कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने लगाया मंदिरों पर टैक्स

  • हिंदुओं के साथ गद्दारी कर रही कांग्रेस:स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती
  • आंदोलन की रणनीति के लिए 2 और 3 मार्च को मुंबई में शीर्ष संतों की बैठक
  • अखिल भारतीय संत समिति ने कहा, यह मुगलिया जजिया टैक्स 
  • हिंदूद्रोहियों को लोकसभा में एक भी सीट पर जीतने नहीं देंगे

विशेष संवाददाता

बंगलुरू/ पुरी। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी ने कर्नाटक सरकार द्वारा मंदिरों पर टैक्स लगाए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है और हिंदुओं के धर्म स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है। उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा लगाए गए की तुलना मुगलकालीन जजिया टैक्स से की है।

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने मंदिरों के ऊपर एक करोड़ से कम की राशि की आय पर 5% और एक करोड़ से ऊपर की राशि पर 10% का टैक्स लगाए जाने का विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला मामला है जहां धर्म के आधार पर टैक्सेशन की शुरुआत की गई है। उन्होंने इसे जजिया कर से तुलना की। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिंदुओं के साथ गद्दारी पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरे देश में मोहब्बत की दुकान खोलते हुए घूम रहे हैं, लेकिन कर्नाटक में उनकी पार्टी हिंदुओं के खिलाफ विधेयक पारित कर रही है।

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी ने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति इस टैक्स का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि 2 और 3 मार्च को मुंबई में देश के शीर्ष संतों की एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें कर्नाटक सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

स्वामी जी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक सरकार और कांग्रेस नेतृत्व से प्रश्न पूछा, "हम पूछना चाहते हैं कि देश के किस राज्य में मस्जिद या वक्फ बोर्ड से होने वाली आय पर, चर्च चाहे सीएनआई या सीएसआई (चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया या साउथ इंडिया) से होने वाली आय पर, या एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) से होने वाली आय पर टैक्स लिया जाता है? आय पर होने वाले इनकम टैक्स को लेने का अधिकार केंद्र सरकार का विषय है, परंतु राज्य सरकार के स्तर पर कर्नाटक सरकार ने हिंदू होने को गाली मानकर हिंदुओं के धर्म स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन किया है।"

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी ने विश्व हिंदू परिषद से भी आग्रह किया कि वह फरवरी के अंतिम सप्ताह में अयोध्या में होने वाली अपनी प्रन्यासी मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर विचार करे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति इस टैक्स के खिलाफ पूरे देश में अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि हिंदू द्रोहियों को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलनी चाहिए।

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