- सभी प्रेमी करो गुरु महाराज से प्रार्थना कि अबकी बार भंडारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को दया लाभ मिल जाय
- ज्यादा से ज्यादा लोग इस भंडारे में आकर अकाल मृत्यु, काल के झकोले से बच जाएं
पूर्व में मनुष्य शरीर छोड़ने वाले महापुरुषों की बजाय समय के जीवित सन्त सतगुरु की शरण में जाकर अपना लोक-परलोक बनाने की शिक्षा देने वाले विश्वविख्यात निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, समय के जीवित समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 16 मई 2022 प्रातःकाल उज्जैन आश्रम पर दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित संदेश में बताया कि गुरु महाराज के आगामी तपस्वी भंडारा में लोग अनुभव करेंगे। इसमें 27-28 मई 2022 को घोषणा भी होगी जिसे सुनकर सतसंगी खुश होंगे। आपको सुनने, समझने को मिलेगा। वह लोग धन्य होंगे जो अपने कानों से सुनेंगे, अपने हाथ से गुरु महाराज के भंडारे का प्रसाद लेंगे।
प्रेमियों जोर शोर से करो तैयारी
लग करके, अपना काम समझ कर के, जिम्मेदार लोग जल्दी-जल्दी काम को पूरा करने की कोशिश करो। आदमी कम हो, जरूरत हो तो बाहर से बुला लो। प्रेमियों! जो आवाज को सुन रहे हो, इनकी आवाज आ जाए तो तपस्या के लिए निकल पड़ो, आ जाओ। लेकिन अगर जरूरत नहीं है तो मत बुलाना। उनको वहां काम करने दो, संगत का, घर का। वह भी देखना करना है। तो आप लोग लग करके तैयारी करो।
विदेशों से भी कई लोगों के आने की मिल रही है सूचना
12-13 देशों से प्रेमियों के आने की सूचना तो मिल गई। और कई देशों से लोग आएंगे। गुरु महाराज के जीव बहुत देशों में हैं। अब उनके अंदर जागृति आ रही है। और हमारे प्रेमी भी जो विदेशों में हैं, वे भी लोगों को जगाने में लगे हुए हैं। उनकी हार्दिक इच्छा है कि लोग ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा लें, बच जाएं, अकाल मृत्यु से, काल के झकोले से, काल के लटके-झटके से बच जाएं, उनकी भी इच्छा है।
विदेशों में सभी जगह भारतीय संस्कृति तो है नहीं
विदेश के लोगों का खान-पान, विचार-भावना खराब हो गई। भारतीय संस्कृति तो सब जगह है नहीं। तो उनको ज्यादा मेहनत करना पड़ता है। लेकिन कहा गया -
अतिशय रगड़ करै जो कोई। अनल प्रकट चंदन से होई।।
चंदन शीतल ठंडा होता है लेकिन निरंतर रगड़ने से उसमें भी आग निकल आती है। तो जब ये मेहनत कर रहे हैं तो मेहनत रंग ला रही है, लोगों के समझ में आ रहा है।
विदेश के प्रेमियों की भी हार्दिक इच्छा है कि काल के लटके-झटके से ज्यादा से ज्यादा जीव बच जाय
भारत मुल्क के लोग तो समझ रहे हैं और जो विदेश के लोग हैं उनके भी समझ में आ रहा है। वह लोग भी अबकी बार आ रहे हैं। दूसरे देश के जो नागरिक हैं वह लोग भी आ रहे हैं क्योंकि अच्छाई की तरफ लोगों का ध्यान जाता है। जब समझ लेते हैं कि अच्छी चीज है तो उसको पकड़ लेते हैं। तो तैयारी उसी तरह करनी है। कहा गया है- जैसा देवता हो वैसी पूजा करनी चाहिए। तैयारी कर लो। गुरु महाराज का भंडारा विधिवत, निर्विध्न संपन्न हो जाए। इसके लिए तो हम प्रार्थना करते हैं आप जितने भी गुरु महाराज के जीव-प्रेमी हो, सबको यह प्रार्थना अंतर में करते रहना है कि अबकी बार भंडारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिल जाए, ऐसी दया करो।
बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन
धन-दौलत जो भी आपने इकट्ठा किया, आँख बंद होते ही दूसरे का हो जाएगा। बार-बार यह मनुष्य शरीर मिलने वाला नहीं है। गुरु जब समरथ मिल जाते हैं तो चिंता किसी बात की नहीं रहती है। आप जहां रहते हो, यह मृत्युलोक है। एक दिन यहां से सबको निकलना पड़ेगा। देश भक्ति बड़ी चीज है, देश में बनाए हुए नियम का पालन करें।
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