- बाल बलिदानियों का स्मरण कराएगा विद्या भारती : यतीन्द्र
- कैप्टन मनोज पांडेय के जीवन से छात्रों को लेनी चाहिए प्रेरणा: डीएम अभिषेक प्रकाश
- राष्ट्रहित में अपने योगदान के लिए सक्षम नागरिक और नेतृत्व प्रदान करें: मेजर जनरल एनबी सिंह
- महापुरुषों का जीवन हमारे लिए प्रेरणास्रोत: श्री संजय जी
लखनऊ। देश ने जो अमृत महोत्सव मनाने का संकल्प लिया है, उसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और देश के लिए बलिदान होने वाले उन महापुरुषों के बारे में जानकारी देना और उनका स्मरण कराना है। देश के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम जिस तरह से भागीदारी थी, उसी तरह वर्तमान में देश के नव निर्माण में सभी भेदभाव मिटाकर सभी को एक साथ खड़ा होने की जरूरत है। उक्त उद्गार विद्या भारती के अखिल भारतीय सह-संगठन मंत्री यतीन्द्र जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुख्यालय सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान प्रारम्भ हुआ।
विद्या भारती के अखिल भारतीय सह-संगठन मंत्री श्री यतीन्द्र जी ने कहा कि अंग्रेजों और आक्रांताओं ने जो भी व्यवस्थाएं विकृत की हैं, उनको सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खंडित भारत पुन: अखंड बने, इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है। इसलिए विद्या भारती भी यह संकल्प लेते हुए देशभर के अंदर 25 हजार केन्द्रों पर प्रतिदिन कार्यक्रम कर रही है। उन्होंने कहा कि बाल बलिदानियों को स्मरण करने के लिए विद्या भारती ने सभी भैया-बहनों के लिए एक पुस्तक छापी है। यह पुस्तक विद्या भारती के बच्चों के घर-घर तक पहुंचायी जाएगी, ताकि वह उनसे प्रेरणा पा सकें।
विशिष्ट अतिथि लखनऊ के जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश जी ने कहा कि पूरा देश विगत एक वर्ष से आज़ादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला मना रहा है। इसी कड़ी में लखनऊ के वीर सपूत और हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय को इस कार्यक्रम के माध्यम से याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रम हमें इस बात की प्रेरणा देते हैं कि हम अपने देश के लिए योगदान देने वाले महापुरुषों के प्रति सम्मान की भावना रखें।
मुख्य अतिथि अमर शहीद कैप्टन मनोज पांडेय जी के पिता श्री गोपीनाथ पांडेय जी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि कैप्टन मनोज के बलिदान को विद्या भारती द्वारा याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि मनोज जैसे अमर शहीद ने हमारे परिवार में और हमारे बेटे के रूप में जन्म लिया। पूरे राष्ट्र को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि मैं आज अपने नाम से नहीं, बल्कि अपने बेटे के नाम से पहचाना जाता हूँ। विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल एन.बी.सिंह जी ने कहा कि हमें अपने राष्ट्र की सुरक्षा व अखंडता की रक्षा करने के लिए संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में अपने योगदान के लिए सक्षम नागरिक और नेतृत्व प्रदान करना होगा।
विशिष्ट अतिथि इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय सह-संगठन मंत्री श्री संजय जी ने कहा कि कैप्टन मनोज पांडेय जैसे वीर हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। अपने देश के लिए प्राण न्यौछावर करके अमर हो जाना ही इस आज़ादी के अमृत महोत्सव का भाव है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र सदैव से मृत्युंजय रहा है, जिसे हमारे महापुरुषों ने अपने सद्कर्मों ने बनाया है। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लखनऊ विभाग प्रचारक श्री संजय जी ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी।
कार्यक्रम में आए अतिथियों का परिचय विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख श्री उमाशंकर जी ने कराया और आभार ज्ञापन भारतीय शिक्षा समिति के सचिव श्री हरेन्द्र श्रीवास्तव जी ने किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी ने किया। इस कार्यक्रम में केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. नरसिंह वर्मा जी, सिटी हास्पिटल के निदेशक डॉ. वैभव खन्ना जी, भारतीय शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष डॉ. शिवभूषण त्रिपाठी जी, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख श्री भास्कर दूबे, सुश्री शुभम सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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