- पुलिस ने मां सहित चार को किया गिरफ्तार
- एसपी ने मीडिया को दी जानकारी
- पुलिस ने मां सहित चार को किया गिरफ्तार
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। अवैध संबंधों के चलते मां ने अपने आशिकों के साथ मिलकर अपनी सात वर्षीय बेटी की हत्या करवा दी थी और शव को नदी में फेंकवा दिया था बाद में शव के बरामद होने पर बेटी को पहचानने से इंकार कर दिया था लेकिन पुलिस ने आठ माह की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची की हत्या की गुत्थी सुलझा दी और हत्या में शामिल मृतका की मां समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि गुड़िया पत्नी दयाराम साहू निवासी शांति नगर एच एल इंटर कॉलेज के पास शहर कोतवाली बांदा ,अतर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत राजा द्विवेदी के हाता में किराए के कमरे में रहती थी। उसके अपने पड़ोसी संतोष कुमार पुत्र मेवा लाल निवासी मूसानगर थाना अतर्रा व उसके दोस्त आलोक वर्मा पुत्र पप्पू वर्मा निवासी सुजानपुर थाना भरतकूप जनपद चित्रकूट के साथ अवैध सम्बन्ध थे। गुडिया की बेटी रंजना द्वारा अपनी मां एवं आलोक, संतोष को कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया गया था। रंजना किसी को इस घटना की जानकारी न दें दें इस भय से उसके आशिको ने गुडिया के साथ मिल कर बच्ची की हत्या करने की योजना बना डाली।
योजना के तहत 25 अक्टूबर 2020 को संतोष 7 वर्षीय रंजना को अपने घर ले गया तथा अपने पड़ोसी के यहां सुला दिया। अगले दिन संतोष ने अपने दोस्त आलोक पुत्र पप्पू वर्मा को अपने घर बुलाया और उसके साथ सुदिनपुर चित्रकूट उसके घर भेज दिया। आलोक के घर वालों के एतराज करने पर संतोष अपने दूसरे दोस्त बंधु उर्फ रामेन्द्र पुत्र लक्ष्मी प्रसाद निवासी नांदी तौरा थाना पहाड़ी चित्रकूट के जरिए प्यारे लाल पुत्र रघुराज निवासी चौराहा थाना राजापुर चित्रकूट के घर छोड़ आया। इसके बाद संतोष व बंधु बच्ची को लेकर थाना कमासिन क्षेत्र में लोहरा गांव के पीर बाबा के पास पहुंचे और वही बच्ची की हत्या कर दी। एवं जलाने का प्रयास भी किया गया जिसमें शव झुलस गया था। बाद में शव को एक बोरी में भरकर बांगैन नदी में फेंक दिया गया था। यह शव 5 नवंबर 2020 को कमासिन थाना क्षेत्र में बांगैन नदी में मिला।
शव की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे थे। इधर गुड़िया ने अपनी बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट अतर्रा थाने में 26 अक्टूबर को दर्ज करा दी थी।पुलिस ने कमासिन में बच्ची के शव मिलने पर मृतका की मां गुड़िया को पहचानने के बुलाया लेकिन उसने पहचानने से इंकार कर दिया जबकि अभियोग में मां द्वारा हुलिया का हूबहू होने तथा पहनावा भी पंजीकृत कराए गए तरीके से मिलता-जुलता था। इसी बात पर गुड़िया पर पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने नए सिरे से जांच शुरू कर दी। इधर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन द्वारा अतर्रा पुलिस, सर्विलांस और एसओजी को सक्रिय किया गया। पुलिस की सर्विलांस टीम द्वारा गुमशुदा स्थल से लेकर घटनास्थल तक साक्ष्यों का संकलन किया गया तथा सीडी आर व बीटीएस के आधार पर सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
पकड़े गए आलोक संतोष एवं बंधु तीनों दोस्त हैं, ईट भट्टा व ई-रिक्शा चला कर अपना भरण-पोषण करते थे। शव मिलने के बाद यह सब अलग-अलग छुपकर रहने लगे थे किंतु एक दूसरे के मोबाइल फोन के माध्यम से संपर्क में थे और इसी कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गए। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में प्रभारी निरीक्षक थाना अतर्रा अरविंद सिंह गौर, एसओजी प्रभारी आनंद कुमार, उपनिरीक्षक पवन कुमार पांडे, उपनिरीक्षक मयंक चंदेल, आरक्षी वीरेंद्र कुमार, जितेंद्र द्विवेदी, नितेश संध और आरक्षी ज्योति उपाध्याय शामिल रहे।आरोपियों के कब्जे से एक तमंचा व दों चाकू भी बरामद हुए हैं।
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