जब गरीबों के आंसू अंगारे बन जाते है तो सोने के महल भी पिघलकर नालों में बह जाते है - राम इकबाल सिंह


वंचित अधिकार दिवस के रुप में मनायी गयी स्व० अनुरागी देवी की दसवी पुण्यतिथि 

विशेष प्रतिनिधि 

बलिया। जनपद की सुप्रसिद्ध सामाजिक संस्था डा. अम्बेडकर सोशल वेलफेयर सोसाइटी असनवार, बलिया की संस्थापिका /अध्यक्ष रही स्व० अनुरागी देवी की दसवीं पुण्यतिथि राम अइगा प्रसाद अनुरागी फाउंडेशन(रापा फाउंडेशन) के प्रधान कार्यालय पर 'वंचित अधिकार दिवस" के रुप में मनायी गयी। इस अवसर पर "भारतीय संविधान और हाशिये के लोग" विषयक एक संगोष्ठी  का भी आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता आम आदमी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डा० प्रदीप कुमार ने की।

इस संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के में सम्बोधित करते पूर्व राज्य मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता  सनातन पाण्डेय ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बीतने के बावजूद आज भी एक बहुत बड़ी आबादी हाशियें का जीवन जी रही है और अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित है। भारत के संस्थापकों और संविधान निर्माताओं ने एक सपना देखा था कि जब देश आजाद होगा और सही मायने में संविधान लागू होगा तो देश के अन्दर एक समतामूलक समाज की स्थापना होगी, लेकिन आज देश के अन्दर जाति और धर्म की खाईं और बढ़ती नजर आ रही है, जो कहीं से भी समाज और देश के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है।

विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कहा कि आज सभी प्रगतिशील विचारधारा के लोगों  को मिलकर एक न्यायपूर्ण समाज बनाने में अपना सहयोग देना होगा। देश के अन्दर से अमीरी और गरीबी की खाईं को पाटना होगा। क्योंकि गरीब के आंसू कुछ समय तक आंसू रहते है, लेकिन जब वह सूख जाते है तो उसकी आंखे अंगारे बन जाती है। इतिहास गवाह है कि जब गरीबों की आंखे आंगारे बन जाती है तो सोने के महल भी पिघलकर नालों में बह जाते है। इसलिए आज इस बात की आवश्यकता है कि जो लोग सदियों से हाशियें का जीवन जी रहे हैं, उनको समाज की मुख्यधारा में लाकर उनको जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में भागीदारी दी जाये, तभी सही मायने में देश के अन्दर अमृत महोत्सव मनाये जाने का ये पर्व सफल माना जायेगा। केवल घड़ियाली आंसू बहाने से समाज और देश का कोई भला होने वाला नहीं  है।

अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में आम आदमी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डा० प्रदीप कुमार ने कहा कि आज देश की बहुसंखयक जनता अपने अधिकारों से अनभिज्ञ है। आज जरुरत इस बात की है कि एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाकर हाशियें के लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाये। क्योकि जो समाज अपने अधिकारों और इतिहास को नहीं जानता है, वह कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है। यदि वास्तव में देश को सशक्त बनाना है तो देश के हर एक नागरिक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में भागीदारी आवश्यक है। 

इस कार्यक्रम में प्रमुख रुप से भाग लेने वालों में सर्व डा० अनुराग गर्ग उर्फ संतोष कमार, भोला प्रसाद, संजय यादव, रणवीर सिंह सेंगर, कर्णेश सिंह, शक्ति सिंह, मनीष निगम, सुनील कुमार पासवान,  धन्नजय कुशवाहा, अभय कुमार कौशल, आशुतोष पाण्डेय, दिनेश राजभर, मुन्ना राम, चन्द्रसेन सिंह, अशोक कुमार गुप्ता, अजीत राजभर, सभाष राम, जितेन्द्र कुमार राव, दिनेश कुमार, गौरीशंकर राजभर, रवीन्द्र कन्नौजिया, श्यामलाल यादव, राम अवध यादव, बृजेश सिंह बागी, बेचू राम, मुन्नु राम, अरविन्द कुमार पाण्डेय, रविप्रकाश श्रीवास्तव, श्रीनिवास जोशी,  अमरनाथ वर्मा, नथुनी राजभर,  पुष्पराज, एस. के. रंजन , योगेन्द्र प्रजापति आदि सहित सैकड़ो गणमान्य लोग प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। अन्त में कार्यक्रम के आयोजक एवं स्व० अनुरागी देवी के छोटे पत्र जयराम अनुरागी ने आये हुए सभी आगुन्तकों के प्रति आभार प्रकट किया।

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