आपको बता दें कि आईएफएफआई को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त है। हर साल फिल्म महोत्सव के दौरान चलचित्र संबंधी कुछ बेहतरीन कार्यों को सराहा जाता है और भारत एवं दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ फिल्में दिखाई जाती हैं। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण के प्रतिस्पर्धी खंड में भाग लेने के लिए प्रविष्टियां 31 अगस्त, 2021 तक जमा करवाई जा सकेंगी।
बहरहाल, भारतीय सिनेमा के दिग्गज सत्यजीत रे की जन्मशती के अवसर पर इस बार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का फिल्म महोत्सव निदेशालय आईएफएफआई में एक विशेष पूर्वावलोकन के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। इसके अलावा, इस महान शख्सियत की विरासत को सराहते हुए ‘सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ को इसी वर्ष से प्रदान करना शुरू किया गया है, जिसे हर साल आईएफएफआई में प्रदान किया जाएगा। लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस बार भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने कैलाइडोस्कोप पैकेज के बारे में जानकारी दी, जिसमें 11 फिल्में दिखाई जाएंगी।
52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फेस्टिवल कैलाइडोस्कोप के लिए चुनी गई फिल्में इस प्रकार हैं-
निर्देशक : राडू जेड, रोमानिया, लक्जमबर्ग, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, रोमानियाई
सारांश : एक वीडियो वायरल होता है। इसमें एक पुरुष और एक महिला को मास्क पहनकर सेक्स करते हुए दिखाया गया है। हालांकि, महिला की पहचान हो जाती है। बहुत बुरी बात यह है कि वह एक शिक्षिका है और उसे एक आदर्श माना जाता है। और यह किसी समाज (समाजवाद के दौर के बाद का या फिर कोई भी समाज) में सामाजिक ताने-बाने से जुड़ी एक ऐसी बहस में उलझ जाने के बारे में है जोकि ढुलमुल प्रवृत्ति, छद्म राजनीतिक ज्ञान, पवित्रतावादी रूढ़िवाद और विकृत षड्यंत्र के सिद्धांत पर चर्चा करती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। यह बहस सहमति से सेक्स, पोर्नोग्राफी और भी बहुत कुछ को लेकर एक न्यायाधिकरण तक पहुंच जाती है।
ब्राइटन फोर्थ
निर्देशक: लेवन कोगुशविलिक, जॉर्जिया, रूस, बुल्गारिया, मोनाको, यूएसए, जॉर्जियाई
सारांश : यह पूर्व कुश्ती चैंपियन काखी की कहानी है, वह परिवार के प्रति इतना समर्पित है कि वह त्बिलिसी में अपने घर से ब्रुकलिन में ब्राइटन बीच पर अपने बेटे सोसो से मिलने जाता है। वह वहां डॉक्टरी की पढ़ाई नहीं कर रहा है जैसा कि उसे भरोसा था। वह वहां एक स्थानीय रंगदार को जुए का कर्ज चुकाने के लिए एक मूविंग कंपनी में काम कर रहा है। काखी अपने बेटे की मदद करने की ठान लेता है...
कम्पार्टमेंट नंबर 6
निर्देशक: जुहो कुओसमैनन, फिनलैंड, जर्मनी, एस्टोनिया, रूस, फिनिश, रूसी
सारांश : फिनलैंड की एक युवा महिला मरमंस्क के आर्कटिक बंदरगाह के लिए एक ट्रेन में सवार होकर मास्को में एक गूढ़ प्रेम प्रसंग में फंसने से बच जाती है। एक रूसी खनिक के साथ लंबी दूरी की सवारी और एक छोटी कार साझा करने के लिए मजबूर होती है। यह अप्रत्याशित मुठभेड़ कम्पार्टमेंट नंबर 6 में रहने वालों को मानवीय संबंधों के प्रति उनकी चाहत से जुड़ी सच्चाई से सामना करवाती है।
फीदर्स
निर्देशक: उमर एल ज़ोहैरी, फ्रांस, मिस्र, नीदरलैंड, ग्रीस, अरबी
सारांश : जब बच्चों की जन्मदिन की पार्टी में किसी जादू की ट्रिक से परिवार का आधिकारिक पिता मुर्गे में बदल जाता है। इसका असर हर किसी पर पड़ता है; माँ, जिसका सांसारिक जीवन अपने पति और बच्चों के लिए समर्पित था, से अब आगे बढ़ने और अपने परिवार की देखभाल करने का आग्रह किया जाता है। अपने पति को वापस लाने और उनके अस्तित्व को सुरक्षित करने के प्रयास में उसमें काफी बदलाव आ जाता है।
आई एम योर मैन
निर्देशक: मारिया श्रेडर, जर्मनी, जर्मन
सारांश : अल्मा बर्लिन के प्रसिद्ध पेर्गमोन संग्रहालय में एक वैज्ञानिक हैं। अपनी पढ़ाई के वास्ते शोध निधि प्राप्त करने के लिए वह एक असाधारण प्रयोग में भाग लेने के प्रस्ताव को स्वीकार करती है। तीन हफ्तों के लिए उन्हें एक मानव जैसे रोबोट के साथ रहना है, जिसकी कृत्रिम बुद्धिमत्ता को उसके आदर्श जीवनसाथी के रूप में बदलने की अनुमति देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। टॉम, मानव रूप में एक मशीन (सुंदर) है जिसे उसे खुश करने के लिए बनाया गया था। इस बीच जो होता है वह एक दुःखद कहानी है जो प्यार, लालसा और हमें इंसान बनाने की धारणाओं की पड़ताल करती है।
रेड रॉकेट
निर्देशक: सीन बेकर, संयुक्त राज्य अमेरिका, अंग्रेज़ी
सारांश : लेखक–निर्देशक सीन बेकर (द फ्लोरिडा प्रोजेक्ट, टेंजेरीन) की नई फिल्म, जिसमें साइमन रेक्स ने बेहतर अभिनय किया है। इसमें रेड रॉकेट एक मजाकिया, अल्हड़ और एक विशिष्ट अमेरिकी हसलर का मानवीय चित्र है जिसे एक गृहनगर काफी मुश्किल से बर्दाश्त करता है।
सौआद
निर्देशक: आयतेन अमीन, मिस्र, ट्यूनीशिया, जर्मनी, अरबी
सारांश : मिस्र की 19 वर्षीय सौआद वयस्क होने की दहलीज पर है। अपने दैनिक जीवन में, नए प्रकार की स्वतंत्रता की खोज करने की उसकी इच्छा समाज, उसके परिवार और धार्मिक समुदाय की अपेक्षाओं के साथ टकराती है, जिसे उसने आत्मसात कर लिया है। एक ओर, वह अपने स्मार्टफोन पर शहरी जिंदगी की छवि प्रस्तुत करती है और ऑनलाइन रोमांटिक संबंधों की तलाश करती है। दूसरी ओर, वह एक मेहनती छात्रा, आज्ञाकारी बेटी और बड़ी बहन है। लेकिन जब स्व-निर्धारित जीवन के बारे में सौआद की धारणाएं बिखर जाती हैं, तो उसकी विरोधाभासी वास्तविकताओं का शोर भी गायब हो जाता है।
इससे दो लोगों के बीच का टकराव उजागर हो जाता है, जिनके पास सौआद के साथ उनके रिश्ते के अलावा कुछ भी नहीं है। शायद अब ही, इस मोड़ पर सौआद मूर्त हो जाती है। फिल्म में कई बदलाव के साथ और घने तथा अनछुए क्षणों को कुशलता से जोड़ते हुए आयतेन अमीन ने किसी अन्य व्यक्ति को जानने की उसकी इच्छा और खुद को पहचाने जाने की लालसा को चित्रित करने के लिए अपने पात्रों को उल्लेखनीय रूप से दर्शाया है।
स्पेंसर
निर्देशक: पाब्लो लारेन, जर्मनी, यूके, अंग्रेज़ी
सारांश : राजकुमारी डायना और राजकुमार चार्ल्स के बीच शादी के बावजूद रिश्तों में अपनापन नहीं रहा। हालांकि प्रेम प्रसंग और तलाक की अफवाहें लाजिमी हैं, महारानी के सैंड्रिंघम एस्टेट में क्रिसमस के उत्सव के लिए शांति बनाई रखी जाती है। वहां खाना-पीना, शूटिंग और शिकार सब होता है। डायना खेल समझती है। लेकिन इस साल चीजें पूरी तरह से अलग होंगी। स्पेंसर एक कल्पना है कि उन कुछ विनाशक दिनों के दौरान क्या हुआ होगा।
द स्टोरी ऑफ माई वाइफ़
निर्देशक : इल्डिको एनयेदी, हंगरी, जर्मनी, इटली, फ्रांस, अंग्रेजी, डच, फ्रेंच, जर्मन, इतालवी
सारांश : द स्टोरी ऑफ माई वाइफ़’ की कहानी साहसी गिज्स नाबेर जैसी है जो कि शापित कैप्टन जैकब स्टॉर के रूप में है, जो एक सहयोगी से शर्त लगाता है कि वह उस कैफे में प्रवेश करने वाली पहली महिला से शादी करेगा जिसमें वे बैठे हैं। स्टॉर के जीवन के साथ वही होता है जो उसके भाग्य में लिखा है।
द वर्स्ट पर्सन इन द वर्ल्ड
निर्देशक: जोआचिम ट्रायर, नॉर्वे, फ्रांस, स्वीडन, डेनमार्क, नार्वेजियन
सारांश : समकालीन ओस्लो में प्यार और अर्थ की तलाश के बारे में एक आधुनिक नाटक। यह जूली के जीवन में चार साल का घटनाक्रम है। जूली एक युवा महिला है जो अपने प्रेम जीवन से निकल कर अपने करियर की तलाश में संघर्ष करती है। इसमें उसे वास्तविक रूप से यह देखने के लिए प्रेरित किया जाता है कि वह वास्तव में कौन है।
टाइटेन
निर्देशक: जूलिया डुकोर्नौ, फ्रांस, बेल्जियम, फ्रेंच
सारांश : एक हवाई अड्डे पर चोटिल चेहरे वाला एक युवक मिला है। वह दावा करता है कि उसका नाम एड्रियन लेग्रैंड है - जो दस साल पहले गायब हो गया था। जैसे ही वह अपने पिता से मिला, इलाके में भीषण हत्याएं होने लगीं।
अगली पीढ़ी की 75 प्रतिभाएं 52वें इफ्फी(आईएफएफआई) में भाग लेंगी
गोवा में आयोजित होने वाले 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहली बार अगली पीढ़ी के सिनेमा का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 सृजनशील प्रतिभाएं भाग लेंगी। आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में यह अनूठी पहल देश के युवा सृजनशील लोगों और उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगी और उन्हें पहचान दिलाएगी।
'75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो' यानी चयनित 75 भावी सृजनशील लोग 52वें आईएफएफआई, गोवा 2021 में भाग लेगें, जिसमें वे अन्य गतिविधियों के साथ-साथ सभी मास्टर क्लासेस/वार्तालाप सत्रों में भाग लेंगे और उद्योग जगत की हस्तियों के साथ बातचीत भी करेंगे। उत्सव में प्रत्येक चयनित उम्मीदवार की यात्रा और आवास का खर्च भी शामिल होगा।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने 22 अक्टूबर को अपनी तरह की इस पहली पहल की घोषणा की थी। ठाकुर ने कहा था कि इफ्फी (आईएफएफआई) का 52वां संस्करण देश भर की युवा नवोदित प्रतिभाओं को मुख्यधारा के सिनेमा निर्माताओं और फिल्म उद्योग से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इन युवाओं को देश भर से युवा फिल्म निर्माताओं के लिए एक प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया है। इस प्रतियोगिता के लिए देशभर से 400 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
'75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ़ टुमॉरो'के लिए ग्रैंड जूरी और चयन जूरी इस प्रकार थी-
ग्रैंड जूरी
- प्रसून जोशी - प्रसिद्ध गीतकार और अध्यक्ष, सीबीएफसी
- केतन मेहता - प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक
- शंकर महादेवन - प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार / गायक
- मनोज बाजपेयी - प्रसिद्ध अभिनेता
- रसूल पुकुट्टी - ऑस्कर विजेता साउंड रिकॉर्डिस्ट
- विपुल अमृतलाल शाह - प्रसिद्ध निर्माता / निर्देशक
चयन जूरी
- वाणी त्रिपाठी टीकू - निर्माता और अभिनेता, सदस्य सीबीएफसी
- अनंत विजय - सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और लेखक
- यतींद्र मिश्रा - प्रसिद्ध लेखक,सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता
- संजय पूरन सिंह - फिल्म निर्माता, सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता।
- सचिन खेडेकर - अभिनेता,निर्देशक
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