सिमौनी धाम मेले में समापन पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

  • मेले के आखिरी दिन संतो को दी गई विदाई

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ 

बबेरू/बांदा। सिमौनी धाम में भंडारा एवं मेला के आखिरी दिन श्रद्वालुओं की भारी भीड उमड पडी। साधु संतों को पहली पंगत में भोजन प्रसाद ग्रहण कराया गया उसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद ग्रहण कराने का सिलसिला शुरू हुआ। मौनी बाबा धाम बजरंग बली एवं अवधूत महाराज के जयकारों से गूंजती रही। साधुओं को दोपहर में कंबल अचला भेंट देकर विदा किया गया है। बबेरू क्षेत्र के ग्राम सिमौनी पर मौनी बाबा धाम में तीन दिवसीय विशाल भंडारा एवं राष्ट्रीय मेला प्रदर्शनी के आखिरी दिन सोमवार को स्वामी अवधूत महाराज ने हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के बाद साधु संतों को पहली पंगत में भोजन प्रसाद ग्रहण कराया गया इसके बाद श्रद्धालुओं को पंगत में बैठाकर प्रसाद ग्रहण कराने का सिलसिला शुरू हुआ। जिस तरह से श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड पडा है, लोगों की श्रद्धा देखने लायक थी।

आसपास गांवों सहित सुदूर क्षेत्र के आस्थावान श्रद्धालु दोपहिया, चौपहिया वाहनों व ट्रैक्टरों से सिमौनी धाम की ओर बढ़ रहे थे। सुबह से ही रामलीला मैदान से लेकर मेला प्रदर्शनी, भंडारा स्थल में इस कदर भीड बढी कि लोगो के सिर ही सिर दिखाई दे रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल होते हुए भी स्वयंसेवी एनसीसी, स्काउट के छात्रों ने व्यवस्था को कहीं डगमगाने नही दिया है। महिलाओ एवं पुरूषो के लिए अलग अलग बने भोजन प्रसाद पंडालों में सुबह से लेकर देर रात तक खाली पन नही दिखा है। श्रमदानी सेवको का उत्साह भी देखने लायक था, प्रसाद की आपूर्ति करने वाले स्वयंसेवक रेल की तरह सरपट दौड लगाते हुए काउण्टरों में पहुंचाते रहे। 

इधर प्रसाद ग्रहण कर चुके श्रद्धालुओं की पंगत उठी नही कि सफाई कर्मी तुरंत सफाई करते थे और पंडाल साफ होते ही श्रद्धालुओं से खचाखच भर जाते थे। दोपहर बाद फिर से साधु सन्यासिया को पंगत में बैठाकर प्रसाद ग्रहण कराया गया और उन्हे विदाई के रूप में कंबल एवं अचला देकर विदा किया गया। दिन भर चले भंडारे में किसी को प्रसाद मिल पाता था किसी तक प्रसाद नही पहुंच पाता था। इस कदर भीड को प्रसाद परोसने में श्रमदानी सेवक भी थक जाते थे। महिलाएं पूडी बेलने का श्रमदान करने के बाद प्रसाद ग्रहण करती रही। भंडारें के आखिरी दिन पूडी सब्जी, मालपुआ, नमकीन, पेठा का प्रसाद अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं ने पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया है।

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