संस्कारित माँ से ही श्रेष्ठ राष्ट्रभक्त संतान का निर्माण संभव : कांचन नितिन गडकरी

  • विश्वमाँगल्य सभा की द्वि-दिवसीय मातृ चिंतन कार्यशाला का शुभारंभ 

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। समाज और राष्ट्र को उचित दिशा देने में मां की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। संस्कारित मां से ही श्रेष्ठ राष्ट्रभक्त संतान का निर्माण हो सकता है और उसी की शक्ति से सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है। नई दिल्ली के एनडीएमसी कॉन्वेंशन सेंटर में विश्वमांगल्य सभा के लोकप्रतिनिधि परिवार सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित "मातृचिंतन कार्यशाला" के उद्घाटन सत्र में यह उद्गार व्यक्त किया कांचन नितिन गडकरी ने। इस कार्यशाला के उद्देश्य और आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए राष्ट्रीय संपर्क प्रचार प्रमुख कंचन राय ने बताया कि कार्यशाला का शुभारंभ

 पूज्य जितेंद्र नाथ महाराज, कंचन नितिन गडकरी (धर्मपत्नी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी) रेखा खंडेलवाल (राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्वमांगल्य सभा, वृषाली जोशी, प्रशांत जी हरतालकर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया गया। शुभारम्भ सत्र में सौम्या मेंढे ने नृत्य के द्वारा दुर्गा स्तुति की प्रस्तुति प्रदान की। इस अवसर पर शक्तिगान की प्रस्तुति सुरभि मनोज तिवारी प्रान्त सचिव दिल्ली द्वारा की गई। इस अवसर पर वक्ताओं द्वारा कार्यशाला के आयोजन एवं उद्देश्य को लेकर अपने विचार रखे गए।

कांचन नितिन गडकरी ने कहा कि एक राष्ट्रभक्त श्रेष्ठ सन्तान की निर्माती का उत्तरदायित्व केवल माँ ही निर्वहन करती हैं। वृषाली जोशी ने आदर्श माँ के कर्त्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए मातृ जीवन को एक तपस्या एव त्यागी जीवन बताया गया। कार्यक्रम के सभाचार्य परम पूज्य जितेन्द्र नाथ जी महाराज द्वारा अनादि काल से माता की पूज्यनीयता की स्वीकार्यता को समझाया गया। उन्होंने कहा कि वेदोपनिषद आदि सद्ग्रन्थ माता की महिमा गाते हैं, वीर शिवाजी जैसी संताने जीजा बाई जैसी माता ही निर्माण कर सकती हैं।

इस अवसर पर छोटे छोटे बच्चों द्वारा योग व अध्यात्म को लेकर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की संयोजिका शुभांगी सुनील मेंढे(पत्नी सांसद भंडारा-गोंदिया, महाराष्ट्र) डॉ अनुराधा यादव(पत्नी सांसद गुना मध्यप्रदेश) व सुरभि मनोज तिवारी रहीं। कार्यक्रम का सफल संचालन कार्यक्रम संयोजिका डॉ अनुराधा यादव ने किया। इस अवसर पर लोकप्रतिनिधि परिवारों से अनेक संसद सदस्यों व केंद्रीय मंत्रीयों की पत्नियां उपस्थित रहीं।

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