अवैध रूप से हिरासत पाये जाने पर पीड़ित को मिलेगा 25 हजार का मुआवजाः डीएम



  • दोषी अधिकारियों के विरूद्ध होगी विधिक कार्यवाही
  • उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासन ने जारी किए निर्देश

बांदा। परिशांति कायम रखने के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अधीन धारा-107/116/151 के तहत कार्यकारी मजिस्ट्रेट को प्राप्त शक्तियों के क्रियान्वयन के विषय में शासन द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये है। उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला मजिस्ट्रेट अनुराग पटेल ने बताया कि उपरोक्त निर्णय माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्देशों के क्रम में शासन द्वारा लिया गया है जिसमें इस विषय पर एक उचित कार्य प्रणाली; विकसित किये जाने हेतु यथोचित दिशा निर्देश निर्गत किये जाने की अपेक्षा की है। 

शासन द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक तथा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को जारी निर्देशों का कड़ाई अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। शासन के उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन हेतु जिला मजिस्ट्रेट श्री पटेल ने अपनी अधीनस्थ समस्त कार्यपालक मजिस्ट्रेट तथा विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट से यह अपेक्षा की है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता में उन्हें प्रदत्त की गयी शक्तियां उनके क्षेत्राधिकार में शांति व्यवस्था एवं लोक प्रशांति बनाये रखने के लिए है।

शासन द्वारा कहा गया है कि इनका पालन सदैव गुण-दोष के आधार पर युक्ति-युक्त न्यायिक मस्तिष्क का प्रयोग करते हुये विधि एवं निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाय जिससे आमजन को संविधान से प्राप्त मौलिक अधिकार संरक्षित रहे। जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि शासन द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति की अवैध रूप से हिरासत प्रमाणित पायी जाती है तो पीड़ित व्यक्ति को 25 हजार रूपये धनराशि का भुगतान मुआवजे के रूप में किया जायेगा। इसके साथ ही अवैध हिरासत के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध भी नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।


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