अपने को देखो कि गुरु महाराज से जुड़ने के बाद आपके धन, पुत्र, परिवार, सम्मान, सुख शान्ति में कितनी बढ़ोतरी हुई

गुरु के कर्जे से दबे हुए हो, कर्जा नहीं चुकाओगे तो दया नहीं हो पाएगी फिर काल चमड़ी उधेडेगा, छोड़ेगा नहीं किसी को

प्रेमियों सतयुग को ले आओ तो आने वाली कई पीढ़ियां लाभ उठाएंगी

सूरत (गुजरात)। जो काल के प्रकोप से अपने भक्तों समेत सभी जीवों को बचाने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं, दया करके बरकत दिला कर अपने जीवों को हर तरह से संपन्न बना रहे हैं, उनके कर्मों को कटवाने के लिए आसान से आसान उपाय बताते रहते हैं, जो जीव द्वारा थोड़ी से सेवा के बदले उसका नाम इतिहास में अमर करवाने में लगे हैं, ऐसे इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सतगुरु, दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 8 जनवरी 2023 प्रातः नवसारी, सूरत (गुजरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सन्देश में बताया कि इसमें (आई हुए भारी भक्तों की भीड़ में) आप गुरु महाराज (बाबा जयगुरुदेव) के भक्त हो, गुरु महाराज के नाम पर आए हो। मैं गुरु के आदेश का पालन करता हूं तो आप विश्वास करके आए हो। आप लोग स्वयं देखो कि जब आप गुरु महाराज के पास गए थे तब किस हालत में थे, कितना धन था, शरीर में कितना रोग था, कितना परेशान थे, परिवार में कितना दु:ख था, परिवार वाले किस तरह से चलते थे, लड़के अच्छे रास्ते चलते थे या बुरे रास्ते चलते थे। विश्वास के साथ अगर गुरु महाराज के पास आते-जाते रहे, गुरु के आदेश का पालन करते रहे, भजन सेवा में समय देते रहे तो देखो अब आप किस हालत में हो? आपके पास पहले से ज्यादा धन, प्रेम, परेशानी दूर, शरीर स्वस्थ, मान-सम्मान बढ़ा हुआ होगा। देखो लोग करोड़पति का पैर नहीं छूते लेकिन जो सतसंगी सेवादार अच्छी बात बताता है, लोग उसका पैर छू लेते हैं। कपड़े, पर्सनालिटी और रुपया-पैसा की कदर उतनी नहीं होती है जितनी त्यागी की होती हैं।

जब गुरु का कर्जा नहीं दे पाओगे तो गुरु की दया नहीं हो पाएगी

इतिहास साक्षी है, कोई राजा की नहीं बल्कि महात्माओं की, लंगोटी लगाने वालों की ही पूजा हुई है, त्यागियों का ही इतिहास बना है। तो प्रेमियों आपका सम्मान भी बढ़ा, आपके ऊपर लोगों का विश्वास भी जमा। यह किसकी वजह से? गुरु की वजह से। हम-आप एक-दूसरे को कैसे जान पाए? गुरु की वजह से। मानहि मोहे राम के नाते। जिस चीज कि उम्मीद भी आपको नहीं थी, वह चीज भी आपको गुरु की वजह से मिली। भाग्य प्रारब्ध से ज्यादा मिली या नहीं मिली? गुरु की दया हुई और आपको आपके प्रारब्ध से ज्यादा चीज मिल गई। तो आपने गुरु की दया तो ले लिया लेकिन गुरु का कहना नहीं माने, गुरु का कोई काम आपने नहीं किया। गुरु का कर्जा आपके ऊपर लदा या नहीं लदा? गुरु महाराज जो काम छोड़ कर के गए, रास्ता बताने वाले को भी बता कर के गए कि यह तुमको रास्ता बताएगा, सच्चे रास्ते पर ले जाएगा, उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया तो गुरु के कर्जे से दबे रहोगे तब गुरु की दया नहीं हो पाएगी।

काल कर्जा अदा कराएगा, चमड़ी उधेड़ेगा, छोड़ेगा नहीं किसी को

देखो कोई कर्जा किसी का ले लेता है, नहीं देता है तो कहता है बेकार आदमी है। देखो ले गया और दे नहीं रहा। ऐसे को देखते ही कहते हैं तू मेरे सामने मत पड़, देखते ही अंदर-अंदर दुःख पैदा होता है, उसका मुंह देखना नहीं चाहते। तो जब गुरु मुंह फेर लेंगे तब कौन कर्जा अदा कराएगा? काल। काल वो जिसके देश में रहते हो, जिसका अन्न खाते, पानी पीते, जिसके आसमान के नीचे रहते हो, जिसके बनाए गाय भैंस का दूध पीते हो, जिसके बनाए बैलों से खेत की जुताई करते हो, जिसने इस मनुष्य शरीर को बना करके कुछ समय के लिए आपको दिया है जाओ तुम अपना असला काम इससे कर लो, यह उसका देश है। उसका कर्जा आपके ऊपर है। वह जब अदा कराने लगेगा तो चमड़ी उधड़ जाएगी। जैसे किसी का हाथ काट दिया जाए तो उसी जगह दर्द होगा, चमड़ी उधड़ जाए तो पूरा हाथ दर्द करेगा। जब तक दुबारा चमड़ी नहीं आएगी तब तक बराबर दर्द बना रहेगा। जैसे लोग जल जाते हैं, चमड़ी जल जाती है तो जब तक दूसरी चमड़ी उसी तरह की नहीं आती तब तक तकलीफ बनी रहती है। यदि दर्द भी कम हो गया तो बहुत समय तक सफेद दाग बना रहता है। तो काल चमड़ी उधेड़ेगा, छोड़ेगा नहीं। किसी को नहीं छोड़ा तो आपको कैसे छोड़ेगा? कहते हैं-

गुरु माथे से उतरे शब्द बिरोना होय। ताकै काल घसिटीये बचा सके न कोय।।

फिर कोई बचा नहीं सकता है। लेकिन गुरु को हमेशा सामने रखोगे, गुरु की बातों को पकड़ोगे, बताए रास्ते पर चलोगे, आपके कर्मों का काटने का उपाय जो गुरु बता करके गए, उस काम में अगर लगे रहोगे तो-

तन-मन से साँचा रहे सतगुरु पकड़े बांह। काल कभी रोके नहीं देवे राह बताय।।

अपने गुरु के अधूरे मिशन को पूरा आपको-हमको करना है, इसमें लगो और दया पाओ

जैसे बाप अपने बच्चों के रहने के लिए घर बनता है लेकिन बीच में ही समय पूरा होने पर अधूरा छोड़ कर चला जाता है तो बच्चे उस घर को बनाते हैं। ऐसे ही गुरु महाराज हमारे-आपके लिए एक चीज छोड़कर के गए जिससे आप ही नहीं, आपकी आने वाली कई पीढ़ियां भी लाभ उठाएंगी, उनको सुख मिलेगा। ऐसी चीज छोड़ कर के गए- सतयुग को धरती पर ले आओ। सतयुग जब आ जाएगा तो कोई चीज की, खाने-पीने की दिक्कत नहीं रहेगी। सतयुग का इतिहास मिलता है, लोग एक बार बोते और 27 बार काटते थे। जब जरूरत पड़ती, बादल आकर बरस जाते थे। पेड़ अपने आप फल देते थे, कोई गुड़ाई सिंचाई खाद नहीं डालना। बहुत बढ़िया वातावरण सतयुग का था। सतयुग अगर आ जाएगा तो आदमी जो पेट के लिए दिन-रात दौड़ता रहता है तब भी पूरा नहीं पड़ता है, यह सब भागदौड़ खत्म हो जाएगी। समय पर जाड़ा गर्मी बरसात होगी, खाने पीने पहनने की दिक्कत नहीं होगी, पहनने के लिए कपड़ा, रहने के लिए मकान सबके पास हो जाएगा, पराये धन को लोग जहर और पराई नारी को अपनी मां-बहन के सामान समझेंगे। तो आप गुरु के मिशन में लगो और दया पाओ।

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