वक्त के जगाये हुए जयगुरुदेव नाम से लोगों को मिल रहा फायदा

साधना में बाधाएं और समाधान

भजन में तरक्की बाधा कब होती है, उपाय क्या है?

उज्जैन (म.प्र.)। साधना में आने वाली बाधाओं को हटाने वाले, पराये धन और परायी नारी से दूरी बनाये रखने की शिक्षा देने वाले, इस समय प्रभु के जगाये हुए नाम जयगुरुदेव का प्रचार विश्व में करने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज जी ने नव वर्ष कार्यक्रम में 30 दिसंबर 2022 दोपहर उज्जैन आश्रम (म.प्र.) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि साधना में बड़ी रुकावट आती है। जैसे जीवात्मा आगे बढ़ती है तैसे रोक-टोक शुरू हो जाता है। रात को साधक ने फोन किया, बताया कि भीमकाय शरीर वाला आकर खड़ा हो गया। लंबा तगड़ा, काला कुरुपी और इतनी तेज आवाज में बोला मालूम पड़ा कान फट जाएगा- कहां जा रहे हो? तो मैं तो घबरा गया।

लेकिन सतसंग में सुना था कि उस समय गुरु को याद करना चाहिए। जैसे ही गुरु को याद किया तैसे ही वो हट गया। फिर जब आगे बढ़ा तो बाधायें आने लगी। धन, रुपया-पैसे, मान-सम्मान ले लो, लौट जाओ। जब नहीं लौटा तो माया का प्रकोप शुरू हुआ। सुंदरता दिखाई पड़ने लग गई। आंखों से ओझल नहीं हो रही थी लेकिन उस समय पर जब उसने गुरु को याद किया तो वो सब एक सिनेमा के परदे की तरह से था, वह सब हट गया। कहने का मतलब है कि बाधाएं बहुत आती हैं लेकिन जब गुरु सामने रहते हैं, कहा गया है- गुरु माथे पर राखिए चलिए आज्ञा माहि, कह कबीर ता दास को तीन लोक भय नाही। उसके लिए कोई डर भय नहीं रहता है जो गुरु को मस्तक पर सवार रखता है। तो जो काल बाधा डालता है वोही राह भी बता देता है। जैसे बाधाएं गुरु को याद करते ही हटती चली गयी। क्योंकि गुरु का हाथ, दामन पकड़े हुए था, गुरु को नहीं भूले हुए था तो गुरु रास्ता बताते चले गए, रास्ता मिलता चला गया, बाधाएं हटती चली गयी। नहीं तो बड़ा ही बीहड़ रास्ता है।

भजन में तरक्की बाधा कब होती है

बाबा उमाकान्त जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि जब खान-पान सही रहेगा, जब मांसाहारीयों का, बुरे लोगों का साथ नहीं करोगे तो भजन में भी तरक्की हो जाएगी। हमको खुशी हो रही है कि अब नए प्रेमी लोग (साधना) करते हैं। चिट्टियां लिख कर देते हैं और आने वाली समस्यों को भी लिख कर देते हैं। लेकिन एक-एक को जवाब नहीं दिया जा सकता है। देखो! खान-पान का असर आता है। इधर-उधर से बचो। आप लोग अपना पकाओ, खाओ, अपने घर का खाओ, अपने बर्तन में पानी पियो। जिनका शरीर और मन गंदा है, जो मांस मछली शराब का सेवन करके अंतरात्मा को गंदा कर लिए हैं, उनसे थोड़ा दूरी ही बनाए रखो। जरूरत भर का ही संपर्क रखो। हो सके तो दूसरे का खाने की कोशिश न करो क्योंकि पता नहीं कैसा धन है? 

आ गया है तो वो आपके भजन में बाधा डाल दे। इन सब चीजों का ध्यान रखो। यहां तक भी असर आता है कि दूसरे के बिस्तर पर लेट जाओ, दूसरे के शरीर से शरीर स्पर्श हो जाएं, दूसरे का अन्न खा लो, कुकर्मीयों की आंखों से आंखें मिल जाए तो भी भजन में बाधा आ जाती है। तो जो साधना करते हो, समझ गए हो कि हमको साधना करनी है, साधक बनना है, हमको आगे बढ़ना है, अंदर की दौलत, सुख शांति प्राप्त करना है, आत्मा का कल्याण कराना है वो लोग इन चीजों से होशियार हो जाओ। परधन (दूसरे के धन) और परजन (दूसरे की औरत) से बचो, हमेशा दूरी बनाए रखो। जहां से ये जहर चढ़ता है यानी आंखों में आंखें मिले ही नहीं, जिससे 83 परसेंट अपराध कर्म आते, चढ़ते हैं, उससे बचो।

किसी भी कान से किसी भी आवाज को सुन सकते हो

बाबा उमाकान्त जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि यह कोई जरूरी नहीं है कि दूसरे या तीसरे स्थान का अपने आवाज सुन लिया तो आप गलत हो, ऐसा नहीं है। नीचे के स्थान की आवाज पकड़ में नहीं आया, घंटा शंख पकड़ में नहीं आया और बांसुरी पकड़ में आ गई तो इसका मतलब आप आगे का सुन लिए तो इसमें कोई दिक्कत टेंशन नहीं। कोई भी आवाज सुनाई पड़े, दाहिने से या बाएं कान से सुनाई पड़े, कोई हर्ज नहीं। आगे चलकर ये दोनों खत्म हो जाते हैं, केवल एक सुष्मना शब्द ही रह जाता है। वही खींच कर जीवात्मा को सतपुरुष के पास सतलोक में ले जाता है।

वक्त के जयगुरुदेव नाम से लोगों को फायदा मिल रहा है

महाराज जी ने 31 दिसंबर 2022 दोपहर उज्जैन आश्रम में बताया कि प्रेमी जयगुरुदेव नाम को बता रहे, फैला रहे, उससे लोगों को फायदा दिला रहे हैं। जो इस समय वक्त का वर्णनात्मक नाम जयगुरुदेव है, उसका फायदा लोगों को मिल रहा है। जैसे लोगों ने फायदा उठाया- त्रेता में राम से, द्वापर में कृष्ण, कलयुग में कबीर साहब के समय सत साहेब, नानक जी के समय वाहेगुरु, शिवदयाल जी के समय राधास्वामी नाम से फायदा उठाया, ऐसे ही इस समय पर जयगुरुदेव नाम से लोग फायदा उठा रहे हैं। मुसीबत में, तकलीफ में बोल करके अपनी बचत कर रहे हैं। जयगुरुदेव नाम की ध्वनि सुबह-शाम बोल करके बीमारियों तकलीफों में राहत पा रहे, उन्हें हटा रहे हैं।

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