कहीं गरम तो कहीं नरम रूख अपनाते हुए दिखे डीएम, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अधिक फसल उत्पादन का प्रशिक्षण दिया


अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

‘साक्षर प्रधान गांव की शान’ के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाये अधिकारीः डीएम

  • जिले में शातिंपूर्वक मतदान सम्पन्न होने पर डीएम ने जताया आभार
  • मतदान प्रतिशत बढ़वाने वाले अधिकारियों को डीएम ने की तारीफ

बांदा। जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल ने विधानसभा चुनाव को सकुशल, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराये जाने पर जिले के सभी अधिकारियों को अभार जताया है। इसके बाद ‘‘साक्षर प्रधान गॉव की शान’’ की पहल के तहत जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने जनपद के निरक्षर 58 ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने के लिए जनपद स्तरीय 58 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, जिसका लक्ष्य 60 दिन रखा गया था जो कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 को दृष्टिगत रखते हुए थोडा विलम्ब हुआ है, लेकिन अब अधिकारी पुनः अपने गोद लिए ग्राम प्रधान को साक्षर बनाने की पहल प्रारम्भ कर दें जिससे निरक्षर ग्राम प्रधान साक्षर बनकर अपने आपको गौरर्वान्वित महसूस कर सकें और अपने र्ग्राम पंचायत स्तरीय शासकीय कार्य अपने हस्ताक्षर से भली-भांति कर सकें जिसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने पाये। 

उन्होंने उपरोक्त अधिकारियों/ग्राम प्रधानों को विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 में मतप्रतिशत में बढोत्तरी हेतु ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया गया था जिसमें कुछ अधिकारियों ने अपने गोद लिए ग्राम प्रधान के माध्यम से मतप्रतिशत में बढोत्तरी करवायी है। डिप्टी कलेक्टर लाल सिंह यादव ने तहसील नरैनी ग्राम पंचायत माधवपुर में 84.55 प्रतिशत वोटिंग करायी है, दूसरे स्थान पर भूमि संरक्षण अधिकारी, तीसरे स्थान पर प्रशिक्षण अधिकारी, चौथे स्थान पर अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) 73.46 प्रतिशत तथा पॉचवे स्थान पर उप निदेशक कृषि रहे।

इसी प्रकार कुछ अधिकारियों ने अच्छा कार्य किया है तथा कुछ ने अपने कार्य एवं दायित्वों में लापरवाही बरती है, जिसमें जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी। जिलाधिकारी ने उपरोक्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्बन्धी ग्राम के शिक्षक से मिलकर तथा रात्रि में भी जिनकी ड्यूटी पठन-पाठन के कार्य में लगी है उनसे सम्पर्क कर पठन-पाठन के कार्य को पूर्णतः प्रारम्भ करा दिया जाए जिससे अनपढ महिलाओं को शिक्षित कर सशक्त बनाया जा सके।


बालिका प्रोत्साहन योजना की खराब प्रगति पर चढ़ा डीएम का पारा

  • अधिकारियों को एक सप्ताह में प्रगति सुधारने के दिए निर्देश

बांदा। मिशन शक्ति अभियान तृतीय के अन्तर्गत बेटी पढाओ-बेटी बचाव के तहत नवेल-बुन्देली कन्या जन्मोत्सव अभी तक जनपद में 25 दिसम्बर, 2021 से 28 फरवरी, 2022 तक 2273 नवजात बच्चियों ने जन्म लिया है और इन सभी का जन्मोत्सव बडे धूम-धाम व उत्सव के साथ केक काटकर मनाया गया है। उपरोक्त जानकारी जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने नवेली-बुन्देली की सम्पन्न बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में दी।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने समीक्षा करते हुए श्रम विभाग द्वारा संचालित मातृत्व शिशु एवं बालिका प्रोत्साहान योजना के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के नवजात बच्चियों के जन्म पर जो पंजीकरण कराया जाना था उसमें प्रगति बहुत ही खराब थी। श्री पटेल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि एक सप्ताह में पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण कराकर शीघ्र अवगत कराया जाए अन्यथा कार्यवाही हेतु शासन को पत्राचार किया जायेगा। 

इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए समस्त एम0ओ0आई0सी0 को निर्देशित किया कि अपने-अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जच्चा एवं बच्चा का टीकाकरण शीघ्र कराकर शासन की योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना, जननी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना इत्यादि योजनाओं से नवजात बच्चियों तथा उनके माता-पिता एवं दादा-दादी को शासन से संचालित योजनाओं से लाभान्वित कराना सुनिश्चित करें जिससे समाज के लोग अपनी बच्ची के जन्म को अभिशाप नही बल्कि वरदान समझें। 

इसी प्रकार उपरोक्त कार्यक्रम में लगे समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि उपरोक्त कार्यक्रम को सक्रियता के साथ चलाया जाए जिससे बेटियां पढ-लिखकर सशक्त बनेंगी और उनसे हम सभी लोंगो को दुआयें मिलेंगी। बैठक में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/जिला प्रोबेसन अधिकारी सुधीर कुमार, अपर जिलाधिकारी उमाशंकर त्रिपाठी, अपर जिलाधिकरी नमामि गंगे, अपर जिलाधिकरी एम0पी0सिंह, नगर मजिस्ट्रेट केशव नाथ गुप्ता, जिला विकास अधिकारी रवि किशोर त्रिवेदी, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रामपाल, डिप्टी कलेक्टर प्रशिक्षु सौरभ यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजय तिवारी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।


नानाजी देशमुख के संकल्प को कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिल कर पूरा करेगेः अभय महाजन 

  • कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना सप्ताह पर व्यक्त किये विचार

बांदा। नानाजी देशमुख ने बुन्देलखण्ड के विकास का सपना देखा था। जिसे हकीकत मे बदलने के लिये उन्होने 75 वर्ष की उम्र मे सफल प्रयास किया जिससे विकास के कई द्वार खुले। भारत रत्न नानाजी देशमुख ने अपने संकल्प मे बुन्देलखण्ड की परिस्थीतियो को बदलने हेतु गरीबी दूर करने, सबको शिक्षित करने, स्वरोजगारी बनाने एवं स्वाभिमान से जीने के लिये लोगो को प्रेरित किया। कृषि की दशा और दिशा बदलने हेतु उन्होने चित्रकूट एवं सतना जिले मे दो कृषि विज्ञान केन्द्रो की स्थापना भी की। कृषि विश्वविद्यालय बांदा अपने स्थापना वर्ष से ही कृषि के क्षेत्र मे शिक्षा शोध एवं प्रसार गतिविधियो को एक नयी उर्जा के साथ आगे बढ़ा रहा है। 

नानाजी के संकल्प को पूरा करने हेतु उनके द्वारा स्थापित संस्थानो के द्वारा दिन रात प्रयास किया जा रहा है, इस प्रयास मे हम कृषि विश्वविद्यालय, बांदा का भी सहयोग और सामंजस्य चाहते है। यह विश्वविद्यालय उर्जावान विश्वविद्यालय है, हम साथ मिलकर यहाँ की कृषि एवं बुन्देलखण्ड के विकास मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। यह उदगार दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट के संगठन सचिव एवं कृषि विश्वविद्यालय, बांदा के प्रबंध परिषद के सदस्य अभय महाजन ने विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना सप्ताह के उदघाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त की। 

कृषि विश्वविद्यालय बांदा का 12वाँ स्थापन सप्ताह उद्यान महाविद्यालय के सभागार मे मनाया जा रहा है। आज इस स्थापन सप्ताह का उदघाटन कुलपति, प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता मे आरम्भ हुआ। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप मे बोलते हुए भा0कृ0अनु0प0- भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी के निदेशक, डा0 अमरेश चंद्रा ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। डा0 चंद्रा ने कहा कि यह दोनो संस्थान कृषको के लिये कार्य कर रहे है अतः हम दोनो संस्थान मिलकर बुन्देलखण्ड के किसानो की मुख्य समस्या अन्नाप्रथा को खत्म करने का साझा प्रयास करेगे। वर्तमान कुलपति के नेतृत्व मे यह विश्वविद्यालय और उँचाइयो को प्राप्त करेगा एसा मेरा विश्वास है। यहा के छात्र हमारे संस्थान से शोध एवं अन्य जानकारीयो के लिये जुड़े इसके लिये हम अनुबंध भी करेगे। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने अध्यक्षि भाषण मे कहा कि इस विश्वविद्यालय की नीव रखने वाले तथा यहाँ तक पहुँचाने वाले सभी कुलपतियो ने भरपूर प्रयास किया है निश्चित तौर पर बधाई के पात्र है। छात्रो से उन्होने कहा कि सपने देखना जरूरी है। विश्वविद्यालय मे कुछ सुविधाओ का अभाव है परन्तु अपने सपनो को पूरा करने के लिये सार्थक प्रयास भी आपको ही करना है। स्थापना सप्ताह विश्वविद्यालय परिवार मे एक नयी उर्जा का संचार करेगा ऐसा मेरा विश्वास है। 

कार्यक्रम के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के छात्राओ द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 एस0के0 सिंह ने सभी अतिथियो का स्वागत एवं स्थापना दिवस के बारे मे बताया। डा0 ए0के0 श्रीवास्तव, निदेशक, पी0एम0इ0सी0 ने स्वागत भाषण, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डा0 वी0के0 सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन, डा0 विज्ञा मिश्रा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। इस सप्ताह मे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक, उद्यान, डा0 ए0के0 सिंह, बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष, राजा बुन्देला अंर्तराष्ट्रीय, संस्थान इकार्डा के भारतीय प्रबंधक, डा0 शिव कुमार अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप मे कार्यक्रम मे प्रतिभाग करेगे।

किसानों को विशेषज्ञों ने सिखाए अधिक फसल उत्पादन के गुर

  • क्षेत्र के किसानों को विशेषज्ञों ने किया प्रशिक्षित

तिंदवारी/बांदा। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण देते हुए किसानों को अधिक फसल उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। साथ ही सलाह दी कि बुआई करते समय किसान उन्नत किस्म के बीज प्रयोग के साथ ही भू-जल स्तर बढ़ाने को हवेली माडल का उपयोग करें। वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ बैठक करते हुए कार्यशैली और प्रभावों पर चर्चा की। तिंदवारी ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत बेंदा, अमलीकौर और जौहरपुर गांवों में हैदराबाद द्वारा संचालित इंक्रीसेट परियोजना के तहत पिछले दो वर्षों से किसानों की आय दुगुना करने का अभियान चलाया जा रहा है।

मंगलवार को इंक्रीसेट हैदराबाद परियोजना निदेशक डा.श्रीनाथ दीक्षित के मार्गदर्शन में किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण देते हुए किसानों को अधिक फसल उत्पादन के लिए प्रशिक्षित किया। कहा कि बुआई के समय उन्नत किस्म के बीज, सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग, जल निकास व मेड़बंदी, जमीन का जल स्तर बढ़ाने को हवेली मॉडल का उपयोग करें। साथ ही हर खेत पर पेड़, खेत तालाब योजना की जानकारी देते हुए लाभान्वित होने का आह्वान किया। बीएचयू वाराणसी कृषि विज्ञान निदेशक डॉ. रमेश चंद्र, डीन यशवंत सिंह, मृदा विभाग के डा.एसके सिंह, इंजीनियर डा.आरएम सिंह, अर्थशास्त्र विभाग के डा.ओपी सिंह आदि ने 

निरीक्षण के दौरान किसानों के साथ बैठक कर रबी फसल प्रदर्शन, कार्यशैली व प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की। किसान मंगल सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण से क्षेत्र के ज्यादातर किसानों के खेतों में पैदावार में लगातार सुधार हो रहा है। इस दौरान अंबरीष श्रीवास्तव, रोहित कुशवाहा, देवीदयाल, राजन आदि मौजूद रहे।


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