- हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने गये पीडितों को नसीहत देते कोतवाल का वीडियों हुआ वायरल
- मरौली खंड-3 बालू खदान में हुई मजदूर की मौत के बाद लाश की लगी बोली
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। जनपद की बालू खदानों में हो रहे अवैध खनन तथा परिवहन में पुलिस की संलिप्तता किस कदर हावी है, इसका एक ताजा तरीन मामला सामने आया है। जहां पर खुद कोतवाल साहब मामले को दबाने के लिए पीडित परिवार पर मामला रफा दफा करने का दबाव बना रहे है। वायरल हो रहे वीडियों में कोतवाल साहब मृतक के परिजनों से मामला शांत न कराने पर परेशान करने की धमकी भी दे रहे है।
मामला मटौंध थानाक्षेत्र के ग्राम मरौली का है। जहां पर बीते दिनों खंड संख्या तीन में एक मजदूर की नदी में डूबकर मौत हो गयी थी। मृतक के परिजनों ने बताया कि मृतक बालू खदान में पोकलैंड मशीन में हेल्पर के रूप में काम करता था। हिसाब किताब को लेकर खदान संचालकों से उसकी बहस हो गयी थी। जिसके बाद उसकी पानी मे डूब कर मौत हो गयी परिजनों ने मौत को संदिग्ध मानते हुए जिला अस्पताल लाये लेकिन वहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोसित कर दिया लास को पोस्टमार्टम के लिए परिजन मर्चरी ले गए।
पीड़ित परिजन जब मामला दर्ज कराने के लिए शहर कोतवाल भास्कर मिश्रा से मिले तो वह उन्हें बरगलाने लगे। जिसका वीडियों भी शहर में सोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें कोतवाल भास्कर मिश्रा पीडित परिजनों से मुकदमा दर्ज कराने के बाद कोर्ट कचहरी में समय बर्बाद न करने की नसीहत दे रहे है। वायरल वीडियों में कोतवाल पीडित परिवार से कहते है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद कुछ भी नहीं होना है।
कोर्ट कचहरी के चक्कर में पडकर यहां वहां भटकना पडेगा। साथ ही मामले की जांच में भी कुछ सामने नहीं आना है।जबकि अपर एसपी का कहना है कि पीएम के बाद मामले की जांच कराई जाएगी। कोतवाल साहब के इन बयानों से यह साफ हो जाता है कि जनपद की बालू खदानों में पुलिस का रोल कितना अहम है। पुलिस की इसी मिलीभगत के कारण बालू खदानों में दिनरात अवैध खनन तथा परिवहन किया जाता है। जिससे सरकार को राजस्व का भारी भरकम नुकसान होता है।
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