BANDA NEWS : सूचना अधिकार अधिनियम की अनदेखी लोनिवि अधिशाषी अभियंता को पड़ी भारी

 

राज्य सूचना आयोग लोनिवि अधिशाषी अभियंता पर लगाया 25 हजार का जुर्माना

बांदा। सूचना के अधिकार अधिनियम कानून की अनदेखी लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सुमंत कुमार को भारी पड़ गई। राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर उनके ऊपर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। बुंदेलखंड आजाद सेना के अध्यक्ष एवं आरटीआई एक्टिविस्ट प्रमोद आजाद ने बताया कि उन्होंने अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग कार्यालय से 7 फरवरी 2018 को जन सूचना के तहत एक आवेदन देकर कुछ जनहित की जानकारी चाहिए थी। 

लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त विभाग ने अपनी सूचनाएं छुपा कर जब समय से सूचना नहीं दी। तो प्रमोद आजाद ने 20मार्च 18 को अधीक्षण अभियंता बांदा के यहां प्रथम अपील प्रस्तुत की इसके बाद भी वादी प्रमोद आजाद को सूचनाएं नहीं मिल पाई इसके बाद 17 सितंबर 2018 को उन्होंने राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ में वाद दायर कर दिया लगातार तीन वर्ष सुनवाई चलती रही और अधिशासी अभियंता सुमंत कुमार आयोग को गुमराह करते रहे कि उन्होंने सूचना भेज दी हैं।

लेकिन जब राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश ने सूचनाएं भेजे जाने का प्रमाण मांगा तो सुमंत कुमार जी नहीं दिखा पाए माननीय आयोग ने उनको कई मौके दिए की प्रमोद आजाद को सूचना उपलब्ध कराते हुए उसके प्रमाण  आयोग के समक्ष रखें फिर भी सुमंत कुमार जी अपनी बात सही ढंग से नहीं प्रस्तुत कर पाए और टालमटोल करते रहे इस पर राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश आयुक्त अजय कुमार ने अपील पर सुनवाई करते हुए 14 जुलाई 2021 को यह पाया कि सुमंत कुमार झूठ बोल रहे हैं और जो सूचनाएं प्रमोद आजाद ने मांगा था। वह नहीं उपलब्ध कराई गई थी।

जिस पर आयोग ने श्री सुमंत कुमार अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग बांदा के ऊपर 25000 रूपये का अर्थदंड लगाया और रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि इनसे वसूली कराने हेतु जिलाधिकारी बांदा एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी बांदा को पत्र प्रेषित किए जाएं और वसूली कराए जाने के बाद राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश लखनऊ को भी अवगत कराएं आरटीआई एक्टिविस्ट प्रमोद आजाद का कहना है कि अभी सिर्फ आरटीआई कानून की धारा 20(1) के तहत कार्यवाही की गई है।

जिसके तहत अर्थदंड से दंडित किया जाता है लेकिन अभी उच्च अधिकारियों और माननीय आयोग के समक्ष अपील दायर कर आरटीआई कानून की धारा 20(2 )के तहत विभागीय कार्यवाही के लिए भी निवेदन किया जाएगा ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को सबक मिल सके ज्ञात हो आरटीआई के क्षेत्र में प्रमोद आजाद लगातार सक्रिय हैं अब तक बांदा जिले के एक दर्जन अधिकारियों को दंडित कराने के साथ ही उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के भी अधिकारियों को उन्होंने दंडित  कराया है।



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