जो कोई मुक्ति मोक्ष चाहते हो, किसी भी जीव की ह्त्या मत करना, मांस मत खाना, गुड़ी पड़वा पर संकल्प बना लो

नोट कर लो, मांसाहार करोगे तो कितना भी रामलीला रासलीला रोजा नमाज कर लो, काबा काशी मथुरा कहीं चले जाओ, तकलीफ दूर नहीं होगी

निजी स्वार्थ में लोग अँधेरे में डाल कर बलि चढ़वा देते हैं, जीव ह्त्या की सजा मिल जाएगी, बचो और बचाओ

निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने गुड़ी पड़वा पर 22 मार्च 2023 सायं उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जब से सृष्टि बनी तब से बहुत समय हो गया, कई युग बीत गए, कितने ही सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग आए और चले गए। बहुतों को मालूम नहीं है, यह चक्र चलता रहा है। इसमें ऊपर से भेजी गयी शक्तियों के अलग-अलग नाम लोगों ने रख दिए। कहते हैं नौ दिन में नवदुर्गा। नव दुर्गा की पूजा लोग करते तो हैं लेकिन न जानकारी की वजह से सही तरीके से नहीं कर पाते। सही वेद मंत्र, सही तरीका मालूम हो तब तो 33 करोड़ देवी-देवताओं को बुलाया, खुश किया जाय तब तो यह फलदाई होते हैं, नहीं तो इनका कोई खास लाभ नहीं मिलता है। बीमारियों तकलीफ टेंशन को दूर करने, बिगड़े काम बनाने के लिए, बहुत लोग नवरात्र को अपने-अपने तौर तरीके से, बहुत जोर-शोर से मनाते मिलेंगे लेकिन इतना सब कुछ होते करते हुए भी लोगों को सुख शांति लाभ नहीं मिलेगा।

स्वार्थ में लोग नुक्सान करवा देते हैं

कई स्वार्थी तो लोगों को अँधेरे में डाल देते हैं, लोभ लालच दे कर के अपना स्वार्थ सिद्ध कर देते हैं। जैसे किसी की मांस खाने की आदत बन गई तो समझ लो नौ दिन की उनको दावत मिल गई। मुर्गा बकरा काट कर के देवी के सामने बलि चढ़ा दो (ताकि हमको मांस खाने को मिलेगा)। लेकिन वो स्वार्थ में, जबान के स्वाद में समझ नहीं रहे हैं कि जो हमारे अंदर जीवात्मा है वही उनके अंदर भी है। परमात्मा की अंश, जीव आत्मा सजा भोगने के लिए उन (योनियों) में डाल दी गई है। हमारी उंगली कट, कांटा चुभ जाए तो हमको कितना दर्द होता है, इसी तरह से उनको भी दर्द होता है। इस बात का ज्ञान नहीं है कि आदमी जिस चीज को बना नहीं सकता, उसे काटने का अधिकार नहीं है। काट दिया तो सजा मिलेगी या नहीं मिलेगी? समझो जैसे आप अपने खेत की बुवाई करते हो, कोई जानवर उसमें छोड़ देता हैं जो फसल को खा ले तो वह सजा का भागीदार होगा या नहीं होगा? आप बिगड़ोगे, गाली दोगे मारपीट करोगे या नहीं? कोई बच्चा अज्ञानता में पत्थर मार कर फल तोड़ लेन तो उसके लिए लड़ाई-झगड़ा हो जाता है, लोग कोर्ट कचहरी चले जाते हैं। लेकिन स्वार्थ में लोग समझ नहीं पाते हैं। स्वार्थ में जीव हत्या तक कर डालते हैं। आज के दिन यह प्रेमी जो सतसंग यूट्यूब पर डालते हैं, आज के दिन इस बात को समझो, जीव हत्या करने से देवता खुश नहीं हो सकते, उन्हें मुक्ति मोक्ष नहीं मिल सकता। 

गुड़ी पड़वा के दिन क्या संकल्प बनाना है

इसलिए मुक्ति मोक्ष चाहते हो, अब इस दु:ख के संसार में दुबारा आना नहीं चाहते हो, यहां से अपने घर अपने वतन अपने मालिक के पास पहुंचना चाहते हो तो आप लोग भी जीव ह्त्या मत करना, कोई भी जल थल नभ के, कोई भी पशु पक्षी जानवर का मांस मत खाना, किसी को मार करके या मरे हुए को खरीदकर के उनका मांस मत खाना। आज गुड़ी पड़वा के दिन संकल्प बनाओ कि जिससे हमारा साला अच्छा बीते, हम अच्छे काम के लिए संकल्प बना लें। भूल कर के ऐसी गलती मत करना नहीं तो कितना भी पूजा-पाठ अनुष्ठान रामलीला रासलीला, धार्मिक आयोजन, रोजा नमाज अदा कर लोगे, हज करने, काबा काशी द्वारका मथुरा कहीं भी चले जाओगे, उससे आपकी मुक्ति नहीं होगी, उससे आपकी तकलीफ दूर नहीं होगी, इस बात को आप लिख लो नोट कर लो।

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