संगठन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि प्रशासन एवं सरकार की इस व्यवस्था की हम कड़ी निंदा करते हैं, अधिकारियों के खिलाफ खोला जाएगा मोर्चा
राजेश शास्त्री, संवाददाता
नई दिल्ली। भारतीय मीडिया फाउंडेशन नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय से जारी बयान में भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने मान्यता प्राप्त पत्रकार ऋषिकेश पांडेय जी को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं न दिए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शासन प्रशासन की इस व्यवस्था को महाभ्रष्ट बताया उन्होंने कहा कि आज देश की स्थिति ऐसी हो गई है कि रसूखदार लोगों की सिर्फ बातें सुनी जा रही शासन सत्ता और कार्यपालिका में बैठे हुए लोग अपने चाटूकारों की बात सुनते हैं। आम जनता के द्वारा आवाज लगाने पर उनके कान में जूं तक भी नहीं रेंगता। उन्होंने कहा कि गोरखपुर जो माननीय मुख्यमंत्री महोदय का कर्म भूमि है। इसके बावजूद भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की यह दुर्दशा है। गोरखपुर में अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी कहीं ना कहीं सरकार के आदेशों के खिलाफ कार्य को न करना इस बात को साबित करता है कि कर्मचारी अधिकारी पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतारू हैं।
बिंदुसार ने कहा कि पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर अपने पत्रकार साथी के कंधे से कंधा मिलाकर आवाज को बुलंद करना होगा और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन करके पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाया जाएं और दोषी अधिकारियों कर्मचारियों से इतना सवाल करें कि उनकी निदे हराम कर दिया जाएं। फोन भारतीय मीडिया फाउंडेशन के साथ अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि पीड़ित पत्रकार के मामले में गंभीरता से लेते हुए गोरखपुर के जिलाधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता करके पीड़ित का पक्ष रखा जाएं एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय को भी प्रकरण की पूरी जानकारी संगठन की ओर से भी दी जाएं। उन्होंने पीड़ित पत्रकार से अपील करते हुए कहा कि आप सब्र बनाए रखें पूरा पत्रकार समाज एवं संगठन आपके साथ हैं।
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