अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
रोजगार के क्षेत्र में नई क्रांति ला सकता है कृषि व्यवसायः डा. दीक्षा
- लुकतरा गांव में कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
बाँदा। बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वावधान में बड़ोखर खुर्द ब्लाक के लुकतरा गांव में गुरुवार को बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कृषि उद्यमिता विकास के विभिन्न आयाम विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. दीक्षा पटेल ने कृषि व्यवसाय को रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला बताया। कहा कि वर्तमान समय में जब सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी संस्थानों में रोजगार के अवसर क्षीण हो रहे है। ऐसे में लोगों का रुझान स्वरोजगार, कृषि व उद्यमिता विकास की ओर बढ़ रहा है। कहा कि कृषि के विकास एवं कृषि क्षेत्र में युवाओं को रोजगार सृजन के लिये यह आवश्यक है कि ग्रामीण स्तर पर कृषि सम्बन्धी उद्यम स्थापित किये जाएं। जिससे युवाओं का पलायन रुक सके और घर बैठे रोजगार भी प्राप्त हो सके।
कहा कि कच्चे माल की उपलब्धता के साथ ही उन्नत कृषि के लिए वैज्ञानिकों से लगातार संपर्क करना भी जरूरी है। उन्होंने बुन्देलखण्ड में युवाओं के लिए कृषि उद्यमिता के संभावित क्षेत्रों की जानकारी दी। बताया कि जैविक उत्पाद, मसाला उत्पादन एवं व्यापार, वर्मी कम्पोस्ट, बकरी पालन, मुर्गी पालन, गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन, कृषि में सलाह, मोटे अनाजो की खेती, कस्टम हाइरिंग सेन्टर एवं मूल्य संवर्धन आदि के क्षेत्र में काम करके युवा अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और बुंदेलखंड क्षेत्र से पलायन की समस्या को दूर किया जा सकता है। गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा ओझा ने सभी महिला कृषकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस प्रशिक्षण में 25 महिला कृषकों ने प्रतिभाग किया।
पैसों के अभाव में नहीं रुकेगा गरीबों का इलाज
- कैंप लगाकर बनेगा आयुष्मान कार्ड
- पखवाड़े में दो दिन में बने 210 कार्ड
- 18 मई तक गांवों में चलेगा विशेष पखवाड़ा
बांदा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के आयुष्मान कार्ड विहीन लाभार्थी परिवारों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चल रहा है। यह अभियान 18 मई तक चलेगा। इस योजना के अंतर्गत चयनित परिवारों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए तक का इलाज निःशुल्क मिलेगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्ताव ने बताया कि अभियान के दौरान गांव में टीम जाकर निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बना रही है। आशा, एएनएम और कॉमन सर्विस सेंटर के सहयोग से गांव में बड़े शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविर में आने वाले लाभार्थियों को प्रधानमंत्री का पत्र, मुख्यमंत्री का पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर आना होगा।
योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक धीरेंद्र वर्मा ने बताया कि जनपद में लाभार्थी परिवारों की संख्या 1.94 लाख है। कुल लाभार्थियों की संख्या 8.19 लाख है। अब तक 1.71 लाख लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। बताया कि वर्तमान में समस्त ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा कॉमन सर्विस सेंटर पर प्रतिदिन निशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। रोजाना 16 कैंप लगाए जाएंगे। पखवाड़े में दो दिनों में 210 कार्ड बनाए गए। चयनित परिवारों को निशुल्क आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराकर पंजीकृत सदस्यों के बीमार होने की स्थिति में योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज किया जाता है।
बुखार के मरीजों की होगी मलेरिया जांच
- प्रभावित क्षेत्रों में आरआरटी लेगी नमूने
- मच्छर पनपने वाले स्थलों को किया जाएगा ख़त्म
- मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के बारे में किया जायेगा प्रशिक्षित
बांदा। मच्छरजनित रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, हेल्थ सुपरवाइजर सहित मलेरिया विभाग के कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। बुखार का मरीज मिलने पर रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) द्वारा प्रभावित क्षेत्र में जाकर मलेरिया बुखार की जांच और संक्रमण की रोकथाम की विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में बृहस्पतिवार को झांसी से आए प्रशिक्षक मंडलीय एंटोमेलॉजिकल रविदास ने कहा कि बुखार मरीज मिलने पर प्रभावित क्षेत्र में आसपास कम से कम 50 घरों में मच्छर पनपने वाले स्थल यानी सोर्स रिडक्शन को दूर किया जाएगा। जल भराव वाले स्थानों व नालियों में लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव किया जाना चाहिए। इसके साथ ही समुदाय में लोगों को जागरूक करें, जिससे महामारी को फैलने से रोका जा सके। प्रशिक्षक ने मलेरिया, फाइलेरिया एवं डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की पहचान, प्रजनन का स्थान, लार्वा के प्रकार तथा लार्वा निरोधक दवा (टेलीफास), डीडीटी, पैराथ्रम इत्यादि के छिड़काव के बार में विस्तार से जानकारी दी।
जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को मलेरिया संक्रमित मच्छर काटता हैं, तो उसमे मौजूद प्लाज्मोडियम परजीवी अपना स्पोरोजॉइट इंफेक्शन खून में लार के रूप में छोड़कर व्यक्ति को संक्रमित कर देता है। शरीर में प्रवेश करने के आधे घंटे के अंदर यह परजीवी व्यक्ति के लिवर को संक्रमित कर देता है। लिवर के भीतर मलेरिया को फैलाने वाले छोटे जीव मीरोजॉइट्स बनने लगते हैं। यह लिवर से रक्त में फैलकर लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं, इससे लाल रक्त कण टूटने लगते हैं और व्यक्ति को मलेरिया हो जाता हैं। इलाज पूरा नहीं लेने पर ये मीरोजॉइट्स बाहर नहीं निकलते। कुछ समय बाद दोबारा व्यक्ति को परेशानी शुरू हो जाती है।
यह हैं मलेरिया के लक्षण
अचानक सर्दी लगना, फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना, पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना, दो से सात दिन तक तेज बुखार रहना, सांस लेने में तकलीफ होना, हाथ-पैर में ऐंठन, मिचली, उल्टी आना या महसूस होना, शरीर पर लाल-गुलाबी चकत्ते होना, आंखें लाल रहना, दर्द रहना, हमेशा थका-थका और कमजोरी महसूस करना, भूख न लगना, खाने की इच्छा में कमी, मुंह का स्वाद खराब होना, पेट खराब होना।
ऐसे करें बचाव
घर में सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें, घर में मच्छर भगाने वाले क्वायल, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग करें, घरों के अंदर डीडीटी जैसी कीटनाशकों का छिड़काव कराएं, बाहर जाने से पहले मॉसकीटो रेप्लेंट क्रीम का इस्तेमाल करें, घर के आसपास जलभराव न होने दें। उस पानी में मिटटी का तेल या जला तेल छिड़कें, सप्ताह मे एक बार पानी की टंकियों मटके, कूलर आदि खाली करके सुखाएं।
रिसर्च सेंटर एवं अस्पताल की स्थापना हेतु दिल्ली से आई टीम ने भूमि का किया निरीक्षण
बबेरु/बांदा। बबेरू तहसील क्षेत्र अंतर्गत टोला कला गांव के पास है। रिसर्च सेंटर एवं अस्पताल की स्थापना हेतु दिल्ली से आई टीम के द्वारा जगह का निरीक्षण किया गया है। और बहुत ही जल्द चयनित जगह पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा । इस मौके पर बबेरू तहसीलदार सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
बबेरू तहसील क्षेत्र अंतर्गत सिमौनी व टोला कला गांव बबेरू तिन्दवारी मार्ग पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह के द्वारा रिसर्च सेंटर एवं अस्पताल को बनवाए जाने को लेकर सिमौनी धाम भंडारे के समय घोषणा किया गया था, जिसमें रिसर्च सेंटर एवं अस्पताल बनवाए जाने हेतु दिल्ली से आई टीम में डिप्टी डायरेक्टर डॉ सौरभ गोयल, आईजी पीएचसी एडी अरुण कुमार चौहान, एवं डॉ अभय कुमार शर्मा के द्वारा जमीन का निरीक्षण किया गया है। और बताया गया है कि , बहुत ही जल्दी इस जगह पर रिसर्च सेंटर एवं अस्पताल बनवाए जाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस मौके पर बबेरू तहसीलदार अजय कुमार कटियार सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे हैं।
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