जिला होम्योपैथिक कार्यालय व अस्पताल में अनियमितता पर चढ़ा डीएम का पारा

  • जिला होम्योपैथिक अधिकारी सहित तीन का वेतन रोकने के आदेश

बांदा। जिला होम्योपैथिक अधिकारी कार्यालय व राजकीय जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय बांदा का जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ0 प्रमोद कुमार दुबे अनुपस्थित पाये गये। उपस्थित फार्मासिस्ट सुनील कुमार के द्वारा बताया गया कि डॉ0 प्रमोद लखनऊ गये हैं। जिलाधिकारी ने पूंछा किसकी अनुमति लेकर मुख्यालय के बाहर गये जिसका कोई साक्ष्य नही मिला और ना ही कार्यालय में कोई भ्रमण रजिस्टर मिला। इसके बाद उपस्थित रजिस्टर का अवलोकन किया गया। 

एल0डी0सी0 नीरज कुमार दो दिनों से अनुपस्थित पाये गये जिनका दो दिनों का वेतन रोकने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उपस्थित रजिस्टर को 01 जनवरी से लेकर 22 सितम्बर तक जिला होम्योपैथिक अधिकारी द्वारा देखा नही गया। इससे यह जाहिर होता है कि वे कार्यालय में नियमित नही बैठते हैं और ना ही शासकीय कार्यों का समयबद्ध ढंग से निष्पादन किया जाता है। उन्होंने डॉ0 प्रमोद कुमार दुबे का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने उपस्थित फार्मासिस्ट सुनील कुमार को निर्देश दिये कि जनपद में कितने होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं एवं उनमें कार्यरत फार्मासिस्ट का नाम एवं अन्य स्टाफ का नाम आज शाम तक उपलब्ध कराया जाए अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। निरीक्षण के दौरान बहुत ही गन्दगी पायी गयी। कुर्सियां खराब पडी थी। फोटो कापी मशीन खराब पडी थी और उसको निष्प्रयोज्य भी घोषित नही किया गया था। यह देख जिलाधिकारी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित फार्मासिस्ट सुनील कुमार को निर्देश दिये कि अभियान चलाकर साफ-सफाई करवायी जाए।

कार्यालय निरीक्षण के पश्चात जिला चिकित्सालय में स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया जिसमें होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ0 श्वेता उपस्थित थी जो अप्रेन नही पहने हुई थी और ना ही नेम प्लेट लगी हुई थी। उनके चेम्बर में एक कुत्ता घुसा हुआ था और डॉ0 ऊषा मिश्रा अनुपस्थित थी जो बाद में आयीं। उपस्थित फार्मासिस्ट जगनन्दन ने भी अप्रेन नही पहने हुए थे और ना ही नेम प्लेट लगी हुई थी और ऑन ड्यूटी जीन्स पैन्ट पहनकर काम कर रहे थे। जिलाधिकारी के द्वारा पूंछा गया कि स्टाक रजिस्टर में दवाइयों का विवरण क्या है जो नही बता पाये और ना ही 15 जनवरी के बाद अर्दतन किया गया। ना ही ओपनिंग बैलेन्स और ना ही क्लोजिंग बैलेंस की जानकारी दे पाये। कितनी दवायें स्टाक में हैं उनका उल्लेख रजिस्टर में नही किया गया था यह गम्भीर अनियमितता है। 

किसी भी समय इनके द्वारा बाजार में जाकर दवायें बेंची जा सकती हैं। जिलाधिकारी ने तीन दिन का टाइम देते हुए रिकार्ड मेन्टेन करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान पंखे खराब एवं ए0सी0 का कम्प्रेसर एवं वाटर सप्लाई मोटर खराब पडी मिली तथा वॉस बेसिन बहुत ही गन्दा था। डॉ0 ऊषा मिश्रा के द्वारा बताया गया कि होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रमोद कुमार दुबे को सामान निष्प्रयोज्य करने हेतु पत्रचार किया गया है जिलाधिकारी को जो मौके पर नही दिखा पाये। नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के निर्देश साथ ही फार्मासिस्ट जगनन्दन का पूरे माह का वेतन रोकने का निर्देश दिये।



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