BANDA NEWS : अपराधों की बढ़ती संख्या बनेगी नये कप्तान के लिए चुनौती

आईपीएस अभिनंदन

  • पिछले एक साल से अपराधों की संख्या में लगातार हो रही है बढोत्तरी
  • कई मामलों का खुलासा होना अभी भी है बाकी

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ 

बांदा। जनपद के नये पुलिस कप्तान को काफी चुनौतियों का सामना करना पडेगा। क्योंकि अपराधों की संख्या इसकी बानगी है कि बीते एक साल से जनपद में अपराधियों के हौसला बुलंद रहे है। बीत समय में जनपद में कई नृशंस हत्याकांड हुये है, जिनका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया। इसके साथ ही डकैती, चोरी तथा जुआं की फडों का मकडजाल भी जनपद को बुरी तरह से अपनी चपेट में लिये है। जनपद में नये पुलिस कप्तान के रूप में आईपीएस अभिनंदन की तैनाती की गयी है। वह यहां पर पुलिस कप्तान रहे सिद्वार्थ शंकर मीणा की जगह लेंगे। सिद्वार्थ शंकर मीणा का कार्यकाल काफी दुश्वारियों से भरा रहा है। विभागीय लोग भी उनसे काफी नाखुश रहे है। 

सूत्रों की मानें तो सिद्वार्थ शंकर मीणा से विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कतई खुश नहीं रहे है। अनचाहे तबादले तथा कर्मचारियों से संवाद की कमी इसका प्रमुख कारण रहा है। जिससे उनके तबादले के बाद विभागीय अधिकारी व कर्मचारी काफी प्रसन्न नजर आ रहे है। इसी प्रकार उनके कार्यकाल में अपराधों में भी खासी बढोत्तरी दर्ज हुयी थी। जिससे पुलिस विभाग की कार्यशैली पर लगातार प्रश्नचिंह खडे होते रहे है। हाल ऐसा रहा है कि उनके कार्यकाल में हुए कई नृशंस हत्याकांडों का खुलासा भी अभी तक नहीं हुआ है। बीते माह मुख्यालय स्थित कृषि विश्वविद्यालय के पास एक सिर व हाथ कटी लाश बरामद की गयी थी। जिसका सुराग अभी तक पुलिस नहीं लगा पायी। 

वहीं फरवरी माह में मर्का क्षेत्र में हुये भीषण डकैती कांड का खुलासा अभी तक पुलिस नहीं कर पायी है। डकैती कांड की जांच में जुटी पुलिस  ने शक के आधार पर एक युवक का गिरफतार किया था। लेकिन उसने अपने बयान देने से पहले ही अपनी जबान काटकर उनकी मंशा पर पानी फेर दिया। इसी प्रकार जनपद में बीते एक साल से चोरी की घटनाओं में बाढ सी आयी हुयी लगती है। हर माह कई चोरियों के मामले दर्ज किये जाते है, लेकिन उनका खुलासा नहीं हो पाता। जिससे पीडितों के मन में पुलिस विभाग के प्रति नाराजगी बनी हुयी है। अपराधों में अंकुश लगा पाने में पुलिस इतनी निष्क्रिय रही है कि जनपद के हर हिस्से में जुएं की फडे निर्बाध रूप से संचालित की जा रही है। जिसमें रोजाना कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे है। 

अपराधों में बढोत्तरी से साफ अंदेशा लगाया जा सकता है कि नये पुलिस कप्तान के लिए जनपद की व्यवस्था संभालना काफी चुनौती भरा रहेगा। साथ ही पूर्व के पुलिस कप्तान के विभाग के प्रति रवैये को बदलना भी उनके लिए आवश्यक होगा। जिससे जनपद को अपराध मुक्त करने में उनके मिशन को कामयाबी मिल सके।

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