अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
सचिव और रोजगार सेवक गांव के विकास में बने बाधक
- प्रदेश सरकार की छवि को बट्टा लगा रहे सचिव और रोजगार सेवक
बांदा। जहां एक ओर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने विकास कार्यों की दम पर प्रदेश में दोबारा बहुमत से सरकार बनाई वहीं जनपद का यह गांव पंचायत के जिम्मेदार कर्मचारियों की कार्य उदासीनता और भ्रष्टाचार का दंश झेलने को मजबूर है। मामला विकास खण्ड नरैनी अंतर्गत ग्राम पंचायत बदौसा का है। जहां गत चार वर्षों से कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी व रोजगार सेवक द्वारा सरकारी कार्या में रुचि न लेने, पँचायत की सामग्री एक वर्ष बीत जाने के बाद भी महिला प्रधान को चार्ज में न दिए जाने, निलंबन किये जाने के बाद पुनः उसी गांव में तैनाती, नरेगा व विकास कार्य शून्य हो जाने पर ग्राम प्रधान श्रीमती सरोज सोनकर ने सम्पूर्ण समाधान दिवस अतर्रा में जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर स्थानान्तरण एवं कार्यवाही की मांग की है।
ग्राम पंचायत बदौसा में ग्राम विकास अधिकारी योगेश कुमार गत चार वर्षों से लगातार कार्यरत है। वर्तमान प्रधान का आरोप है कि सचिव और रोजगार सेवक बसपा नेता व पूर्व प्रधान के इशारे पर कार्य करते है। ग्राम पंचायत के लिए गत पांच वर्षों में खरीदी गई सामग्री को बेंच लिया गया। एक वर्ष बाद भी पंचायत की संपत्ति जैसे टैंकर, ई-रिक्शा, कुर्सी, वाई-फाई आदि प्रधान के सुपुर्द नही किया गया।जिससे कार्य कराने में परेशानी होती है। परिसम्पत्ति रजिस्टर भी नही दिया गया है।
ग्राम पंचायत में सचिव, पँचायत मित्र, अराजक तत्यो को मिलाकर गुटवाजी करते है। तथा सरकारी कार्या में बाधा डालते हैं। सचिव व रोजगार सेवक द्वारा पंचायत विरोधी गतिविधियां की जा रही है। जिनके कारण मनरेगा के कार्य शून्य प्रगति पर है। मजदूरों को रोजगार न मिलने से लोग पलायन को मजबूर हो गए है। ग्राम विकास अधिकारी योगेश कुमार को अनैतिक कार्य करने के कारण प्रधान के शिकायती पत्र पर शासन द्वारा निलंबित भी कर दिया गया है। परंतु बसपा नेता व धनबल के कारण बिना किसी जांच के ही पुनः उसी पँचायत में बहाल कर तैनाती कर दी गई।
सचिव ने सन 2018-19 में समुदायिक शौचालय का पूरा पैसा निर्वाचन के पूर्व ही निकाल लिया है। मौजूदा प्रधान ने दिवाले, छत, दरवाजे, खिड़की, प्लास्टर का कार्य कराया गया। जिसका भुगतान नही किया गया। जो अभी भी अधूरा है। ग्राम पंचायत के अभिलेख कई बार मांगने पर भी नही दिखाए जा रहे है। अनुसूचित जाति की महिला ग्राम प्रधान सरोज सोनकर ने सचिव व रोजगार सेवक द्वारा सरकारी कार्य मे बाधा एवं अपने साथ हो रहे शोषण एवं रोजगार सेवक व सचिव को हटाए जाने की मांग जिलाधिकारी बाँदा से की है। कार्यवाही न होने पर मुख्यमंत्री के जनता दरबार मे अर्जी लगाएगी। देखना यह है इन दोनो लापरवाह पंचायत कर्मियों को जनपद प्रशासन सबक सिखाता है या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
गर्मियों के दिनों में नवरंगा के फूलों की खेती के लिए मुफ़ीद है बुंदेलखंड की जलवायु
बाँदा। बुंदेलखंड में बढ़ते तापमान और पानी की कमी के बीच फूलों की खेती वरदान साबित हो सकती है। गर्मी के मौसम में शादी समारोहों में प्रयोग होने वाले फूलों की खेती 45 से 50 डिग्री पारे में भी की जा सकती है। यहां की जलवायु इन फूलों के लिए मुफीद है। बाँदा स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के उद्यान महाविद्यालय के पुष्प विज्ञान एवं दृश्य निर्माण विभाग के सहायक प्राध्यापक श्रीकृष्ण सिंह तोमर ने बाँदा के कुछ किसानों को गैलार्डिया (नवरंगा) के बीज उपलब्ध करवा अपने मार्गदर्शन खेती करवाई। बड़ोखर ब्लाक के रेउडा गांव में किसान अखिलेश्वर सिंह के खेत में जानकारी देकर बीज उपलब्ध करवाकर गैलार्डिया (नवरंगा) फूलों की खेती शुरू करवाई।
सहायक प्राध्यापक कृष्ण सिंह तोमर ने बताया कि गर्मियों के प्रमुख फूलों में गैलार्डिया (नवरंगा) को पानी की कम आवश्यकता होती है। इसका 500 ग्राम से 600 ग्राम बीज एक हेक्टेयर के फूलों के लिए पर्याप्त होता है। गैलार्डिया (नवरंगा) की नर्सरी 3 से 4 सप्ताह में तैयार हो जाती है। पौध रोपण पौध से पौध के बीच 45 सेंटीमीटर एवं कतार से कतार के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी पर करना चाहिए। रोपाई के तीन माह बाद यह फूल देने प्रारंभ हो जाते हैं। गैलार्डिया (नवरंगा) प्रति हेक्टेयर 100 से 150 कुंतल पैदावार होती है। यह 8 से 10 माह तक फूल देता है। प्रति हेक्टेयर लगभग साढ़े चार से पांच लाख रुपये की आमदनी होती है।
इस समय गैलार्डिया (नवरंगा) बाजार में तीन सौ रुपये से साढ़े तीन सौ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहा है। अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि वह इस समय प्रति दिन 10 से 15 किलो फूल बाजार में बेच दे रहे हैं। अच्छा खासा लाभ मिल रहा है। बाँदा स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. नरेंद्र प्रताप सिंह व उद्यान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा.एस.वी. द्विवेदी ने सहायक प्राध्यापक श्रीकृष्ण सिंह तोमर के प्रयासों की सराहना की है।
अंर्तराष्ट्रीय बालीबाल खिलाडी बाँदा के खिलाडियों को करेंगे प्रोत्साहित
- भागवत प्रसाद ऐकैडमी जल्द ही रचेगा बालीबाल क्षेत्र नये आयाम
बाँदा। जनपद बाँदा में लगातार खेलकूद एवं शिक्षा के क्षेत्र मे अपनी पहचान बनाने वाले भागवत प्रसाद मेमोरियल द्वारा क्रिकेट और बालीबाल जैसे खेल मे जनपद के बच्चो की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये लगातार प्रयास हो रहे हैं , बालीबाल के क्षेत्र मे भागवत प्रसाद बालीबाल एकैडमी द्वारा लडकियों को प्रोत्साहित किया गया और प्रेरित भी किया गया जिसके परिणाम स्वरूप पहले जनपद फिर मंडल और इसके बाद प्रदेश स्तर भी लडकियों ने अपनी पहचान बनायी है अब उसी पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर दिखाना हौगा जिसके लिये भागवत प्रसाद बालीबाल एकैडमी के चेयरमैन /डायरेक्टर अंकित कुशवाहा जी ने भारतीय बालीबाल टीम के पूर्व कप्तान अभिजीत भट्टाचार्य जी को आमंत्रित किया है।
अभिजीत जी भारतीय बालीबाल टीम का नेतृत्व कर चुके हैं जिससे उनके पास बहुत से टिप्स भी हैं जिससे क्षेत्रीय खिलाडियों के पास एक शानदार मौका होगा कि वो पूर्व कप्तान से बारीक टिप्स भी सीख सकते है जो उनके लिये मील का पत्थर साबित होगा। अभिजीत ने हमेशा सुदूर क्षेत्रो से ग्रामीण क्षेत्रो से प्रतिभाओं को निकालकर उन्हे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी है।
इन्होने आसाम जैसे क्षेत्र मे ब्रह्मपुत्र बालीबाल लीग शुरू की जिसको कई अंर्तराष्ट्रीय खिलाडियों ने भी प्रोत्साहित किया किया जिसमें हिमादास और अर्पणा पोपट जैसी स्टार खिलाडियों ने भी अपनी सहमति देकर बालीबाल को नये खिलाडी देने का प्रयास किया है। अभिजीत ने वर्ष दस वर्षा तक देश की बालीबाल टीम का प्रतिनिधित्व किया है।
मातृ दिवस पर नर्सिंग होम में कार्यशाला का आयोजन
- मुख्य अतिथियों को किया गया सम्मानित
बांदा। रविवार को मातृ दिवस के अवसर पर एचडीएफसी बैंक द्वारा अलीगंज स्थित एक नर्सिग होम में हेल्थ एंड वेलनेस वर्कशाप का आयोजन किया गया ।मंच पर डा. शबाना रफीक़,लेखिका छाया सिंह, डा.सबीहा रहमानी, अर्चना द्विवेदी, निशा गुप्ता ,डा.एमडी रफीक़ ,जितेन्द्र सिंह तथा सुधा सिंह उपस्थित रहे। डा.शबाना रफीक़ ने माताओं को स्वास्थ्य के लिये जागरूक किया। उन्होंने अपने उद्बोधन एवं कविता के माध्यम से माताओं को अपने और शिशु के स्वास्थ्य के लिये विशेष सावधानी बरतने को कहा साथ ही बच्चों की शिक्षा और चरित्र निर्माण का विशेष ध्यान देने को कहा।
लेखिका छाया सिंह ने माताओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए बेटा और बेटी का समान रूप से पालन पोषण करने पर बल दिया। उन्होंने अपनी कविता और गीत के माघ्यम से माँ की महिमा का वर्णन किया। डॉ. सबीहा रहमानी ने कहा कि यह केवल एक दिन का उत्सव न हो। हर दिन माँ का दिन है। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रमों में 30 प्रतिशत मांएं हैं जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने अपनी माँ के संघर्ष के विषय में बताते हुए अपनी कविता सुनाई। अर्चना द्विवेदी ने कहा कि सब लोग अपने जीवनसाथी की माँ को भी अपनी माँ का दर्जा दें तो सकारात्मक परिणाम होंगे।
ब्रांच मैनेजर जितेन्द्र सिंह ने डा.शबाना रफीक़, लेखिका छाया सिंह, डा.सबीहा रहमानी, अर्चना द्विवेदी, डा. कल्पना वर्मा, निशा गुप्ता को ट्राफी तथा बुके देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्राची सिंह ने किया। प्रशान्त शुक्ला ने महिलाओं के लिये बैंक की नयी योजनाओं की जानकारी दी। अंत में ब्रांच मैनेजर जितेन्द्र सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। बड़ी संख्या में माताओं ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया। एचडीएफसी बैंक से उमेश चन्द्र, सृष्टि यादव, अश्विनी निगम, रियाज़ खान सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
मदर्स-डे पर रोटी बैंक ने गरीबों को बांटे कपड़े
बांदा। मदर्स-डे के अवसर पर रोटी बैंक सोसाइटी द्वारा ग्राम बगहाडेरा में ग्रामीण महिलाओं को कपड़े वितरित किए। इसके साथ ही उन्हें उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुक किया गया। कपड़े पाकर गरीब महिलाओं के चेहरों पर खुशी की झलक झलकती रही। यह संगठन समय-समय पर तमाम समाजिक गतिविधियों अग्रणी रहता है और रोटी बैंक सोसाइटी के नाम से विख्यात गरीबों को रोजाना भोजन भी उपलब्ध कराता रहता है। इस कार्यक्रम में राहुल अवस्थी, शमीम, ग्राम प्रधान ओमप्रकाश, अध्यक्ष रिजवान अली, तरन्नुम फातिमा, मो. सलीम, मुईन फारुकी, मोहम्मद अख्तर, पवन पांडेय एवं जितेंद्र आदि मौजूद रहे।
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