BANDA NEWS : चार माह बीतने के बाद भी दलित महिला प्रधान को नहीं मिला चार्ज

  • डीएम आदेश के बाद विभाग में मची खलबली

बांदा। दलित महिला प्रधान द्वारा पिछले 4 महीने बाद भी चार्ज न दिए जाने की शिकायत पर डीएम द्वारा कार्रवाई के आदेश से विभाग में खलबली मच गई। अब महिला प्रधान को अभिलेखीय चार्ज दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डीएम ने प्रधान को एक सप्ताह के अंदर चार्ज दिलाने के आदेश दिए थे। जनपद के नरैनी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बदौसा की आरक्षित सीट से सरोज सोनकर ग्राम प्रधान चुनी गई है। इनका आरोप है कि पिछली पंचवर्षीय में ग्राम पंचायत में जो भी सामग्री क्रय की गई है, उसका कोई भी लेखाजोखा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। निर्वाचित प्रधान होने के बावजूद मुझे आज तक कोई चार्ज नही मिला और न कोई सामान स्थानांतरित कराया गया है। जबकि इस बारे में मैंने खंड विकास अधिकारी एडीओ पंचायत और जिला अधिकारी से लिखित शिकायत की है।

बताते चलें कि महिला प्रधान ने इस आशय की शिकायत 18 सितंबर पर संपूर्ण समाधान दिवस में भी की थी। जिस पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने नाराजगी जाहिर करते हुए महिला को प्रधान को एक सप्ताह के अंदर चार्ज दिलाने और आदेश का अनुपालन न होने पर एफआईआर के निर्देश दिए थे।इस निर्देश के बाद संबंधित विभाग में खलबली मच गई और आनन-फानन में दलित महिला प्रधान अभिलेखीय चार्ज दिलाये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस बारे में बीडीओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि अभिलेख का चार्ज सचिव के पास रहता है। नियमानुसार अगर ग्राम प्रधान चाहे तो वह सचिव के माध्यम से उसे देख सकता है। मूल दस्तावेज प्रधान को नहीं दिए जाते हैं। 

शपथ ग्रहण के बाद प्रधान को चार्ज दे दिया जाता है। जिसके तहत उन्हे भी डोंगल भी दे दिया गया है, लेकिन इस मामले में जिलाधिकारी के आदेश को देखते हुए पूर्व प्रधान के कार्यकाल में क्या-क्या क्रय किया गया इसके अभिलेख की फोटो कापी एक-दो दिन के अंदर उपलब्ध करा दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान सरोज द्वारा आरोप लगाया गया है कि पूर्व प्रधान लालचंद चिकवा दबंग किस्म का व्यक्ति है, जो पिछले 25 वर्षों से अपनी दबंगई के बूते पर प्रधान बनता रहा है। वह फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बना कर इस सीट से प्रधान बनता रहा है।

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