आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुड़े रोचक व प्रेरक प्रसंगों से स्कूल के प्रबन्धक सग़ीर ए ख़ाकसार ने बच्चों को अवगत कराया

पचपेड़वा, बलरामपुर। छात्र छात्राओं के चतुर्मुखी विकास,व्यक्तित्व विकास और बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ये ज़रूरी है कि वो राष्ट्रनायकों, युग पुरुषों के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित हों, वो उनके सिद्धांतों, एवं आदर्शों को आत्मसात करके सफलता के नए-नए कीर्तिमान बना सकते हैं। इसी उद्देश्य के तहत बलरामपुर जिले के पचपेड़वा स्थित जे.एस. आई. स्कूल में हर शनिवार को एक नए श्रृंखला की शुरुआत की गई है। जिसके तहत युग पुरुषों और महानायकों के जीवन से बच्चों को रूबरू कराया जाता है। इस शनिवार 23 अक्टूबर को भारत की साख को विश्व में मजबूत करने वाले आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानन्द  के जीवन से जुड़े रोचक व प्रेरक प्रसंगों से स्कूल के प्रबन्धक सग़ीर ए ख़ाकसार ने बच्चों  को अवगत कराया। ख़ाकसार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द  का जन्म कोलकाता में हुआ था उनके गुरु का नाम राम कृष्ण परम हंस था।

1893 में अमेरिका में आयोजित विश्व धर्म संसद में उन्होंने अपने ऐतिहासिक भाषण से भारत की साख को समूचे विश्व मे मजबूत किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन आदर्श समाज की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया। वरिष्ठ अध्यापक किशोर श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानन्द से जुड़े रोचक व प्रेरणादायी संदर्भों से छात्र छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने उनके जीवन से जुड़े कई प्रसंगों को बच्चों के समक्ष रखा जिससे बच्चे अभिभूत हो गए। उनके जीवन के कड़े संघर्षों और प्रेरक प्रसंगों को सुनकर बच्चे में नई ऊर्जा और शक्ति का संचार हुआ। कक्षा पांच में पढ़ने वाले छात्र शोएब हबीब और कक्षा सात की सालवी सिंह इस नई श्रृंखला से बहुत उत्साहित दिखे। वहीं क्लास सात की सानिया मकसूद ने कहा कि हमें महान लोगों के जीवन के संघर्षों से सीख लेकर आगे बढ़ने का प्रयत्न करना चाहिए। 

इसी तरह देवेश मिश्रा, स्तुति चौरसिया, साक्षी पांडेय, हिमेश राज चौधरी, साक्षी यादव, अफ़रोज़ खान, आदि बच्चों ने इसे प्रेरणा दायी बताया। इस अवसर पर रवि प्रकाश श्रीवास्तव, मुदस्सिर अंसारी, अलका श्रीवास्तव, मौलाना सईदुल कादरी, किशन श्रीवास्तव, साजिदा खान, राजेश यादव, किशोर श्रीवास्तव, अंजुम सफिया, दीपक कौशल, शमा, नाज़नीन फातिमा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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