श्रेयांश सिंघह सूरज, विशेष संवाददाता
- गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हर वर्ष आयोजित होता है भव्य समारोह
सांस्कृतिक कार्यक्रम और विचार गोष्ठी के साथ-साथ माँ कल्याणी का पूजन/आरती कर दीपदान की भव्य शृंखला और सैकड़ों युवाओं के गगन भेदी नारों से पूरा वातावरण राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत हो जाता है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बाबा रामसनेहीदास मंदिर से लेकर माँ कल्याणी के पावन तट तक का दृश्य जन मन को राष्ट्रीय दायित्व के प्रति झकझोरता रहता है। वर्ष 2007 से शुरु हुआ ये कार्यक्रम आज जिले के बाहर भी अपनी खुशबू बिखेर रहा है। इस अनूठे महोत्सव में आस पड़ोस के जनपदों से भी लोग आकर अमर शहीदों को अपनी श्रृद्धांजलि देते हैं और माँ भारती के चरणों में माथा टेककर राष्ट्र सेवा का संकल्प लेते हैं।
इस कार्यक्रम में शहीद परिवारों का सम्मान का सम्मान किया जाता है। राष्ट्र सेवा के व्रती इन्द्रप्रताप सिंह के संयोजन में नवम्बर से ही इस कार्यक्रम की तैयारी क्षेत्रीय लोगों द्वारा शुरु कर दी जाती है। बहुत ही उल्लास से सुबह से नौजवान और अन्य नागरिक कार्यक्रम स्थल पर जुटने लगते हैं। कार्यक्रम संयोजक इन्द्रप्रताप सिंह द्वारा अब तक लगभग 25 हजार भारत माता के चित्रों का वितरण समाज में किया गया है। लोगों से प्रतिदिन भारत माता का पूजन करने का आग्रह करते हैं। राष्ट्रीय पर्व को अन्य धार्मिक त्योहारों की भांति मनाने की अपील करते हैं, राष्ट्र के अमर शहीदों के प्रति सम्मान बनाने का आग्रह करते हैं।
इन्द्रप्रताप सिंह कहते हैं एक श्लोक (समुद्र वसनेदेवि पर्वतस्तनमण्डले, विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शंक्षमस्वमे) पढ़ते हुए कहते हैं भारत माता साक्षात आदिशक्ति हैं, भगवान विष्णु की पत्नी हैं उनकी पूजा/आराधना से हमारा राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त कर लेगा। माँ भारती के महात्मय को जिस दिन हम अंगीकार कर लेंगे फिर हमसे कोई ऐसी भूल नहीं होगी जो हमारे समाज, राष्ट्र के हानिकारक हो। हम एक आदर्श नागरिक बनकर रहेंगे। इन्द्रप्रताप सिंह से जब इस बार के कार्यक्रम को लेकर पूंछा गया तो वह भरे मन बोले इस बार कोविड और आदर्श आचार संहिता के कारण कार्यक्रम में सिर्फ 50 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति है।
इस बार कई धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की पावन रज लायी गई थी जिसे भारत माता के चित्र के साथ नागरिकों को इस संकल्प के साथ दिया जाता कि वह सभी अपने घर में स्थापित कर प्रतिदिन भारत माता की वन्दना करेंगे। इन्द्रप्रताप सिंह इस कार्यक्रम को एक कार्यशाला के रुप में देखते हैं, जहाँ आम जनमानस के मन में राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति बोध पैदा करने का काम होता है। आगे भी यह अभियान निर्बाध गति से चलता रहे इसके लिए इन्द्रप्रताप सिंह ने पिछले वर्ष की एक "राष्ट्र सेवा संकल्प" नाम से ट्रस्ट का गठन भी किया है।
वर्ष 2019 से एक विशेषांक का प्रकाशन किया जाता है,जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास, अमर शहीद, क्रांतिकारियों की शौर्य गाथा एवं अन्य राष्ट्रवादी विषयों को शामिल किया जाता है। इन्द्रप्रताप सिंह का प्रयास ही है कि अब रामसनेहीघाट क्षेत्र में गणतंत्र दिवस का उत्सव जगह-जगह मनाया जाने लगा है।26 जनवरी की सुबह सैंकड़ों नौजवान डी जे की राष्ट्रभक्ति धुनों के साथ, तिरंगा हाथ में लेकर मोटर साइकिल से प्रभातफेरी निकालते हैं। नगर को तिरंगा झंडे और गेट से सजाया जाता है। जगह- जगह झंडारोहण होता है, जिसमें महिलाएं भी शामिल होतीं हैं। और शाम को घरों में भारत माता का पूजन होता है। घरों पर दीप प्रज्वलन कर अमर शहीदों को श्रृद्धांजलि देने का काम किया जाता है।
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