2023 में कर्मों की सजा ज्यादा मिलती दिखाई पड़ेगी : बाबा उमाकान्त महाराज



कैसे शाकाहार का प्रचार पूरे विश्व में फैलाया जाए

प्रेमियों! जो लोग भटक रहे है उन्हें समझाओ नहीं तो काल की शक्तियां उन्हें कर्मों की सजा दे देंगी

उज्जैन (म.प्र.)। निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी यानी उनके ही तदरूप इस समय के गुरु महाराज, भटकते जीवों को समझाने बचाने वाले, नामदान देने के एकमात्र अधिकारी, शाकाहार नशामुक्ति के समर्थक, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 2023 में पीलिया, लकवा आदि बीमारियां बढ़ेगी। सर्दी जुखाम बुखार सामूहिक चीज है लेकिन ऐसा आएगा कि जल्दी छोड़ेगा नहीं। एक तो होता है दो दिनों से नाक से पानी निकल रहा हो तो साफ कर लो, परहेज कर लो, गरम पानी पी लो, भोजन खा लो तो ठीक हो जाता है। और एक ऐसा भी होता है दवा खाते रहो तो भी जल्दी ठीक नहीं होता है। तो समझो वह कर्मों की सजा मिल रही है। तो कर्मों की सजा इस साल लोगों को ज्यादा मिलती हुई दिखाई पड़ेगी। और कहीं महंगाई, कहीं मंदी है, यह तो होता ही रहता है। यह तो जैसा होता है, ऐसा होता ही रहेगा। यह जरूर है रुपया पैसा की कमी दिखाई पड़ेगी। बरकत लोगों की कम होगी। परेशानियां जरूर बढ़ेगी लेकिन जो लोग बराबर गुरु के दामन को पकड़े रहेंगे, आप गुरु महाराज जैसे गुरु महाराज को याद करते रहोगे, उनके बताए रास्ते पर चलते रहोगे, जो हो सकेगा अपने-अपने स्तर से अपने तन मन धन से सेवा करते रहोगे तो आपको सुख शांति रहेगी। तकलीफ आएगी भी तो जरा से में चली जाएगी।

प्रेमियों! जो लोग भटक रहे है उन्हें समझाओ नहीं तो काल की शक्तियां उन्हें कर्मों की सजा दे देंगी

बाबा उमाकान्त जी ने 21 जनवरी 2023 प्रातः विकोटा (आंध्र प्रदेश) में बताया कि सब जीव उसी (प्रभु) के हैं। मान लो कोई बच्चा भटक रहा (गलत रास्ते पर चल रहा) है तो अपने बड़े या किसी भी बेटे से कहता है कि इसको समझा दो, मना लो। जब नहीं मानता है तो उसी में से किसी (बेटे) को कह देता है कि लगाओ इसको थप्पड़ तब वह थप्पड़ भी लगाता है। तो जितने भी जीव हैं, सब उसी के है। यह काल भगवान जो थप्पड़ लगाते हैं, शिव जिनके पुत्र हैं जो थप्पड़ लगाते हैं, तांडव करते हैं, या उनके आधीन देवी-देवता धरती को हिला (भूकंप ला) देते हैं, पवन देवता बड़ी तेजी से आंधी-तूफान ला देते हैं, बहुत से घर उजड़ जाते, बहुत से आदमी मर जाते हैं, आकाश देवता मोटे-मोटे ओला-पत्थर गिरा देते हैं, इनसे सजा मिल जाती है जब उनकी बात को नहीं मानते हैं। तो समझो प्रेमियों! आप किसके अंश हो? उस प्रभु के अंश हो। तो आपको इस बात की जानकारी कराई जा रही है कि यह जो भटक रहे हैं, उनको आप समझाओ।

बकरा मुर्गा काटने से देवता कभी खुश नहीं होते हैं

बाबा उमाकान्त जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में प्रेमियों को बताया कि सहज योग यही है। यह सहज योग को पकड़ नहीं पाते हैं। कोई कहता है कि दादाजी भी राम कृष्ण जपते रहे, विष्णु शिव को मानते रहे। वह देखो पेड़ को भगवान मानते रहे, पत्थर को ही उन्होंने मान्यता दे दिया था, वह बकरा काटते रहे तो हम भी काटेंगे। वह भी वही करता है। उसको पता ही नहीं है कि बकरा मुर्गा काटने चढ़ाने से देवता कभी खुश नहीं होते बल्कि और नाराज हो करके सजा दे देते हैं। क्योंकि उसने भगवान को, देवी-देवताओं को देखा तो है नहीं। किसी ने बता दिया बस उसी पर विश्वास कर लिया तो उसमें फंस जाता है। जयगुरुदेव नाम नहीं बोलता है। कहता है- नहीं नहीं, हमारा वही ठीक है। हम उसी में मस्त है। देखो उन्होंने ही हमारी तकलीफ को दूर किया था, उन्होंने ही हमारे भूत को छुड़ाया था तो उन पर से विश्वास हटता नहीं है। और एक म्यान में दो तलवार रह नहीं सकती है। जब उधर से ध्यान हटता है, इधर लगाया जाता है तभी तो इधर लगेगा। अब यह जरूर है कि उधर ज्यादा टन्ट-घन्ट करना पड़ता था जैसे अरे जमीन लीपो, गंगाजल से स्नान करो, शरीर को पवित्र करो, फूल पत्ति नैवेद्य लाओ, हवन, जौ, तिल, घी लाओ, वेद मंत्र पढ़ो, आहुति दो, देवता खुश होंगे तब कुछ देंगे। तो वहां तो ज्यादा करना पड़ता था। और इसमें तो खाली चुपचाप एकांत में बैठकर ही कहीं भी याद कर लो, कहीं भी सुमिरन, ध्यान कर लो। बैठे-बैठे, लेटे लेटे कर लो, न मौका मिले तो लैट्रिन में ही ध्यान लगा लो, कान में ऊँगली लगा लो। लैट्रिन भी करते रहो, (शब्द भी) सुनते भी रहो। तो इसको तो कर ही सकता है। मुख्य चीज है विश्वास हो जाए। विश्वास जब तक नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं होने वाला है। इसलिए विश्वास वहीं से दिलाकर लाओ कि इतना दिन तुमको करते हुए हो गया, अभी तक तुम को क्या मिला, यह देखो। और अब तुमको ले चल रहे हैं, नामदान दिलाएंगे, नाम की कमाई करवाएंगे, सुमिरन ध्यान करवाएंगे, जो बताएंगे वह करना तब स्वयं देख लेना कि तुम को क्या मिलता है? अब तक किताबों को खूब पढ़ते रहे, खूब हनुमान चालीसा, बजरंग बान, दुर्गा सप्तशती, रामायण की चौपाइयां पढ़ते रटते रहे लेकिन तुम को क्या मिला? यह देख लेना और अब उसी का फल तुमको मिलने जा रहा है। चल कर के जो उसमें लिखा है- राम न सकहिं नाम गुण गाई, कह लग करूं में नाम बढ़ाई, वह नाम तुमको मिलेगा जिसका राम भी गुणगान कभी नहीं कर सकते। उन्ही नाम को याद करके हनुमान ने राम को अपने वश में कर लिया था। वो नाम मिलेगा। इतना समझा कर के, बच्चे और बच्चियों जब लाओगे तो रुचि से नामदान लेगा और करेगा भी क्योंकि उसके अंदर इच्छा जग जाएगी।

मांस शराब के सेवन के नुकसान

बाबा उमाकान्त जी ने 8 सितंबर 2021 प्रातः भीलवाड़ा में बताया कि खानपान और चाल-चलन यह सही रखना जरूरी है क्योंकि खान-पान से ही आदमी की बुद्धि सही रहती है। जब से मांसाहार बढ़ा तब से अपराध, भ्रष्टाचार, लड़ाई-झगड़ा, क्रोध गुस्सा, काम भावना, लोभ, लालच बहुत बढ़ गया। जगह-जगह खुली शराब की दुकानों से आम लोगों को शराब खुले आम बिना रोक-टोक के मिलने लग गयी तब से अपराध बहुत बढ़ गया। नशे में कोई किसी को कुछ समझ पाता है? मां बेटे को मार देती है, बेटा मां को, बाप को मार देता है। बाप, बेटा-बेटी को मार देते हैं। नशे में कुछ पता नहीं चलता है क्योंकि बुद्धि ही खास है। बुद्धि जब नहीं रहती है तब आदमी को ज्ञान नहीं रहता है।

कैसे शाकाहार का प्रचार पूरे विश्व में फैलाया जाए

बाबा उमाकान्त जी ने 8 फरवरी 2020 दोपहर बावल आश्रम में बताया कि शाकाहारी सम्मेलन में शाकाहारी लोग बैठकर के गोष्ठी करेंगे, अपने विचार रखेंगे कि किस तरह से शाकाहार का प्रचार पूरे विश्व में फैलाया जाए जिससे लोगों को रोगों से मुक्ति मिल जाए, घर-घर की तकलीफें दूर हो जाए, शांति आ जाए, यह सब अपने विचार रखेंगे।

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