समय में अधिक उन्नत हो सकता है और इससे अधिक आय का अर्जन किया जा सकता है। प्रभारी, महिला अध्ययन केन्द्र, डा0 दीप्ति भार्गव ने लीपन कला के बारे मे बताया कि यह कला गुजरात की स्थानीय कला है। जिसका उपयोग घर की दीवारों को आलंकृत करने के लिये किया जाता है। लिपन शब्द का स्थानीय भाषा में अर्थ ‘‘मिट्टी‘‘ है। 

इस कला को गुजरात के कच्छ के स्थानीय निवासी मुख्य रूप से दीवारों को मिट्टी एवं दर्पणों से सजाने के लिये करते है। इस कला में उपयोग किये जाने वाले रूपांकन एवं डिजाइन दैनिक जीवन से प्रेरित होते है। इस कला में दोहरयें जाने वाले ज्यामतीय रूपांकनों का भी उपयोग किया जाता है। प्रभारी, महिला अध्ययन केन्द्र, डा0 दीप्ति भार्गव एवं डा0 सौरभ, सहायक प्राध्यापक ने लिपन कला पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया एवं प्रतिभागी महिलाओं ने लिपन कला को स्वयं करके सीखा। इस कला के माध्यम से बुन्देलखण्ड की महिलाएं अतिरिक्त आय सृजन कर सकती है। कार्यक्रम के समापन में प्रतिभागियों से अपने विचार एवं अनुभव साझा किये। प्रशिक्षण कार्य क्रम में आयी प्रतिभागियों को सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय का भ्रमण कराया गया एवं मुख्य रूप से उन्हें महाविद्यालय में संचालित कर  दिखाया गया तथा उसके महत्व को बताया गया। कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की सह-अधिष्ठाता, डा0 वंदना कुमारी का सहायोग रहा।

सीनियर दरकिनार, जूनियर को मिला प्रभार

  • एडीओ पंचायत के प्रभार में नियम हुए दरकिनार

बांदा। अंधा बांटे रेवड़ी, चीन-चीन के दीन की कहवात बिसण्डा ब्लाक और महुआ ब्लाक में पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। डीपीआरओ ने शासनादेशो को दरकिनार कर सीनियर सचिवों पर जूनियरों को तरजीह देते हुए उन्हें एडीओ पंचायत प्रभार सौंप दिया है। डीपीआरओ के इस फैसले से ब्लाकों में अंदर खाने में विद्रोह की आवाज बुलंद हो रही है। बताते चलें कि शासन के द्वारा आदेश जारी किया गया था कि ब्लाकां में तैनात सीनियर सचिवों को रिक्त पड़े एडीओ पंचायत का कार्यभार सौंप दिया जाये।लेकिन डीपीआरओ ने शासनदेशो को दरकिनार कर सारे नियमों को ताक पर रखकर जूनियर सचिवों को सीनियरों के जगहों पर तैनात कर दिया है। जिसमें प्रमुख रूप से बिसण्डा ब्लाक में तैनात सीनियर एडीओ पंचायत अनिल सिंह को हटाकर जूनियर अरूण कुमार कुशवाहा को एडीओ पंचायत बनाया गया है। जबकि इसी ब्लाक क्षेत्र में मूल रूप से रहने वाले व कई वर्षों से इसी ब्लाक में तैनात अरूण कुशवाहा का स्थानांतरण नरैनी ब्लाक कर दिया गया था। लेकिन फिर तबादले आदेश में तब्दीली करते हुए एक माह से भी कम समय में उन्हें बिसण्डा ब्लाक में वापस बुलाकर एडीओ पंचायत का पदभार सौंप दिया गया है। इसी प्रकार महुआ ब्लाक में एडीओ पंचायत वीरेन्द्र द्विवेदी को हटाकर उनसे जूनियर सचिव धमेन्द्र कुशवाहा को एडीओ पंचायत नियुक्त किया गया है। डीपीआरओ के आदेश के बाद से सीनियर सचिवों में अंदरखाने बगावत स्वर उठने लगे हैं। अब देखना यह है कि डीपीआरओ अपने आदेश में बदलाव करते हैं या योंही शासनादेशों को दरकिनार किया जाता रहेगा।

बदहाल विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त कराने की विधायक से मांग

नरैनी/बांदा। क्षेत्र में विद्युत ब्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। दिन हो रात अधिकान्स समय बिजली के आँख मिचौली का खेल जांरी रहता है। कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति ब्यवस्था बेपटरी हो चुकी है।जबकि कोविड सेंटर होने की वजह से शाशन से चौबीस घण्टे आपूर्ति बहाली के आदेश है।इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक ओममनी वर्मा ने विधूत सब इस्टेशन अतर्रा का दौरा कर आपूर्ति सुधारने की चेतावनी दी।इधर ग्रामीण इलाकों के हाल बेहाल है।हमेसा अधिकांश समय लाइट शटडाउन में रहती है।क्षेत्र के लोगो ने क्षेत्रीय विधायक ओममनी वर्मा  से निर्बाध आपूर्ति बहाली के लिए फरियाद लगाई थी।पनगरा गांव में लगातार पेयजल ब्यवस्था बिजली विभाग के लापरवाही के कारण गड़बड़ाई हुई है।गांव के रहने वाले नरेंद्र त्रिपाठी,राकेश कुमार, प्रेमबाबू साहू,राकेश साहू,राजेंद्र कुमार, आदि लोगो ने पेयजल अब्वस्था के संदर्भ में सुधार की गुहार लगा चुके है।जिस पर विधायक ने विधूत सब इस्टेशन मे लगातार आपूर्ति के मौखिक निर्देश दिए थे।लेकिन विभाग के लापरवाही के चलते ब्यवस्था में कोई सुधार नही हो पा रहा।

कृमि से प्रभावित होता है शारीरिक विकास रू सीएमओ 

  • 8.42 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी पेट में कीड़े निकालने की दवा 
  • कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियों को लेकर हुई अंतर्विभागीय बैठक 

बांदा। बच्चों और किशोर-किशोरियों में कृमि के कारण मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है। स्कूलों में अनुपस्थिति बढ़ती है और उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। आर्थिक उत्पादकता भी में कमी आती है। बच्चा कुपोषण और एनीमिया का शिकार हो जाता है। यह बातें सीएमओ सभागार में कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियों को लेकर आयोजित अंतर्विभागीय बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने कहीं। सीएमओ ने बताया कि कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। एनीमिया को नियंत्रित किया जा सकता है। बच्चों के सीखने की क्षमता, कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है, वयस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोतरी आदि जैसे फायदे होते हैं। जिले में 20 जुलाई को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। 

इस अभियान में जनपद के 8.42 लाख एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति (पेट के कीड़े निकालने) के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम/राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके/आरकेएसके) के डीईआईसी मैनेजर वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि सभी स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 25 से 27 जुलाई तक मॉपअप राउंड चलेगा। उन्होंने बताया कि एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। इस मौके पर नोडल आधिकारी/एसीएमओ डा. आरएन प्रसाद, जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुशल यादव सहित आईसीडीएस, शिक्षा विभाग के कर्मी उपस्थित रहे। 

निर्धारित डोज में दी जाएगी दवा

डीईआईसी मैनेजर ने बताया कि बच्चों को निर्धारित डोज के अनुसार दवा दी जाएगी। इसमें एक से दे वर्ष को बच्चों के अल्बेंडाजोल 400 एमजी टैबलेट को आधा कर उसका चूरा पानी के साथ खिलाना है। दो से तीन वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूर्ण कर पानी के साथ खिलाना है। इसके साथ ही तीन से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को एक पूरा टैबलेट चबाकर खिलाना है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है।

एससी, एसटी सबप्लान अभियान की बैठक में बजट पर हुई चर्चा

ओरन/बांदा। आज नगर के एक मैरिज हाल में एससी/ एसटी सब प्लान अभियान मंच के तत्वाधान में दलित शुभचिंतको द्वारा एक मीटिंग का आयोजन किया गया मीटिंग में 26 मई 2022 को जो बजट पेश किया गया था बजट का विश्लेषण किया गया । बजट विश्लेषण करते हुए रामकरन आदर्शी ने बताया की 26 मई 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा वर्ष 2022 -23 को विधान सभा में आम बजट प्रस्तुत कियागया जो कुल 615518.97 रूपये बजट पिछले वर्ष की तुलना में 65248 करोड़ यानी 11.86 प्रतिशत ज्यादा है अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट में सरकार ने जहां 39181 करोड़ रूपये की नयी योजनाओं के लिये बजट प्रस्तावित किया है। वहीं पर निजी नलकूपों के बिजली बिल में 50 फीसदी की छूट जारी रखने की घोषणा की है। पिछले वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार जहां वृद्धावस्था पेंशन के लिये 3600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी वहीं इस वर्ष के बजट में वृद्धावस्था पेंशन हेतु 7053.56 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है।

इस बजट में राज्य सरकार ने गांव से लेकर शहर तक ध्यान रखने का दावा किया है। बजट में जहां अस्पतालों के सुदृढीकरण की व्यवस्था की बात कर रही है । वही निर्माणाधीन मेडिकल कालेजों के लिये धन के इन्तजाम की भी बात कर रही है। साथ ही साथ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिये 19000 करोड़ रुपये के बजट के प्रस्ताव करने की बात कर रही है। यदि हम कुल स्कीमों पर व्यय होने वाले बजट की बात करें तो इस वर्ष के बजट में कुल स्कीम बजट 27929077 करोड़ रूपये का है जो कि पिछले वर्ष के कुल स्कीम बजट 133736 करोड़ रुपये था जिसमें 145554.77 करोड़ रूपये ज्यादा है । हालांकि बजट में स्कीम बजट में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी की गयी है और सरकार ने दावा भी किया है हमने सभी वर्गों विशेषकर दलित , आदिवासी एवं महिलाओ का ध्यान रखा है लेकिन हिस्सेदारी के आधार पर देखने से पता लगता है कि इस बजट में दलित आदिवासियों को हिस्से से बहुत कम मिला है । उनकी हिस्सेदारी से 7.25 : कम  है।

सरकार ने अपने बजट में कुल स्कीम बजट 279290.77 करोड़ रूपये रखा है । इसमें अनु.जाति की आबादी से 20.7 : के आधार पर 571813.19 करोड़ रूपये और अनु जनजाति की आबादी प्रतिशत 0.6 : के आधार पर 1675.74 करोड़ रूपये होता है लेकिन सरकार ने अनु जाति के लिये 37575 करोड़ रूपये और अनु.जाति जाति के लिये 2109.31 करोड़ रूपये आवरित करने का प्रस्ताव किया है जो कि प्रतिशत आबादी के अनुपात के आधार पर अनु जाति के लिये आवंटित धनराशि 13.45 प्रतिशत है। जो कि 7.25 प्रतिशत अनु जनजाति के लिये आवंटित धनराशि 0.75 : है जो कि अनु जाति के लिये 7.25 प्रतिशत कम है। सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में अनु जाति / जनजाति के आर्थिक विकास हेतु जो बजट आवंटित किया है इसको लेकर एससी . एसटी सब प्लान अभियान मंच उत्तर प्रदेश ने घोर निराशा व्यक्त की है । बैठक में उपस्थित रामऔतार पंकज नत्थू प्रसाद प्रधान , श्यामलाल हितैषी पूर्व प्रधान, रामकिशोर वर्मा, हीरालाल, मनमूरत वर्मा,सुरजबली, इंद्रपाल वर्मा, लक्ष्मण , अनिल कुमार, रामसिंह वर्मा ,अमन आदर्शी आदि उपस्थित रहे।

भू-जल जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

बांदा। प्रदेश में भूगर्भ जल के महत्व के प्रति जन-मानस को जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ष 2012 से प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई से 22 जुलाई के मध्य भूगर्भ जल सप्ताह का निरन्तर आयोजन किया जा रहा है। भू-जल जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल ने जनपद के सम्बन्धित विभागों को दिनांक 16 जुलाई से 22 जुलाई, 2022 में भूजल सप्ताह का सफल कार्यक्रम कराये जाने की अपेक्षा की गयी है, जिसका मुख्य विचार बिन्दु ‘‘जन-जन तक जल पहुंचाना है, जल संरक्षण अपनाना है’’। उन्होंने जनपद, तहसील एवं विकास खण्ड पर विशेष रूप से जनसामान्य की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित कराये जाने के उद्देश्य से केन्द्रीय संस्थानों,प्रतिष्ठानों, गैर सरकारी संगठनो एवं स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं, कृषि विज्ञान क्लब, पर्यावरण, शिक्षा केन्द्र, शिक्षामित्र, आंगनबाडी केन्द्र, जल उपभोक्ता समितियां, रेजीडेन्ट वेलफेयर सोसायटी भारतीय उद्योग परिसंग एवं बिल्डर एसोशिएशन इत्यादि को व्यापक सहभागिता के साथ उक्त अवधि में भूजल सप्ताह का सफल कार्यर्क्रम कराये जाने की अपेक्षा की है।

विद्युत पोल ट्रांसफार्मर सहित छह महीने से जमीन पर टूटा पड़ा आज तक नहीं सुधरा

कमासिन/बांदा। कमासिन क्षेत्र के ग्राम बीरा के शिव परसन यादव के डेरा में छह महीने पहले जल जीवन मिशन योजना के तहत डाली जा रही पाइप लाइन की खुदाई करते समय जेसीबी की टक्कर से ट्रांसफार्मर लगा विद्युत पोल गिर गया था जो आज भी उसी तरह पड़ा है किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों ने उसे बनाने की कोशिश नहीं की पीड़ित पुरवा वासी विभाग और जल जीवन मिशन योजना की कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टुब्रो के जिम्मेदार अधिकारियों व विद्युत विभाग के स्थानीय कर्मचारियों से अपना दुखड़ा रोते रोते थक चुके हैं। पीड़ित हरिमोहन मनमोहन व देशराज आदि ने बताया कि छह महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है और इस ट्रांसफार्मर से लाभान्वित आधा दर्जन परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर हैं मिट्टी का तेल भी कहीं नहीं मिल पा रहा है मजबूरी में शाम होने से पहले ही खाना पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।इस बाबत अवर अभियंता कमासिन से संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु संपर्क नहीं हो सका संविदा कर्मी बच्चा लाइन मैन ने बताया कि मैंने अपने विभाग के अवर अभियंता से क ई बार बताया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई वहीं यहां तैनात जेई का ट्रांसफर भी हो गया है।

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