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अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ |
जनपद में धूमधाम से मनाई गई हनुमान जयंती
- हनुमान चालीसा के साथ हुआ भण्डारे का आयोजन
बांदा। शनिवार को जिले भर में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई गई। जगह-जगह हनुमान चालीसा व सुंदरकांड के पाठ के साथ ही भव्य भंडारे का आयोजन हुआ। मंदिरों ने दर्शन-पूजन को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। शनिवार को हनुमान जयंती पर मंदिरों में दर्शन-पूजन को लेकर भक्तों की भीड़ लगी रही। शहर के संकटमोचन हनुमान मंदिर, रोड़वेज बस स्टैंड ,पदमाकर चौराहा स्थित हनुमान मंदिर में भोर से ही श्रद्धालु उमडने लगे। इस दौरान सुंदरकांड के पाठ से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। रोडवेज बस स्टैंड बांदा पर स्थित हनुमान मंदिर समाजसेवियों द्वारा भंडारे का आयोजन हुआ। सुंदरकांड का पाठ भी हुआ। हवन के बाद भंडारे का श्रीगणेश हुआ तो श्रद्धालुओं की कतार प्रसाद ग्रहण करने को उमड़ पड़ी।
इस दौरान प्रदीप शिवहरे, रोहित अग्रवाल,अजीत शिवहरे, सिंटू गुप्ता, विनय गुप्ता, राजू, अखिलेश, महिरज ध्वज सिंह पापे, देवेन्द्र, सुरेंद्र त्रिपाठी, प्रदीप त्रिपाठी, शिवम्, सुरेश पाठक, कैलाश आदि मौजूद रहे। पद्माकर चौराहा स्थित हनुमान मंदिर में भवन पूजन सुंदरकांड पाठ का आयोजन हुआ। इस दौरान आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। देरशाम तक चले भंडारे में जयश्रीराम जय श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे। इस दौरान पुजारी नरेंद्र मिश्रा, निर्मल श्रीवास्तव, भूपेंद्र सिंहगौतम, रोहित अग्रवाल, रवि तिवारी, दीपु, सुशील खरे, महेश साहु लल्लू संतोष बटन वालें कमलेश गुप्ता, कप्तान सिंह आदि मौजूद रहे।
हनुमान जंयती पर गाजे-बाजे के साथ निकाल शोभा यात्रा
अतर्रा/बांदा। हनुमान जयंती पर बालाजी समिति द्वारा हाथी घोड़ो बैंड बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई डीजे वा भक्ति गीतों पर जमकर थिरके बजरंगी के भक्त विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बदौसा रोड स्थित बबेरू बस स्टैंड से बालाजी समिति द्वारा सैकड़ों की संख्या में हनुमान जयंती पर भव्य शोभायात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे नगर में जगह-जगह शोभायात्रा का लोगों ने स्वागत किया शोभा यात्रा कस्बे के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गौरव बाबा धाम पहुंची शोभा यात्रा के दौरान नगर के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
कृष्ण और रुक्मणी विवाह के मधुर बेला का भक्तों ने लिया आनन्द
- श्रीमद्भागवत गीता पाठ का आठवां दिन
बांदा। संकटमोचन मंदिर के सामने पटरी पार कटरा एक मैरिज हाल में चल रही श्रीमद् भागवत गीता पाठ का आठवें दिन श्री परमपूज्य आचार्य पंडित उमाकांत त्रिवेदी महाराज ने श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया साथ ही कलाकारों द्वारा उनकी सुंदर सुंदर स्वरूप से भक्तो को प्रसंग का मंचन कर मंत्रमुग्द किया। अपने प्रवचनों में उमाकांत त्रिवेदी महाराज ने बताया कि श्री कृष्ण के पास जब रुक्मणी ने संदेश भेजा था कि रुक्मणी के घरवाले इनका विवाह कहीं और करना चाहते हैं तब उन्होंने श्री कृष्ण से कहा वह श्री कृष्ण से ही विवाह करना चाहती हैं क्योंकि विश्व में उनके जैसा अन्य कोई पुरुष नहीं है।
भगवान श्री कृष्ण के गुणों और उनकी सुंदरता पर मुग्ध होकर रुक्मणी ने मन ही मन निश्चय किया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति के रूप में वरण नहीं करेंगी, उधर श्री कृष्ण भगवान को भी इस बात का पता लग चुका था कि रुकमणी परम रूपवती तो है ही इसके साथ साथ परम सुलक्षणा भी हैं, अपने वर्णन में उन्होंने बताया कि भीष्मक का बड़ा पुत्र रुकनी भगवान श्री कृष्ण से शत्रुता रखता था वह अपनी बहन रुक्मणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था।
जब रुकमणी ने गिरजा की पूजा करते हुए उनसे प्रार्थना की हे मा तुम सारे जगत की मां हो इसलिए मेरी भी अभिलाषा पूर्ण करो मैं श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी अन्य पुरुष के साथ विवाह नहीं कर सकती रुक्मणी जब मंदिर से बाहर निकली तो उन्हें एक ब्राह्मण दिखाई दिया देखकर वह बहुत प्रसन्न हुई उन्हें यह समझने में बिल्कुल भी संशय नहीं रहा कि श्री कृष्ण भगवान ने ही उसके समर्पण को स्वीकार कर लिया है और श्री कृष्ण जी ने विद्युत तरंग की भांति पहुंचकर उनका हाथ थाम लिया और अपने रथ पर बिठाकर द्वारका की ओर चल पड़े ,भगवान श्री कृष्ण रुकमणी को द्वारका ले जाकर उनके साथ विधिवत विवाह किया। उन्होंने बताया कि प्रद्युम्न उन्हीं के गर्भ से उत्पन्न हुए थे जो सृष्टि में कामदेव के अवतार थे।
श्री कृष्ण की पटरानीयों में रुक्मणी का सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थान था उनके प्रेम और उनकी भक्ति पर भगवान श्री कृष्ण मुग्ध थे, उनके प्रेम और उनकी कई कथाएं और भी बहुत प्रेरक हैं, इस दोरान कथा में सम्मिलित लोगों ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी जी के विवाह में उपहार भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्तजनों में मुरलीधर गुप्त, सुरेन्द्र तिवारी, श्रद्धा अग्रवाल, कपिल अग्रवाल, रामप्रताप, गोमती, ओमवती राजकुमार राज डीके अग्रवाल, योगेश कुमार, प्रमोद, मुकेश शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, वेद मनोहर लाल शर्मा, संजय सक्सेना, ज्योति गुप्ता, पूजा गुप्ता, यश चित्रांशी, उदय पाल चौहान, दीपक ठाकुर ,चितरंजन सक्सेना, आदि तमाम लोग उपस्थित रहे।
श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से होता है पापां का नाशः देवकीनंदन शर्मा
- गौराबाबा धाम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा
अतर्रा/बांदा। गुरु शिष्य का संबंध परमात्मा से जोड़ता है वह जीव और परमात्मा के बीच सेतु का कार्य करता है। श्रीमद् भागवत के श्रवण मात्र से जीव कितना भी पापी हो सारे पापों का नाश हो जाता है उक्त बातें कस्बे के गौरव बाबा धाम में आयोजित आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन व्यास स्वामी देवकीनंदन शर्मा ने कही। धूमधाम से बैंड बाजा हुआ डीजे के साथ निकली कलश यात्रा। कस्बे के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गौरा बाबा धाम में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराने आए वृंदावन के अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास स्वामी देवकीनंदन शर्मा ने शुक्रवार को श्रीमद् भागवत कथा के कलश यात्रा के बाद श्रीमद्भागवत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री शर्मा ने कहा कि श्रीमद् भागवत का महत्व इतना है कि ब्रह्मा जी नेसंपूर्ण शास्त्रों को एक पलड़े में वह श्रीमद्भागवत को एक पलड़े में जब रखा तो श्रीमद्भागवत के सामने संपूर्ण शास्त्र हल्के पड़ गए।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत हमें मरने की कला सिखाती है और मृत्यु के शोक वह जीव के संताप का हरण करती है। उन्होंने कहा कि जिस समय राजा परीक्षित को श्राप हो गया और श्रीमद्भागवत परीक्षित जी को सुखदेव जी सुनाने लगे उस समय देवताओं ने कहा कि अमृत राजा परीक्षित को पिला दीजिए और श्रीमद् भागवत कथा का हम रसपान करना चाहते हैं उन्होंने आत्म देव के कथा के माध्यम से श्रीमद् भागवत के महत्त्व वह प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिस समय धुंधकारी प्रेत योनि को चला गया।
उस समय गोकर्ण महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा सुना कर प्रेत योनि से अधिकारी को मुक्ति दिलाई वह सातवें दिन उसके लिए वैकुंठ से विमान आया। श्री शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत के श्रवण मात्र से जन्म जन्मांतर के जीव के पाप नष्ट हो जाते हैं यह मोक्षदायिनी हैं साथ ही उन्होंने माता पिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे माता-पिता हमको दुनिया में लाने वाले हमारे भगवान हैं हम माता पिता का अगर सम्मान नहीं करेंगे तो हम ईश्वर का सम्मान नहीं कर सकते।
उन्होंने भक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में अगर परमात्मा, ईश्वर से कुछ मांगना है तो भक्ति मांगिए उन्होंने कहा कि जिस समय भक्ति वृंदावन में अपने दो वृद्ध पुत्र ज्ञान और वैराग्य के साथ पड़ी हुई थी और नारद जी से अपने पुत्रों को जवान करने का मार्ग पूछा तो उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा के रसपान से उन्हें युवा अवस्था प्रदान की श्री शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण का मयूर नृत्य वृंदावन के कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मुग्ध कर दिया। आयोजक ओम प्रकाश, संतोष जायसवाल व व्यापार मंडल अध्यक्ष अवधेश गुप्ता सहित सैकड़ों लोगों ने कथा का रसपान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
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