- स्वास्थ्य केंद्रों पर हर माह की 21 को होता है आयोजन
- इस बार 21 को अवकाश के चलते अगले दिन होगा आयोजन
- परिवार नियोजन के लिए सुलभ है बास्केट आफ च्वाइस
बांदा। खुशहाल परिवार दिवस इस माह 22 तारीख को मनाया जाएगा। हर माह की 21 तारीख को इसका आयोजन जिला महिला अस्पताल सहित सभी ब्लाक स्तरीय अस्पतालों, पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर होता है। इस बार 21 तारीख को बकरीद के उपलक्ष्य में अवकाश पड़ जाने के कारण इसका आयोजन अगले दिन किया जा रहा है। खुशहाल परिवार दिवस के अवसर पर पात्र दंपत्ति को परिवार नियोजन से संबंधित साधनों का बास्केट ऑफ च्वॉइस उपलब्ध कराया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करके छोटा परिवार रखने के लिए प्रेरित करना है।
मंडलीय लाजिस्टिक मैनेजर अमृता राज ने बताया कि आशा द्वारा गांव में पात्र दंपत्ति को प्रेरित करके स्वास्थ्य केंद्र पर लाना होता है। यहां पर दंपत्ति की काउंसिलिंग की जाती है तथा उसके लिए उचित साधन अपनाने को कहा जाता है। जिन लोगों द्वारा नसबंदी की इच्छा व्यक्त की जाती है, उनका पंजीकरण कराकर नसबंदी के निर्धारित सेवा दिवस के दिन उन्हें बुलवाकर सेवा प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त परिवार नियोजन का जो भी साधन उपलब्ध होता है, वह लोगों को मुहैया कराया जाता है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के माध्यम से जहां छोटा और सुखी परिवार बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है, वहीं इसके द्वारा शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में सहयोग मिलता है।
मंडलीय लाजिस्टिक मैनेजर ने बताया कि सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) से कहा गया है कि खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ किया जाए। लोगों को मास्क पहन कर आने को कहें तथा एक दूसरे से पर्याप्त दूरी अस्पताल में बनाए रखें। अस्पताल में सेनेटाइजर व हाथ धोने के लिए साबुन व पानी की व्यवस्था कराई जाए। लोगों को कोविड के प्रति भी जागरूक किया जाए।
छोटे परिवार के प्रति महिलाओं में बढ़ी जागरूकता
छोटे परिवार के प्रति महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है। लाजिस्टिक मैनेजर ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े में 11 जुलाई से अब तक मंडल में 1528 महिलाओं ने आईयूसीडी लगवाई है। इनमें बांदा में 302, चित्रकूट में 251, हमीरपुर में 634 व महोबा में 341 महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह 737 महिलाओं ने प्रसव पश्चात पीपीआईयूसीडी लगवाई है। बांदा में 192, चिकूट में 185, हमीरपुर में 158 व महोबा में 202 महिलाओं ने यह संसाधन अपनाया है। इसके अलावा परिवार नियोजन से संबंधित अन्य संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
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