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अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

नो स्मोकिंग डे (09 मार्च) पर विशेषः कोई भी शौक जिंदगी से बढ़कर नहीं 

  • धूम्रपान न केवल खुद व दूसरे के लिए भी नुकसानदेह
  • इस साल 85 लोगों ने पाई धूम्रपान से मुक्ति 

बांदा। धूम्रपान से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस बार यह दिवस 9 मार्च को मनाया जाना है। लोगों को इस बात के बारे में जागरूक करना जरूरी है कि धूम्रपान करना खुद के साथ दूसरों की सेहत के लिए भी खतरनाक है। शहर के इंद्रानगर के रहने वाले रहीम अहमद (32) पेशे से सिपाही हैं। करीब 12 साल पहले उन्हें सिगरेट की लत लग गई थी। पहले शौक फिर आदत बन गई। इससे उनके मुंह में सफेद दाग होने लगे। शुरूआत में ध्यान नहीं दिया। उन्हें मुंह का कैंसर हो गया। जानकारी हुई तो इलाज लेना शुरू किया। डॉक्टरों ने उनकी जिंदगी बचा ली, लेकिन इलाज अभी तक चल रहा है। कैंसर के कारण कामकाज प्रभावित हुआ, इलाज पर लाखों रुपये खर्च हुए। इससे परिवार को भी परेशान होना पड़ा। उनका कहना है कि कोई भी शौक जिंदगी से बढ़कर नहीं है।

एनसीडी के नोडल अधिकारी/एसीएमओ डा. आरएन प्रसाद का कहना है कि यह सभी जानते है कि धूम्रपान नुकसानदेह है। यह मनुष्य के शरीर में हजारों रसायनों को छोड़ता है। इसका असर फेफेड़ों के साथ दिल व शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई सालों से धूम्रपान करने वालों को नशा छोड़ना मुश्किल हो जाता है। हालांकि यदि मन में ठान लिया जाए तो सिगरेट छोड़ी जा सकती है। सिगरेट छोड़ने के बाद एक सप्ताह महत्वपूर्ण होता है। अगर हफ्ते भर ध्रूमपान नहीं किया तो आप पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ सकते हैं। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डा. रामवीर सिंह का कहना है कि इस बार 516 लोगों की काउंसलिंग की गई। इसमें 85 लोगों ने नशे से मुक्ति भी पा ली। लगातार तंबाकू जागरुकता को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान रोकने को बना कानून 

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डा. रामवीर सिंह बताते हैं कि अधिसूचना जीएसआर 417 (ई) दिनांक 30 मई, 2008 के अनुरूप केन्द्र सरकार ने ‘सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान’ से संबंधित नियम संशोधित करके पूर्णत लागू कर दिया। इन संशोधित नियमों के अन्तर्गत सभी सार्वजनिक स्थानों पर सख्ती से निषिद्ध है। ‘सार्वजनिक स्थलों’ में आडिटोरियम, अस्पताल भवन, स्वास्थ्य स्थान, मनोरंजन केन्द्र, रेस्टोरेंट, सार्वजनिक कार्यालय, न्यायालय भवन, शिक्षण संस्थान इत्यादि शामिल किए गए हैं। इस एक्ट के तहत जो भी व्यक्ति उल्लघंन करेगा उस पर 200 रूपये के आर्थिक दण्ड के साथ दंडात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान किया गया है।

आपसी सौहार्द के साथ मनायें होली का त्यौहारः सीओ

  • बदौसा थाने में सम्पन्न हुई शांति समिति की बैठक

बदौसा (बांदा)। बदौसा थाना परिसर में चुनाव परिणाम व होली त्योहार को मद्देनजर पीस कमेटी की बैठक पुलिस उपाधीक्षक अतर्रा अम्बुजा त्रिवेदी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक अतर्रा अम्बुजा त्रिवेदी नें कहा इस होली के त्योहार में पूरी सावधानी बर्तनी है, क्यों कि यह होली चुनाव के बाद की है साथ ही शुक्रवार पडता है जुमा पडता है। त्योहार मनायें किसी की भावना से खिलवाड़ न करें। शराब पूरी तरह से बंद रहेगी। डीजे रात में नहीं बजेगा। जिन ब्यापारियों नें नेशनल हाईबे 35 अतिक्रमण कर रखा है वह स्वैच्छा से हटालें अन्यथा होली बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जायेगा। त्योहार आपसी भाईचारा के साथ मनायें। 

पीस कमेटी की बैठक में प्रभारी निरीक्षक थाना बदौसा सभाजीत पटेल, सिंह लमेहटा चौकी इंचार्ज, पौहार प्रधान बिहारी लाल कबीर, दुवरिया प्रधान अजीदुल हक उर्फ सोनी, हडहामाफी प्रधान साकेत चौरिहा, हरीओम सोनकर पूर्व प्रधान बरछा (ब), भारत पटेल पूर्व प्रधान दुवरिया, विनय गौतम अध्यक्ष युवा ब्यापार मण्डल, नवीन जैन अध्यक्ष ब्यापार मंडल बदौसा, अन्जू तिवारी, राखी गुप्ता, अनीता, रजनी रैकवार, गौरा वर्मा महिला ब्यापार मण्डल बदौसा, रमाशंकर सैनी पत्रकार, जगपत सिंह यादव पत्रकार, अजय यादव पत्रकार क्षेत्र पंचायत सदस्य, सन्तोष कुशवाहा पत्रकार जिला संयुक्त महामंत्री ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन बांदा, रामसुजान त्रिपाठी, हरीओम बाजपेयी महामंत्री ब्यापार मण्डल बदौसा, रोहित, धर्मेन्द्र खटिक, दयानन्द गुप्ता, कामता प्रसाद पाण्डेय, प्रदीप गुप्ता कोषाध्यक्ष युवा उद्योग ब्यापार मंडल, प्रधान नादनमऊ, प्रधान कुल्लूखेडा सम्भ्रांत नागरिक सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

कस्बे में धूमधाम से निकाली भव्य शोभा यात्रा

  • विधिविधान से हुआ भागवत कथा का शुभारंभ

ओरन/बांदा। नगर में श्रीमद् भागवत पुराण का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हुए निकली भव्य कलश यात्रा के साथ कथा का शुभारंभ हुआ।नगर के तिलहर देवी मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन पूरे नगर में भव्य कलश यात्रा निकालते हुए कथा का शुभारंभ हुआ स नगर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत हुआ।  कथा ब्यास  आचार्य पण्डित महेंद्र कृष्ण जी महाराज श्री धाम वृंदावन (मऊ वाले)ने भागवत कथा सुनने से मिलने वाले लाभ को श्रोताओं से बताते हुए बिना आमंत्रण के भी भागवत कथा में जाकर रसपान करते हुए अपने जीवन में उतारने की बात कही।

कथा व्यास  ने कहा कथा सुनने मात्र से पुण्य कर्मों का उदय शुरू हो जाता है स  महिलाओं को घरेलू कार्य से समय निकालकर कथा का श्रवण करना चाहिए स  कथा वाचक में धर्म सर्वापरि बताया है, कहा कि धर्म के अनुरूप कार्य करने से समाज को नई दिशा मिलती है स आरती के बाद प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ।इस मौके पर कथा  यजमान मुन्ना प्रसाद गुप्ता व रमाकांती सहित साकेत बिहारी शिवहरे, श्याम सुन्दर शिवहरे, रमाकांत त्रिपाठी, धीरज गुप्ता, जगदीश गुप्ता, रामेश्वर गुप्ता, जीवन लाल सैनी, अरविंद पांडे,अफरीदी गुप्ता  सहित तीन दर्जन से अधिक महिलाएं तथा नगर वासी कलश यात्रा में रहे जगह-जगह लोगों ने कलश यात्रा पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। सैकड़ों की संख्या में श्रोता भक्त श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया।

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला सुन मंत्रमुग हुए श्रोता

  • मढ़ियानाका में चल रही श्रीमदभागवत कथा का पांचवा दिन

बांदा। मंगलवार को मढ़िया नाका महामाई मंदिर के पास हो रही श्रीमदभागवत कथा में श्रीधाम वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित ज्ञानेंद्र मिश्र ने पंचम दिवस की कथा में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। प्रभु बालकृष्ण ने ब्रज में जन्म लेकर अपनी बाल लीलाओं के द्वारा अपने भक्तों को सुख प्रदान किया। भगवान ने अपनी बंसी की मधुरता से सभी भक्तों को आनंद की अनुभूति करायी। भगवान श्री कृष्ण ने माखन की चोरी की महाराज ने कहा मन ही हमारा माखन है भगवान हमारे मन को चुराते हैं तथा कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए पूज्य महाराज ने गिरिराज की पावन कथा का स्मरण कराया। 

भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा बंद करके गोवर्धन जी की पूजा कराई। गिरिराज की पूजा में भगवान ने शिक्षा दी है कि व्यक्ति को अपना कर्म सदैव करते रहना चाहिए कर्म करने से ही व्यक्ति को फल की प्राप्ति होती है। सभी भक्तों ने गिरिराज महाराज की पूजा की छप्पन भोग के दर्शन किए। कथा के बीच-बीच में महाराज जी के मुख्य भजन सुनकर सभी भक्त भावविभोर होकर नृत्य करने लगे। श्री गिरिराज महाराज जी के दिव्य झांकी का दर्शन कर सभी भक्तों ने दिव्य आनंद प्राप्त किया। 

महाराज श्री ने बताया जो मनुष्य गिरिराज जी की पूजा करता है , गिरिराज की परिक्रमा लगाता है उसके सभी संकट कट जाते हैं उसको भगवान के चरणों की प्राप्ति होती है ,उसका संसार सागर में उद्धार हो जाता है।कथा के मुख्य यजमान श्रीमती भूरी देवी, कल्लू प्रसाद गुप्ता एवं रानी देवी है साथ ही व्यवस्था मनीराम गुप्ता व उनके परिवार द्वारा की गई।


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