हमारी संस्था समस्त कार्य सेवा में नि:शुल्क करती है, किसी भी सामान, व्यापार या व्यापारी का प्रचार नहीं करती

अपनी कमियों को माता-पिता से छुपाना नहीं चाहिए और उन्हें भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए

लगन के साथ काम करने वाले कामयाब हो जाते हैं, लक्ष्य बनाना चाहिए

उज्जैन (म.प्र.)। अच्छे का, साधक का संग करने की शिक्षा देने वाले, कोई घटना होने, विशेषकर बच्चों के साथ होने पर उसे हैंडल करने का सही तरीका बताने वाले, जान रक्षक साबित हो जाने वाली ज्ञान की बातों को बताने वाले,  कामयाबी मिलने का गुर बताने वाले, लक्ष्य बना कर लगन का पक्का बनाने वाले, समस्त कार्य सेवा में नि:शुल्क करने कराने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 7 अक्टूबर 2021 सायं उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि भूमि का असर होता है। आप जाओ तो देखो कहीं तो एकदम सुनसान, उदास, बेचैनी जैसे महसूस होगा। जो लोग साधना करते हो, महसूस कर सकते हो। ऐसी जगह जहां पर बहुत जानवर काटे जाते हैं, जहां बहुत प्रेत आत्माएं रहती है, वहां शांति नहीं मिलती है। धरती, हवा भी अच्छी नहीं लगती है। और अगर दुष्ट या मांसाहारी शराबी कबाबी का साथ पड़ जाए, वह भी रास्ता सफर तकलीफ देह हो जाता है। शाकाहारी से, साधक से बात करो, उसके विचार-भावनाएं अलग दिखाई पड़ेगी। आप महसूस करोगे कि हम अच्छे के साथ हैं, अच्छे के साथ सफर कर रहे हैं तो समझो साथ का बड़ा असर होता है।

अपनी कमियों को माता-पिता से छुपाना नहीं चाहिए

महाराज जी ने 5 अक्टूबर 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि 7-8 साल से 17 -18 साल की उम्र दोनों लड़के-लड़कियों के बिगड़ने और बनने दोनों की होती है। इनकी समझदारी कम होती और यह अपने बल पर खड़े नहीं हो पाते हैं। इनको डर भय रहता है इसलिए ब्लैक मेलिंग भी लोग कर लेते हैं, इनको गलत आदतों में लोग फंसा देते हैं, डरवाते धमकाते रहते हैं। यह डरते भी हैं कि कहीं हमारा पोल न खुल जाए, हमारी कमी न जाहिर हो जाए, कहीं हमारे माता-पिता ही हमसे न नाराज हो जाए, मार-पीट न कर दें, घर से निकाल न दें तो वो अपनी कमियों को बताते भी नहीं है। बच्चों! बता देना चाहिए। अगर कहीं कोई बात ऐसी हो जाए तो माता-पिता से कोई चीज नहीं छुपाना चाहिए। माता-पिता को भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अपने हित मित्र, बड़े लोगों से समझना चाहिए की ऐसी-ऐसी बात है, इसमें हमको क्या करना चाहिए तो उस चीज की जानकारी निकल आएगी। हर समस्या का हल, निदान होता है। दु:ख और सुख यह दोनों होते हैं। दु:ख आता है तो सुख भी मिलता है। यह दोनों एक सिक्के के पहलू बताए गए।

दैनिक जीवन के कुछ उपयोगी घरेलू नुस्खे

महाराज जी ने 16 अक्टूबर 2022 प्रातः सुपौल (बिहार) में बताया कि खाए कर मूते परे उतान, स्वासा आठ किये परमान, 32 बाएं 16 दाएं और तब रस बने अन्न के खाये। खाने के बाद 8 सांस पीठ के बल, फिर 32 सांस बायीं करवट, फिर 16 सांस दायीं करवट लेट जाओ तो भोजन का पाचन शुरू हो जाता है। इसमें भी थोड़ा समय लगता है और यदि आपके पास टाइम बिल्कुल नहीं है तो लेट जाओ, किसी से कह दो ऐसे थोड़ा सा (पीठ पर थपकी समान) दो मिनट दबा दो तो भी भोजन का पचाव शुरू हो जाता है। बहुत सी छोटी-छोटी चीजें लोगों की जान बचा लेती है। लोगों को पता नहीं होता कि यह घास फूस जंगल पेड़ पौधे, कितने फायदेमंद हैं, इनका उपयोग क्या है। लेकिन जानकारी होने पर लोगों की जान बच जाती है। खेतों में काम करते समय खुरपा, कुदाल, हंसिया किसी से भी कट जाय, घाव हो जाए तो पहले तो उस पर पेशाब कर दो फिर अरहर की पत्ती को दांत से चबा कर लुगदी बना कर उसी पर कपड़े से बांध दो। भीगने न पावे। तब न तो पकेगा, न फूटेगा। घाव भरकर के बराबर कर देता है, ठीक हो जायेगा। नहीं तो लोहा जलाकर थोड़ा सा तेल डाल दो, उतने हिस्से को झुलसा दो। इन सब चीजों की जानकारी बूढ़े-बुजुर्गों से, सतसंग से मिलती है। यह जवान लड़के (बुड्ढों के) पास बैठना नहीं चाहते, सतसंग में जाना नहीं चाहते तो कहां से क्या सीख पाएंगे? फिर तो दो रूपये की चीज को दो सौ के कैप्सूल के रूप में खरीद करके खाएंगे। मोटी बात समझो, संयम और नियम का पालन करो।

लगन के साथ काम करने वाले कामयाब हो जाते हैं

महाराज जी ने 12 अगस्त 2021 सायं सीकर (राजस्थान) में बताया कि बहुत से लोग ऐसे हैं जो पूरे कर्तव्य का पालन करते हैं, पूरी ड्यूटी करते हैं। अपना काम पूरा करके, किसी का पिछड़ रहा हो तो उसका भी करा देते हैं। वही अधिकारी की नजर में अच्छे होते हैं, उन्ही की तरक्की, प्रमोशन हो जाता है। उनको भी शांति रहती है कि हम मेहनत की कमाई लाए हैं। बच्चों को इससे शांति, तरक्की मिलेगी। तो जो आदमी लगन के साथ काम करता है, वो उसमें कामयाब हो जाता है।

हमारी संस्था सारे कार्य निशुल्क करती है

महाराज जी ने 24 अप्रैल 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि देखो हम और हमारी संस्था, कोई भी किसी भी तरह का व्यापार नहीं करते हैं और न किसी व्यापारी या सामान का प्रचार करते है। इसीलिए इस बात को सब लोग समझे रहो। लोग नाम का गलत फायदा न उठाएं। हम लोग जो भी काम करते हैं सब सेवा में, पूर्णतया नि:शुल्क करते हैं।

लक्ष्य बनाना चाहिए

महाराज जी ने 5 अक्टूबर 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि बच्चों के समझ में जब आ जाता है कि हमको पढ़ना है तो वह लगन के साथ पढ़ते हैं। तेज दिमाग, तेज बुद्धि के बच्चे जल्दी पकड़ लेते हैं, जल्दी सीख जाते हैं। तो लक्ष्य तो बनाना चाहिए। चाहे कम बुद्धि वाला ही क्यों न हो, और तेज बुद्धि न भी हो लेकिन जब लक्ष्य बनाता है तब उसको सीखता है। समय जरूर लगता है लेकिन सीख जाता है। तो लक्ष्य तो बनाना चाहिए और उसमें जानने, समझने, आगे बढ़ने की इच्छा भी रखनी चाहिए।

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