सत्संग ही मंगल का मूल है बाकी सब साधन पत्ते फल फूल हैंः अशोक चक्रधारी



अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरों चीफ 

बांदा। ग्राम मवई बुजुर्ग ग्राम पंचायत अंतर्गत बाबा बाल स्वामी देवीदास गिरी महाराज के द्वारा चार दिवसीय संत सम्मेलन का आयोजन किया गया।जिसमें प्रवचन के दौरान गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई को संत कवि अशोक चक्र धारी ने बखान करते हुए बताया नारी धरती मति धन यह चार चीजें कब धन होती हैं जिस देश में गंगा बहती है वह धरती धन्य हो जाती है जो नारी पति व्रत का अनुसरण करती है वह धन्य हो जाती है। वह मति परिपक्त होती है जो धर्म व पुण्य का कार्य करती है वह धन धन्य होता है जिसकी प्रथम गति दान होती है प्रवचन मैं कानपुर से आए हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष गौ रक्षा समिति के चंद्र आनंद गिरी महाराज व सिद्ध गिरी महाराज व, कल्याणनंद महाराज सर्व आत्मानंद महाराज, राजू गिरी महाराज, गंगेश्वरी देवी रामानंद महाराज, नारायण दास महाराज आदि कई संत महात्मा मौके पर मौजूद रहे।

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