- क्षेत्रीय जनता ने कहा, दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई
जयराम अनुरागी
बलिया। जनपद के पंदह ब्लाक के पकड़ी में बना आयुष्मान आरोग्य मंदिर में इधर दो दिनों से ताला लटक रहा है। यह आरोग्य मंदिर लगभग पांच हजार की आबादी पर इस उद्देश्य से बनाया गया है कि अगर किसी की तबियत अगर खराब होती है तो पहले यहां पर प्राथमिक इलाज किया जाएगा और उसके बाद उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए रेफर कर दिया जाएगा। इसी उद्देश्य से इस आरोग्य मंदिर पर सीएचओ की नियुक्ति भी है। सरकारी सुविधाओं के अनुसार यहां पर 58 प्रकार की दवाओं और 14 प्रकार के जांच की भी सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई है। इस आरोग्य मंदिर में सारी सुविधाएं सरकार के द्वारा उपलब्ध भी करायी गई है, लेकिन की नियुक्ति के बाद भी यह सेंटर दो दिनों से बंद दिखाई दे रहा है।
यहां पर आरोग्य मंदिर के गेट पर बैठ कर अपनी गाय चरा रहे चरवाहे ने बताया की कल भी बंद था और आज भी ज्ञबंद है। यह तस्वीर लगभग दो बजे की है जो सच बताने के लिए काफी है। आरोग्य मंदिर को सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक चलना चाहिए,ह लेकिन यहां दो दिन से बंद दिखाई दे रहा है। आखिर सरकार की मंशा है कि जनता का प्राथमिक उपचार यहां हो और उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए मरीजों को रेफर किया जाये, लेकिन यहां जब आरोग्य मंदिर बंद रहेगा तो आखिर मरीजों को दूर दराज तो जाना पड़ेगा। भले ही रास्ते में मरीज दम तोड़ दे। ऐसे में कहीं न कहीं अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। आखिर आरोग्य मंदिर नही खुल रहा तो इसके पीछे दोषी कौन है। कही न कही जनता में ये सवाल खड़ा हो रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए इस मामले की जांच कर अनुपस्थित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
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